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डिप्टी सीएम ने सपा-बसपा पर किया प्रहार, सत्ता जाने से मायावती-अखिलेश हताश

locationकानपुरPublished: Jul 22, 2018 07:52:34 pm

Submitted by:

Vinod Nigam

एक निजी कार्यक्रम में भाग लेने के लिए कानपुर पहुंचे डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा, महागठबंधन नहीं रोक पाएगा पीएम मोदी का विजयी रथ

akhilesh Mayawati giving unrestrained statement says deputy cm Sharma

डिप्टी सीएम ने सपा-बसपा पर किया प्रहार, सत्ता जाने से मायावती-अखिलेश हताश

कानपुर। उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा रविवार को एक कार्यक्रम में भाग लेने के लिए कानपुर पहुंचे। इस दौरान उन्होंने अखिलेश यादव पर निशाना साधते हुए कहा कि आलोचना करने वाले सिर्फ आलोचना ही करते रहते हैं, लेकिन हम जनता के लिए काम कर रहे हैं। वह जितने आरोप हम पर लगाएंगे, हम उतनी ही तेजी से प्रदेश को विकास के पथ पर लेकर जाएंगे। पांच साल की सरकार के दौरान अखिलेश यादव ने अपने परिवार को विकसित करती रही। उन्होंने कभी सैफई से बाहर निकल कर नहीं देखा। वहीं मायावती ने हाथी की मूर्तियों के जरिए सूबे के कोष को करोड़ों का चूना लगाया। दोनों की सरकारें जनता के पैसे का बंदरबांट किया। सरकारी योजनाएं कागज पर चलती रहीं, जिन्हें योगी सरकार जमीन पर उतार रही है। महागठंधन पर डिप्टी सीएम ने कहा कि जिनकी आगवानी करने वाला नेता सदन में आंख मारता हो, भला उस पर जनता कैसे विश्वास करेगी। विपक्ष कुछ भी कर ले, लेकिन वो पीएम नरेंद्र मोदी के विजयी रथ को नहीं रोक पाएगा। देश में फिर से मोदी सरकार जनता बनाने जा रही है।

सबकी सरकार
एक कार्यक्रम में भाग लेने के लिए डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा कानपुर आए। इस मौके पर उन्होंने समाजवादी पार्टी, बसपा व कांग्रेस पर जमकर जुबानी हमला बोला। डिप्टी सीएम ने कहा कि हमें विरासत में बीमार प्रदेश मिला, जिसके इलाज में थोड़ा बहुत समय जरूर लगेगा। पर जब ठीक होगा तो यहां पर रोजगार की बयार बहेगी। डिप्टी सीएम, कहा कि पहले की सरकारों में शामिल प्राइवेट कंपनी के लोग स्वयं के हित में जुटे रहे। उनके एजेंडे में किसान, मजदूर और युवाओं के लिए कुछ नहीं था। भाजपा की सरकार किसानों और मजदूरों, युवाओं व समाज के सभी वर्गो के लिए काम कर रही है। यह एक परिवार की न होकर यूपी के 22 करोड़ लोगों की हुकूमत है। यही हाल दिल्ली में है। अब मां, बेटे के बजाए एक चायवाले के हाथ में देश की बागडोर है और उनके रहते भ्रष्टाचार करना मुमकिन ही नहीं नामुकिन है।

कभी तो घर से निकलें अखिलेश
डिप्टी सीएम ने कहा कि अखिलेश यादव आएदिन सोश्ल मीडिया के जरिए सरकार की जनहितकारी योजनाओं की खिल्लियां उड़ाते हैं। हमारी उन्हें सलाह है कि कभी तो घर से निकलें और देखें की किस तरह से प्रदेश बदल रहा है। विरोधी दलों के पास भाजपा से टक्कर लेने के लिए कोई मुद्दा नहीं होने के चलते कभी संसद में मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाते हैं तो कभी डर व खौफ की बात कर लोगों को भड़काते हैं। दिनेश शर्मा ने कहा कि भाजपा सरकार बनते ही किसानों का कर्जामाफ किया गया। बूचड़खानें बद करवाए गए तो वहीं किसानों को पहली बार उनकी फसल का समर्थन मूल्य देने का ऐलान किया गया। प्रदेश में कई कई और अच्छी विकास योजनाएं लाई जा रही हैं। उन्होंने अधिकारियों को चेताया कि विकास योजनाएं बनाने से विकास नहीं होता। विकास के लिये जमीन पर काम करना होगा।

हर अच्छी योजनाओं का श्रेय लेने की आदत
अखिलेश के बयान, ’समाजवादी पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे’ का शिलान्यास पहले ही कर चुके हैं। बीजेपी अब समाजवादी शब्द को हटाकर पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के नाम पर उद्धाटन किया है। . प्रदेश में आज सपा की सरकार होती तो ये एक्सप्रेसवे बनकर तैयार हो गया होता। पर पलटवार करते हुए उपमुख्यमंत्री ने कहा कि उन्हें हर अच्छी योजनाओं का श्रेय लेने की आदत पड़ गई है। कहा कि अपने समय में तो उन्होंने कुछ काम किया नहीं, अब हर परियोजना का श्रेय खुद ही ले लेने का काम कर कर रहे हैं। राज्य में 19 मार्च को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में सरकार बनने के बाद से ही सरकार ने बिना किसी राजनीतिक भेदभाव के काम किया है। यही नतीजा है कि आज उत्तर प्रदेश में निवेश के लिए हर कोई इच्छुक है। बताया, अखिलेश यादव जिस पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के शिलान्यास की बात कर रहे हैं, उसमें उनकी तैयारी आधी-अधूरी थी। उनके समय में जमीन के अधिग्रहण के बिना ही सिविल टेंडर जारी कर दिए गए थे, जबकि नियम यह है कि जब तक एक्सप्रेस-वे की 90 फीसदी जमीन का अधिग्रहण नहीं हो जाता है तब तक टेंडर जारी नही किए जाते हैं।

तत्काल करें शिकायत, होगी कार्रवाई
डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा ने कहा, हमने प्राइवेट कॉलेजों की फीस बढ़ोत्तरी पर रेगुलेट करने के लिए कई नियम बनाए और संशोधित किए हैं। जिससे फीस बढ़ाने वाले कॉलेज सरकार के अनुसार ही बढ़ा सकेंगे। वरना उनका स्कूल सरकार अपने कब्जें में लेकर खुद चलाएगी। ये नियम ऐसे स्कूलों पर लागू नहीं होंगे जिनकी फीस सालाना 20 हजार रुपए होगी। इससे ज्यादा वाले इन सभी नियमों के दायरे में आएंगे। उपमुख्यमंत्री ने कहा, हर साल की फीस प्रकिया को तीन चरणों में बांट दिया गया है। पहला-संभव शुल्क, दूसरा- ऐक्षिक शुल्क, तीसरा- विकास शुल्क अधिभार। स्कूल छोड़ते समय बच्चों का काशन मनी वापस करना होगा। अब स्कूल में व्यावसायिक गतिविधियों से होने वाले आय को स्कूल की आय ही माना जाएगा। जिसमें कैंटीन भी शामिल है। उसकी भी रेट वाजिब हों। इसकी देखरेख की जा रही है। बावजूद अगर कोई स्कूल संचालक इन नियमों का पालन नहीं करता तो अभिभावक जिले के अलाधिकारियों के पास शिकायत दर्ज करा सकते हैं। यदि वहां सुनवाई नहीं होती तो वो सीधे मुझझे मिल सकते हैं

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