
कानपुर में हुई थी देवरिया से बड़ी घटना, DM ने टीम के साथ शेल्टर होम में छापा मारा
कानपुर। बिहार के मुजफ्फरपुर और यूपी के देवरिया में महिला शेल्टर होम में यौन शोषण का मामला सामने आने पर दोनों राज्यों में हड़कंप मच गया। सीएम योगी आदित्यनाथ ने कई अधिकारियों को निलंबित कर जांच के लिए एसआईटी का गठन के साथ सीबीआई को जिम्मेदारी सौंप दी है तो वहीं सूबे के अन्य जिलों शेल्टर होम के निरीक्षण के आदेश जिला प्रशासन को दिए हैं। लेकिन कानपुर के स्वरूप नगर स्थित महिला शेल्टर होम में छह माह पहले इससे बड़ी घटना सामने आई थी। यहां एक महिला के साथ हैवानियत के बाद हत्या कर दी गई। उसके पूरे शरीर में नाखून की खरोंच के अनगिनत निशान मिले हैं। पुलिस और संवासिनी गृह के स्टाफ ने मामले को दबाने की पूरी कोशिश की लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने सारी सच्चाई सामने ला दी। रिपोर्ट में हत्या से पहले महिला के साथ रेप की पुष्टि हुई थी। इसी के चलते डीएम विजय विश्वास पंत जिले के अलाधिकारियों के साथ स्वरूप नगर स्थित शेल्टर होम में छापा मारा। पूरे परिसर की तलाशी ली और एक-एक महिला से पूछताछ की। साथ ही यहां के कर्मचारियों द्धारा उत्पीड़न किए जाने के बारे प्रश्न किए। डीएम ने जांच के बाद कहा कि सभी महिलाएं पूरी तरह से स्वस्थ और सुरक्षित हैं।
डीएम ने टीम के साथ किया निरीक्षण
डीएम विजय विश्वास पंत, एडीएम एफआर संजय चौहान, एसीएम छह हरीश चंद्र , एसीएम चार रिजवाना शाहिद और मंडलीय अधिकारी श्रुति शुक्ल के साथ ने स्वरूप नगर स्थित महिला शेल्टर होम में रेड की। डीएम ने एक-एम महिलाओं से पूछताछ की और चप्पे-चप्पे की तलाशी ली। डीएम व अन्य अधिकारियों ने जांच के दौरान महिलाओं और किशोरियों से पूछा कि लड़कों से जबरदस्ती मिलवाया तो नहीं जाता है तो जवाब मिला नहीं। सिर्फ मां, पिता, भाइयों से ही मुलाकात कराई जाती है। किसी तरह की अनियमितता या गड़बड़ी नहीं मिली है। महिला शरणालय में इस समय 70 महिलाएं और उनके 10 बच्चे हैं।
एक-एक महिला से की पूछताछ
डीएम के अलावा अन्य अधिकारियों ने सभी से पूछा कि बाहरी लड़कों या पुरुषों से जबरन मिलवाया तो नहीं जाता है। सभी ने कहा कि नहीं। इसके बाद अफसरों ने एक-एक महिला को अलग ले जाकर कई तरह के सवाल किए, समस्याएं जानी और समय से भोजन सहित अन्य सुविधाओं के बारे में उनसे जानकारी ली। इसके बाद टीम बगल में ही स्थित बालिका बालक गृह पहुंची। यहां पर 10 से लेकर 18 साल तक की 97 लड़कियां थीं। एसीएम और सीओ ने यहां भी महिला शरणालय की तरह कई सवाल पूछे। किसी ने कोई भी शिकायत नहीं की। डीएम ने बताया कि दोनों गृहों में सीसीटीवी कैमरे लगे हैं। इससे 24 घंटे निगरानी की जाती है। दोनों गृहों में किसी तरह की अनियमितता या गड़बड़ी नहीं मिली। लगातार निगरानी होती रहेगी।
6 माह पहले सरोजनी का मिला था शव
राजकीय संवासिनी गृह सरोज विश्वकर्मा रह रही थीं। छह माह पहले उसकी संदिग्ध परिस्थिति में मौत हो गई थी। कर्मचारियों का कहना था कि उसे मिर्गी का दौरा पड़ा था। इससे उसकी हालत बिगड़ गई थी। वे उसे हैलट ले गए थे, जहां उसको मृत घोषित कर दिया गया। पुलिस एक दिन तक मामले को दबाए रखी, लेकिन पोस्टमार्टम में उसके साथ दरिंदगी का खुलासा हो गया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट से पता चला कि उसके शरीर को जानवरों की तरह नोचा गया है। इसकी पुष्टि उसके शरीर में नाखून की खरोचों के अनगिनत निशान मिलने से हो गई। उसकी पीठ में रगड़ के निशान भी मिले थे।उसके नाखून और प्राइवेट पार्ट के पास पुरुष के बाल भी मिले थे, जिसके बाद डॉक्टर्स ने रेप की पुष्टि हुई की थी।
छात्रा ने किया था सुसाइड
राजकीय संवासिनी गृह में कई बार ऐसे मामले सामने आ चुके हैं। करीब नौ साल पहले संवासिनी गृह से कई लड़कियां भाग गई थी। पुलिस ने जब उनको बरामद किया था तो उन्होंने संवासिनी गृह में उत्पीड़न किए जाने का आरोप लगाया था। उस दौरान जांच की बाद कार्रवाई की बात कही गई थी, लेकिन एक भी आरोपी नहीं पकड़ा गया। इतना ही नहीं जनवरी 2018 में बालिका गृह में एक छात्रा ने सुसाइड कर लिया था। तब छात्रा के परिजनों ने आरोप लगाया था कि उसके साथ यहां की महिला कर्मचारी मारपीट करती है। उस पर गलत काम करने का बदाव बनाती हैं, लेकिन छात्रा को भी अभी तक इंसाफ नहीं मिला। इतना ही नहीं ऐसे कई मामले और भी सामने आए, लेकिन कर्मचारियों ने उन्हें दबा दिया। आसपास के लोगों की मानें तो यहां रहने वाली महिलाओं को समय से भोजन नहीं दिया जाता। सरकार के पैसे का जमकर बंदरबांट किया जाता है।
Published on:
08 Aug 2018 07:05 am
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