डिग्री कॉलेजों में डाटा एआईएसएचई के पोर्टल पर अपलोड नहीं होगा, उन्हें किसी भी सूरत में सेंटर नहीं बनाया जाएगा. नकल विहीन परीक्षा कराने के लिए डिग्री कॉलेजों के परीक्षा कक्ष में दो-दो कैमरे लगाए जाएंगे. एक कैमरा आगे की तरफ और दूसरा कैमरा पीछे की तरफ लगाया जाएगा.
कानपुर। डिग्री कॉलेजों में डाटा एआईएसएचई के पोर्टल पर अपलोड नहीं होगा, उन्हें किसी भी सूरत में सेंटर नहीं बनाया जाएगा. नकल विहीन परीक्षा कराने के लिए डिग्री कॉलेजों के परीक्षा कक्ष में दो-दो कैमरे लगाए जाएंगे. एक कैमरा आगे की तरफ और दूसरा कैमरा पीछे की तरफ लगाया जाएगा. अब इमला बोलने वाले सिस्टम का तोड़ निकाला गया है. वीडियो के साथ ऑडियो सिस्टम भी लगाना होगा, ताकि आसानी से जांच की जा सके कि कहीं इमला बोलकर नकल तो नहीं कराई गई है.
विवरण लगेगा मेन गेट पर
पहली बार परीक्षा केन्द्रों के मेन गेट पर किस विषय की परीक्षा है और कौन से टीचर परीक्षा करा रहे हैं. उक्त टीचर्स का पूरा डाटा व फोटो मेन गेट पर ही सेंटर इंचार्ज को लगाना होगा. ऐसे में अगर सेंटर इंचार्ज ने लापरवाही की तो सख्त एक्शन लिया जाएगा. वहीं जिन महाविद्यालयों को सेंटर बनाया जाएगा वहां की छात्राओं को स्वकेन्द्र की सुविधा दी जाएगी. परीक्षा केन्द्र के चारों तरफ दीवार होनी चाहिए, सिर्फ यही नहीं इसी के साथ मेन गेट भी लोहे का होना चाहिए. कुल मिलाकर इन सभी नियमों को लागू करके परीक्षा केंद्रों पर पूरी तरह से सख्ती का माहौल होने वाला है.
इतना होगा दायरा
गवर्नमेंट डिग्री कॉलेजों के साथ साथ अशासकीय सहायता प्राप्त महाविद्यालयों में ज्यादा से ज्यादा छात्रों की परीक्षा कराई जाए. परीक्षा केंद्रो में सचल दल के साथ पर्यवेक्षक मूवमेंट कर सकेंगे. इसके अलावा किसी को भी सेंटर में अंदर जाने इजाजत नहीं होगी. किसी भी कॉलेज के ओपन एरिया या फिर टेंट लगाकर परीक्षा किसी भी सूरत नहीं कराई जाएगी. परीक्षा केंद्र की अधिकतम दूरी 8 किलोमीटर होनी चाहिए. इससे अधिक दूरी होने पर परीक्षा केन्द्र बदला जा सकता है. दिव्यांग छात्रों का सेंटर स्वकेंद्र होगा, अगर कॉलेज सेंटर है या नहीं है तो सबसे पास वाले सेंटर में उनकी परीक्षा कराई जाएगी.