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कानपुर

CM योगी को भाजपा विधायिका ने दिया अल्टीमेटम, UP में शराब बंदी नहीं हुई तो करूंगी आंदोलन

अपनी ही सरकार के खिलाफ उतरी भाजपा विधायिका प्रतिभा शुक्ला, शराबबंदी को लेकर निकाला प्रोटेस्ट मार्च

कानपुरJun 10, 2018 / 03:47 pm

Vinod Nigam

bjp mla Pratibha Shukla came to the street demanding ban on liquor

CM योगी को भाजपा विधायिका ने दिया अल्टीमेटम, UP में शराब बंदी नहीं हुई तो करूंगी आंदोलन

कानपुर। अपनी ही सरकार के मुखिया के खिलाफ अकबरपुर रानियां विधानसभा से विधायक प्रतिभा शुक्ला सड़क पर उतर आई और सीएम योगी से शराब बंदी की मांग कर दी। विधायिका ने कहा कि अगर यूपी में शराब बंदी नहीं हुई तो हम आंदोलन करेंगे। खुद सीएम के आवास जाकर अपनी मांग उनसे रखेंगे, बावजूद इस पर अमल नहीं हुआ तो महिलाओं के साथ अनशन पर बैठ जाऊंगी। विधायिका ने कहा कि पैसे के चलते हरदिन कई माताओं की कोख उजड़ जाती है तो कई बेटियां बिधवा। सरकार को बिहार की तर्ज पर उत्तर प्रदेश में शराब बंदी के आदेश देने चाहिए। सरकारी कोश में घाटा हो तो जनप्रतिनिधियों का वेतन के जरिए उसे भरें।
प्रोटेस्ट मार्च निकाल,किया प्रदर्शन
कुछ दिन पहले कानपुर नगर व देहात जहरीली शराब का सेवन करने से डेढ़ दर्जन लोगों की मौत हो गई थी तो कईयों की आंख की रोशनी चली गई। इसी के बाद शासन-प्रशासन हरकत में आया और कई शराब माफियाओं पर कार्रवाई की। शराब भठ्ठियों को क्षतिग्रस्त किया गया। बावजूद नकली शराब का कारोबार जस के तस बदस्तूर चलता रहा। इसी के चलते रविवार को अपनी ही सरकार के खिलाफ बीजेपी की अकबरपुर रानियां विधानसभा से विधायक प्रतिभा शुक्ला ने मोर्चा खोल दिया। अपने निवास किदवई नगर से अपने पति पूर्व सांसद अकबरपुर अनिल शुक्ल “वारसी“ के साथ शराब बंदी के पक्ष में सैकड़ो कार्यकर्ताओ के साथ मिलकर नकली शराब और शराब बंदी के लिये वाहन जुलूस निकाला, इस दौरान बड़ी संख्या में विधायिका के साथ महिलाएं भी रहीं।
जिम्मेदारों पर क्यों नहीं की गई कार्रवाई
विधायिका प्रतिभा शुक्ला ने कहा कि उत्तर प्रदेश आबकारी और शराब माफियाओं की मिलीभगत से सूबे में अवैध शराब का कारोबार फल – फूल रहा है, जिसकी भेंट आम जनता चढ़ रही है। सीएम योगी ने कानपुर नगर व देहात में जहरीली शराब का शिकार बनें लोगों को आर्थिक मदद तो दी, लेकिन जिले के जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की। विधायिका ने कहा कि थानों में क्या होता है, इसी पूरी जानकारी पुलिस के अलाधिकारियों के पास होती है, वहीं शराब माफिया व आबकारी विभाग के कर्मचारी क्या गुल खिलाते हैं उसका पूरा ब्योरा जिला आबकारी अधिकारी व आबकारी आयुक्त के पास होता है। लेकिन कानपुर में 18 लोगों की मौत के बाद निचले स्तर के कर्मचारियों पर कार्रवाई कर बड़े अफसरों को छोड़ दिया गया। जिससे आने वाले समय में फिर से शराब माफिया अपना धंधा शुरू कर देंगे।
बिहार की तर्ज पर हो शराब बंदी
विधायिका ने बिहार के सीएम नीतीश कुमार के फैसले की जमकर तारीफ की। विधायिका ने कहा कि यूपी से ज्यादा पिछड़ा और गरीब राज्य होने के बावजूद सीएम नीतीश कुमार ने कड़ा कदम उठाया और प्रदेश में शराबबंदी लागू कर दी। उनके इस निर्णय से लाखों माताओं के घरों के चिराग बुझने से बच गए। सीएम योगी पहले एक संत हैं और संत का दिल बहुत बड़ा होता है। हम उनसे जल्द मिलेंगे और यूपी में भी शराबबंदी की मांग करेंगे। हमें उम्मीद है कि वह हमारी मांग पर विचार कर शराबबंदी का निर्णय लेंगे। विधायिका ने बताया कि हम लब भी अपने क्षेत्र में जाते हैं तो लोग यही कहते हैं कि आप हमें कुछ न दें, पर गांवों, कस्बों की शराब की दुकानों में तालाबंदी करवा दें।
सीएम को अब करना है फैसला
पूर्व सांसद अनिल शुक्ल वारसी ने बताया कि कानपुर और कानपुर देहात में नकली शराब के खिलाफ जनजागरू जुलूस निकाल रहे हैं और बिहार की तर्ज पर ही उत्तर प्रदेश में भी शराब बंदी होनी चाहिए। बीजेपी विधायक द्वारा उतर प्रदेश आबकारी विभाग को कटघरे में खड़ा करना और बिहार की तर्ज पर यूपी में शराब बंदी की मांग करना विपक्षियों के लिए आने वाले समय मे बड़ा मुद्दा बन सकता है । फैसला योगी सरकार को करना है कि वह अपने खजाने के अर्थ को बढ़ावा देने के लिए शराब बिक्री बरकार रखेंगे या फिर आम जनता के हितों को देखते हुये उत्तर प्रदेश में बिहार की तर्ज पर पूर्ण शराब बंदी जैसा कड़ा फैसला लेकर शराब माफ़ियाओं को करारा झटका देंगे ।

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