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अनुप्रिया के इस नेता ने सोज को सुनाई खरी-खरी, कांग्रेस के चलते मुशर्रफ प्रेमियों की संख्या बढ़ी

अपना दल एस ने गुलाब नबी और सैफुद्दीन के बयान की निंदा, एफआईआर दर्ज कराए जाने की मांग

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अनुप्रिया के इस नेता ने सोज को सुनाई खरी-खरी, कांग्रेस के चलते मुशर्रफ प्रेमियों की संख्या बढ़ी

कानपुर। राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद और सैफुद्दीन सोज के बयान के बाद पूरे देश में सियासत गर्म है। एनडीए के नेता अब राहुल गांधी, अखिलेश यादव सहित महागठबंधन के नेताओं पर जुबानी के साथ सोशल मीडिया के जरिए हमला कर रहे हैं। अपना दल एस के नेता अजय प्रताप सिंह ने कहा कि गुलाब नबी आजाद और सैफुद्दीन सोज जिस तरह से कश्मीर के बारे में तिप्पणी की है, उसकी हम घोर निंदा करते हैं। साथ महागठबंधन के नेताओं से अपील करते हैं कि इनके खिलाफ खुद राहुल और अखिलेश यादव एफआईआर दर्ज कराएं। पर वह ऐसा नहीं करेंगे, क्योंकि उनका एक वर्ग का वोट खिसक जाएगा। अब कांग्रेसी वोट और कुर्सी के चलते देश विरोधी गतिविधियों के पक्ष में उतर आए हैं लेकिन मोदी सरकार के रहते उनके सपने पूरे नहीं होंगे। कश्मीर से आतंक और उनके आंकाओं की उल्टी गिनती शुरू हो गई है और कुछ दिन के बाद वहां शांति नजर आएगी।
क्या है पूरा मामला
कांग्रेस के नेता सैफुद्दीन सोज ने पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ के उस बयान का समर्थन किया था जिसमें मुशर्रफ ने कहा था कि कश्मीर को अगर वोट करने का मौका मिलता है तो वह आजाद रहना पसंद करेगा। शोज ने कहा था कि मुशर्रफ का यह अंदाजा सही लगता है। सैफुद्दीन सोज यूपीए-1 में केंद्रीय मंत्री थे, उन्होंने अपनी आने वाली किताब में लिखा है कि केंद्र सरकार को कश्मीर की समस्या के समाधान के लिए मुख्य दलों के पास जाने से पहले यहां हुर्रियत कॉफ्रेंस के लोगों से बात करनी चाहिए। सोज ने ये भी दावा किया है कि 1953 के बाद से कई केंद्र की सरकारों ने यहां बड़ी गलतियां की हैं, जिसमे पंडित जवाहर लाल नेहरू और इंदिरा गांधी का भी समय शामिल हैं। शोज की किताब कश्मीर-ग्लिम्प्स ऑफ हिस्ट्री एंड द स्टोरी ऑफ स्ट्रगल में इन तमाम बातों का जिक्र है।वहीं गुलाब नबी आजाद ने भी बयान देकर कहा कि कश्मीर में सेना बेगुनाहों को मार रही है। इसी के बाद भाजपा व उसके सहयोगी दलों ने कांग्रेस सहित अन्य दलों पर जुबानी हमले शुरू कर दिए हैं।
राहुल गांधी को मांगनी चाहिए माफी
अपना दल एस राष्ट्रीय कार्यकारणी के सदस्य अजय प्रताप सिंह ट्यूटर पर लिखते हैं कि जिस तरह से कांग्रेस के दो नेताओं ने देशविरोधी बयान दिया, इसकी हम कड़ी निंदा करते हैं। अजय कहते हैं कि महागठबंधन के नेता गुलाब नबी आजाद और सोज के बयान के बाद मौन धारण किए हुए हैं। इससे साफ लगता है कि उनके सिर पर कांग्रेस के राष्ट्ररय अध्यक्ष का हाथ रखा हुआ है। ख्ुद राहुल गांधी को बयान पर देश से माफी के साथ ही पुलिस में जाकर सोज के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराना चाहिए। कहा कि यदि सैफुद्दीन सोज को पाकिस्तान और मुशर्रफ से इतना ही प्यार है तो उन्हें पाकिस्तान चले जाने और वहां जाकर उनका नौकर बनने पर विचार करना चाहिए। अजय प्रताप कहते हैं कि भारत में यह लोग देशविरोधी बयान देते हैं, यदि पाकिस्तान में रहकर ऐसा करते तो फांसी के फंदे पर अभी तक लटका दिए जाते।
मिला है पॉवर
अजय प्रताप ने कहा कि केंद्रीय मंत्री के रूप में सैफुद्दीन सोज को पॉवर का लाभ मिला था जब उनकी बेटी को जेकेएलएफ ने किडनैप कर लिया था। इन लोगों की मदद करने का कोई फायदा नहीं है। अगर उन्हें मुशर्रफ ही पसंद है तो हम उन्हें पाक का एक तरफा टिकट दे देंगे। वह कानपुर आएं और हमारे पैसे के टिकट पर आराम से पाकिस्तान जाकर भारत के खिलाफ बयानबाजी दें। अगर वह देश में रहकर पाक का गुणगान करेंगे तो 125 करोड़ लोग चुप नहीं बैठेंगे। अजय प्रताप ने कहा कि यूपी के दिग्गज आजम चच्चा क्यों चुप बैठे हैं। उन्हें सोज के पक्ष या विपक्ष में बोलना चाहिए। अजय प्रताप सिंह ने कहा कि राजनीतिक दल वोटबैंक और कुर्सी के चलते कुछ भी करने और बोलने को तैयार हैं, पर मोदी सरकार किसी भी कीमत पर देश के विरोध कार्य करने वालों को सबक सिखा कर दी दम लेगी।
अब गोली के जरिए कश्मीर का इलाज
अजय प्रताप सिंह ने कहा कि मोदी सरकार ने महबूबा सरकार से समर्थन वापस लेकर सत्ता छोड़ दी। अब कश्मीर और पाकिस्तान के आतंकवादियों और उनके आकाओं की उल्टी गिनती शुरू हो गई है। मोदी सरकार ने सुरक्षा बलों को आदेश दिया जा रहा है कि वे पहले की तरह ऐसी आवश्यक कार्रवाई करें, जिससे आतंकवादियों को हमला करने से रोका जा सके। अजय कहते हैं कि कश्मीर समस्या कांग्रेस की देन है। पूर्व पीएम नेहरू गांधी की गलत नीतियों के वजह से आज कश्मीर जल रहा है। पिछले 60 सालों से कांग्रेस ने सिर्फ वोटबैंक के चलते पाकिस्तान परस्त आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की। पर अब ऐसा नहीं होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीन साल बोली के जरिए हल निकालने की कोशिश की, लेकिन आतंकवादी नहीं मानें। अब सेना गोली के जरिए हालात समान्य करेगी।