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बसपा ने घोषित किया पहला ब्राह्मण प्रत्याशी, सिकंदरा सीट से पूर्व विधायक के भाई के नाम पर लगी मुहर

-बसपा ने कानपुर देहात की सिकंदरा विधानसभा सीट से किया प्रत्याशी घोषित-पूर्व विधायक के भाई लालजी शुक्ला के नाम पर लगी मुहर

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बसपा ने घोषित किया पहला ब्राह्मण प्रत्याशी, सिकंदरा सीट से पूर्व विधायक के भाई के नाम पर लगी मुहर

बसपा ने घोषित किया पहला ब्राह्मण प्रत्याशी, सिकंदरा सीट से पूर्व विधायक के भाई के नाम पर लगी मुहर

पत्रिका न्यूज नेटवर्क
कानपुर. यूपी में आगामी विधानसभा चुनाव 2022 (UP Assembly Election 2022) को लेकर बीएसपी (BSP) ने कानपुर देहात के सिकंदरा विधानसभा (Sikandra Assembly Seat) से ब्राह्मण प्रत्याशी घोषित कर दिया। बसपा लगातार ब्राह्मण वोटरों को लुभाने का प्रयास करती नजर आ रही है। ब्राह्मण सम्मेलन के जरिए ब्राह्मण वर्ग को जोड़कर बसपा विपक्षियों पर हावी होने की तैयारी कर रही है। वहीं सोमवार को बसपा ने कानपुर मंडल से पहले ब्राह्मण प्रत्याशी लालजी शुक्ला (BSP First Candidate) की घोषणा की है। वहीं कार्यकर्ता सम्मेलन में कानपुर मंडल प्रभारी नौशाद अली और एमएलसी भीमराव अम्बेडकर ने लाल जी शुक्ला के नाम पर मुहर लगा दी है। लालजी शुक्ला औरैया जनपद निवासी पूर्व विधायक रामजी शुक्ला (Ex MLA Ramji Shukla) के भाई हैं।

लालजी शुक्ला रह चुके हैं चेयरमैन

सिकंदरा विधानसभा से लालजी शुक्ला की घोषणा के बाद कार्यकर्ताओं में उत्साह बढ़ता दिख रहा है। आपको बता दें कि रामजी शुक्ला बसपा से 2007 में दिबियापुर विधानसभा सीट से चुनाव जीते थे। वहीं उनके छोटे भाई लालजी शुक्ला चैयरमैन रह चुके है। जबकि वर्तमान में लालजी शुक्ला की पत्नी भी चेयरमैन हैं। पूर्व विधायक रामजी और छोटे भाई लालजी शुक्ला की ब्राह्मण वोटरों में मजबूत पकड़ है। कानपुर देहात के बसपा जिलाध्यक्ष आनंद कुरील के मुताबिक लालजी पुलिस विभाग में नौकरी में करते थे। मगर राजनीतिक पृष्ठभूमि से जुड़ाव की वजह से उन्होने नौकरी से इस्तीफा ले लिया था और भाई की राजनीतिक कार्यो की जिम्मेदारी संभालते रहे। भाई के मार्गदर्शन के बाद लालजी शुक्ला खुद चेयरमैन बन गए।

एमएलसी बोले इस बार ब्राह्मण वोटर है साथ

एमएलसी भीमराव अम्बेडकर का कहना है कि 2007 की तरह इस बार भी यूपी का ब्राह्मण वोटर बसपा के साथ है। बसपा ही एक ऐसी पार्टी है, जिसमें ब्राह्मणों का हित और सम्मान है। बहनजी ने सिकंदरा विधानसभा की कमान लालजी शुक्ला को सौंपी हैं। लालजी शुक्ला को इस सीट से विजयी बनाने के लिए पूरी ताकत से जुटेंगे। कानपुर देहात के जिलाध्यक्ष आनंद कुरील बताते हैं कि यदि जातीय समीकरण की बात की जाए, तो इस सीट पर 50 फीसदी से अधिक ब्राह्मण वोटर है। इसके बाद ओबीसी, एससी और मुस्लिम वोटर है। उन्होने इस सीट पर जीत का दावा किया है।