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विकास दुबे को लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ ने दिया सबसे बड़ा आदेश, डीजीपी से कहा- मार दें या फिर…

- कुख्यात अपराधी को पकड़ने गई पुलिस टीम को घेरकर बरसाईं गोलियां - डीएसपी और तीन एसआई सहित 8 पुलिसकर्मी शहीद - पुलिस का दावा मुठभेड़ में अपराधी के मामा और उसका एक साथ ढेर - सीएम ने कहा- जब तक हिस्ट्रीशीटर विकास दूबे खत्म ना हो जाये तब तक घटनास्थल पर ही कैम्प करें

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विकास दुबे को लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ ने दिया सबसे बड़ा आदेश, डीजीपी से कहा- जब कर मार न दें...

विकास दुबे को लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ ने दिया सबसे बड़ा आदेश, डीजीपी से कहा- जब कर मार न दें...

पत्रिका न्यूज ब्यूरो
कानपुर. कानपुर में एक हिस्ट्रीशीटर को पकड़ने गयी पुलिस टीम पर शातिर अपराधियों ने गुरुवार रात ताबड़तोड़ गोलियां बरसाईं। घात लगाकर किए गए इस हमले में एक डीएसपी रैंक के अधिकारी, 3 सब इंस्पेक्टर सहित 4 सिपाही शहीद हो गए। जबकि, 4 गंभीर रूप से घायल हैं। जिनका इलाज चल रहा है। पुलिस ने अपराधी के मामा और एक अन्य साथी को मुठभेड़ में मारने का दावा किया है। कुख्यात अपराधी फरार है। उसकी तलाश के लिए पुलिस विभाग ने टीम बना दी है। सीमाएं सील कर दी गयी हैं। पूरे इलाके में छापेमारी की जा रही है। मुख्यमंत्री ने घटना पर दुख जताया है और कहा है पुलिसकर्मियों की शहादत व्यर्थ नहीं जाएगी। मुख्यमंत्री ने कानपुर पुलिस लाइन पहुंचकर शहीदों को गार्ड आफ ऑनर दिया। इससे पहले सीएम योगी आदित्यनाथ ने कानपुर में डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी के साथ ही शीर्ष पुलिस अधिकारियों को तैनात कर दिया। सीएम योगी आदित्यनाथ ने साफ कहा है कि अब यह अधिकारी तभी कानपुर से वापस जाएंगे जब तक यह टीम विकास दुबे को पकड़ नहीं लेती या फिर मुठभेड़ में धराशाई नहीं कर देती है।


विकास पर 60 आपराधिक मुकदमे

घटना कानपुर के डिकरु गांव में हुई। यहां तीन थानों की टीम कुख्यात अपराधी विकास दुबे को गिरफ्तार करने के लिए गुरुवार की रात 12 बजे के बाद पहुंची थी। विकास पर 60 आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं। इसने हाल ही में एक मर्डर किया था, इसी केस के सिलसिले में टीम उसे पकडऩे के लिए दबिश देने पहुंची थी। बताया जाता है अपराधी को पहले से ही इसकी जानकारी मिल गयी। इसलिए वह सर्तक था। जैसे ही गांव में पुलिस पहुंची मकान की छत से तीन तरफ से पुलिस बल पर फायरिंग होने लगी। गोले भी फेकें गए। अचानक हुए इस हमले में आठ पुलिसकर्मी शहीद हो गए। जबकि 4 गंभीर रूप से घायल हुए हैं। घायलों का कानपुर के अस्पताल में इलाज चल रहा है। अंधेरे का फायदा उठाते अपराधी भाग निकले। मुख्य आरोपी विकास दुबे भी फरार है। उसकी गिरफ्तारी के लिए छापेमारी जारी है। सीएम ने आपेरशन दुबे खत्म होने तक घटनास्थल पर ही कैंप करने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा है कि सभी आला अधिकारियों से कहा है कि जब तक हिस्ट्रीशीटर विकास दूबे खत्म ना हो जाये तब तक घटनास्थल पर ही कैम्प करें।

गांव की तरफ जाने वाले रास्ते बंद

उप्र के पुलिस महानिदेशक एचसी अवस्थी ने बताया कि अपराधियों ने गांव की तरफ जाने वाले रास्ते बंद कर दिए थे। पुलिस टीम उसे हटाकर गांव तक पहुंची। लेकिन गांव में दाखिल होते ही अपराधियों ने छतों से अंधाधुंध गोलीबारी शुरू कर दी। घटना में शामिल एक सिपाही के मुताबिक टीम पर तीन तरफ से गोलीबारी हुई। बाद में पुलिस ने अपराधी के मामा और उसके एक साथी को बिकरू के पास हुई मुठभेड़ में मारने का दावा किया है।


दो दिन पहले दर्ज मामले गिरफ्तार करने पहुंची थी टीम

विकास का लंबा आपराधिक रिकॉर्ड रहा है। यह 2001 में बीजेपी नेता के कथित हत्याकांड में भी शामिल था। इस मामले में उसे बरी कर दिया गया था। इसके अलावा उस पर 60 से अधिक मुकदमे दर्ज हैं। पुलिस इस पर 25 हजार का इनाम भी घोषित कर रखा है। दो दिन पहले कानपुर के ही राहुल तिवारी ने इसके खिलाफ एक मामला दर्ज कराया था। यह मामला अपहरण तथा हत्या के प्रयास का था। इस केस के दर्ज होने के 24 घंटा बाद ही पुलिस की टीम ने विकास दुबे पर शिकंजा कसने की तैयारी कर ली। और तीन थानों की पुलिसटीम के साथ गांव में दबिश देने पहुंची थी।

शहीद पुलिसकर्मी

1- देवेंद्र कुमार मिश्र, सीओ बिल्हौर
2- महेश यादव, एसओ शिवराजपुर
3- अनूप कुमार, चौकी इंचार्ज मंधना
4- नेबूलाल, सब इंस्पेक्टर शिवराजपुर
5- सुल्तान सिंह, कांस्टेबल थाना चौबेपुर
6- राहुल, कांस्टेबल बिठूर
7- जितेंद्र, कांस्टेबल बिठूर
8- बबलू, कांस्टेबल बिठूर

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