
दो साल की शांति के बाद डेंगू का वायरस एक बार फिर हुआ म्यूटेट
कानपुर। बाढ़ के साथ डेंगू का खतरा और भी बढ़ गया है. इस बार खतरा इस बात का भी है कि डेंगू का वायरस म्यूटेट हो गया है. इसकी वजह से डेंगू से होने वाली दिक्कतें खरतनाक रूप दिखाएंगी, जो मरीज मिल रहे हैं. उनमें पहले से ही एक न एक बीमारी है. उसके बाद उनमें डेंगू की भी पुष्टि हो रही है. पैरो में सूजन और दर्द की शिकायत तो बेहद सामान्य है जोकि अमूमन डेंगू की वजह से नहीं होती हैं. डॉक्टर्स भी वायरस के ज्यादा शक्तिशाली होने की बात मान रहे हैं और सतर्क रहने की बचाव की हिदायत दे रहे हैं.
अब आने लगे हैं सैंपल
डेंगू की जांच की सुविधा मेडिकल कॉलेज के माइक्रोबायोलॉजी डिपार्टमेंट में है.यहां पर डेंगू के सैंपल लगातार पहुंच रहे हैं. पहले जहां हफ्ते में एक बार सभी सैंपलों की जांच की जा रही थी अब हफ्ते में दो बार सैंपल लगा कर जांच चल रही है. शनिवार को भी 16 सैंपलों की जांच की गई जिसमें दो की रिपोर्ट पॉजीटिव आई है. इस बार खतरे को भांपते हुए वायरोलॉजी इंस्टीटयूट से जांच किट पहले से ही मंगा ली गई हैं.
अब दिखाई देगा खतरनाक रूप
हैलट के डेंगू वार्ड में डेंगू के तीन मरीजों का इलाज चल रहा है. इनमें से एक तो मलेरिया और हेपेटाइटिस से भी पीड़ित हैं. वहीं दो को पैरों में सूजन और भीषण दर्द की भी शिकायत है. मेडिसिन विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ.बृजेश कुमार ने बताया कि डेंगू के साथ बुखार के जो पेशेंट्स आ रहे हैं. उन्होंने बताया कि संभवत इस बार वायरस का स्ट्रेन बदल गया है. जैसे जैसे बारिश कम होगी पेशेंट्स की तादात बढ़ेगी. मच्छरों का प्रकोप अभी से शुरू हो गया है.
तीन तरह का होता है डेंगू
क्लासिकल डेंगू- साधारण बुखार
डीएचएफ- डेंगू हैमरेजिक बुखार
डीएसएस-डेंगू शॉक सिंड्रोम
बेहतर है ऐसा बचाव -
- डेंगू मच्छरों से फैलने वाली बीमारी है. ऐसे में घर में या आसपास पानी का जमाव न हो यह सुनिश्चित करें
- डेंगू फैलाने वाले मच्छर सुबह के समय ज्यादा सक्रिय होते हैं. ऐसे में सोने के लिए मच्छरदानी का इस्तेमाल करें. सुबह शरीर को ठीक से ढक कर निकले
- लगातार बुखार होने के पर कंप्लीट ब्लड काउंट जांच कराएं. प्लेटलेट काउंट पर नजर रखे
- बुखार के साथ शरीर में चकत्ते, जोड़ों में दर्द, गले और आंखों में दर्द होने पर डॉक्टर को जरूर दिखाएं
Published on:
07 Aug 2018 01:47 pm
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