
आईआईटी वैज्ञानिक का रहस्योद्घाटन, जून में आएगी कोविड-19 की चौथी लहर
कोरोनावायरस की तीसरी लहर की चर्चा एक बार फिर सुनाई पड़ने लगी है। जब तीसरी लहर लगभग समाप्ति के कगार पर है। सरकार कोविड-19 की तीसरी लहर के दौरान लगाए गए तमाम प्रतिबंधों को हटा रही है। ऐसे में चौथी लहर की चर्चा लोगों की चिंता का विषय बना है। यह आशंका कानपुर आईआईटी के वैज्ञानिक ने जाहिर की है। गौशियन वितरण प्रणाली के आंकड़ों से यह जानकारी सामने आई है।
कानपुर आईआईटी के गणित एवं सांख्यिकी विभाग के वैज्ञानिक ने कहा है कि जून महीने में कोविड-19 की चौथी लहर आने की संभावना है और किसका पीक मंथ अगस्त महीने में रहेगा। चौथी लहर लगभग 4 महीने रहेगा इस दौरान लोगों को काफी परेशान करेगी चौकी लहर के दौरान संक्रमण की स्थिति और उसका प्रभाव पूरी तरह नए वेरिएंट के स्वरूप पर निर्भर करेगा। आईआईटी के वैज्ञानिक की रिपोर्ट मेड आर्किव वेबसाइट पर पब्लिश हुआ है। आईआईटी वैज्ञानिक सांख्यिकी गणित और विभाग से संबंधित है। जो गौशियन वितरण प्रणाली के आधार पर चौथी लहर के विषय में जानकारी दे रहे हैं।
ऐसे समय जब कोरोनावायरस संक्रमण की तीसरी लहर का असर लगभग खत्म हो चुका है। कोविड-19 पॉजिटिव की संख्या भी दिन-प्रतिदिन कम होते जा रही है। केंद्र शासित राज्य सरकार भी कोविड-19 के तीसरी लहर के दौरान लगाए गए प्रतिबंधों को धीरे-धीरे हटा रही है। स्कूल कॉलेजों की परीक्षाएं भी शुरू होने वाली है। जबकि विधानसभा चुनाव 2022 खत्म हो चुका है। ऐसे में चौथी लहर की चर्चा लोगों के लिए परेशानी का सबब है। इस बीच आईआईटी के वैज्ञानिक द्वारा चौथी लहर का रहस्योद्घाटन करना चिंता की बात है
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आईआईटी वैज्ञानिक डॉक्टर ने बताया कि चौथी लहर के दौरान संक्रमण दर और उसके प्रभाव का आकलन नए वेरिएंट के प्रभाव पर निर्भर करेगा। उन्होंने गौशियन वितरण प्रणाली के अंतर्गत कोरोनावायरस की चौथी लहर की गाना की है। इसके साथ ही उन्होंने आवर वर्ल्ड इन डाटा डॉट ओआरजी नाम की वेबसाइट का भी अध्ययन किया है। अध्ययन मैं विनय आंकड़ों के आधार पर या जानकारी दिए हैं। उन्होंने कहा कि चौथी लहर की शुरुआत 22 जून से हो सकती है। जिसका पीक 23 अगस्त के आस पास होगा। लेकिन 22 अक्टूबर तक इसका प्रभाव कम हो जाएगा। लगभग 4 महीने तक चौथी लहर का प्रभाव अपना असर दिखाएगा।
Published on:
01 Mar 2022 08:27 pm
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