
Bad parts of body will also work a unique museum will be made of dead parts in Kanpur
जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में सर्जरी के बाद निकाले गए डेड अंग अब मेडिकल स्टूडेंट्स के काम आएंगे। इसके तहत हर विभाग में इन अंगों का म्यूजियम बनाने का फैसला लिया गया है। म्यूजियम के सहारे मेडिकल छात्र-छात्राएं पढ़ाई करेंगे। उनके लिए लाइब्रेरी भी विभागवार बनाई जाएगी। इसकी शुरुआत स्त्री रोग विभाग से की जा रही है, इसके लिए मैटरनिटी विंग में जगह भी चिह्नित कर ली गई है। अभी तक मेडिकल छात्र-छात्राएं मेन लाइब्रेरी और एनॉटॉमी विभाग में जाकर पढ़ाई करते हैं। विभागवार उन्हें म्यूजियम की सुविधा ही नहीं मिल रही।
अब प्राचार्य के निर्देश पर सभी विभागों में सर्जरी के बाद अंगों को संरक्षित रखा जाएगा। साथ ही जटिल सर्जरी में निकाले गए विचित्र तरह के ट्यूमर भी संरक्षित किए जाएंगे। म्यूजियम में उनकी हिस्ट्री के साथ ब्योरा दर्ज किया जाएगा ताकि मेडिकल स्टूडेंट्स के साथ बाहरी कॉलेजों के छात्र भी यहां आकर पढ़ाई कर सकें। इसी कड़ी में अभी मैटरनिटी विंग के म्यूजियम के लिए बच्चों के नॉल, यूट्रस, फीटल समेत 20 अंग संरक्षित किए गए हैं। इसी तरह की व्यवस्था सर्जरी, ऑर्थो, ईएनटी समेत सभी विभागों में की जाएगी।
स्त्री रोग विभाग से होगी शुरुआत
प्रो. संजय काला, प्राचार्य जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के अनुसार पहली बार विभागवार म्यूजियम और लाइब्रेरी बनाने का फैसला किया गया है। इसकी शुरुआत स्त्री रोग विभाग से शुरू की जा रही है। यहां पर पढ़ाई के साथ ग्रुप मंत्रणा और बीमारियों पर चर्चा की जाएगी। एनएमसी को भी इसका ब्लूप्रिंट भेजा जाएगा। अनुमति पहले ही मिल चुकी है।
Updated on:
25 Jul 2022 10:53 am
Published on:
24 Jul 2022 08:45 pm
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