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…दलित समाज के नहीं हमारे भगवान, मंदिर में प्रवेश किया तो तोड़ देंगे टांग

आजादनगर स्थिथ पॉश इलाके का मामला, अपार्टमेंट में बने मंदिर पर सोनकर परिवार को पूजा करने से रोका गया

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आजादनगर स्थिथ पॉश इलाके का मामला, अपार्टमेंट में बने मंदिर पर सोनकर परिवार को पूजा करने से रोका गया

कानपुर। यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ और उनकी पूरी सरकार पिछले कईदिनों से दलितों के घर जाकर भोजन करने के साथ रात्रि विश्राम कर रही है। सबका-साथ, सबका विकास के फार्मूले के तहत उन्हें लगे लगाकर प्रदेश से जातिवाद को खत्म करने के लिए जुटी है। लेकिन कानपुर के सबसे पॉश इलाका आजाद नगर में एक दलित परिवार को कुछ दबंगों ने मंदिर पर प्रवेश करने में रोक लगा दी है। जिसके चलते दलिंत दंपत्ति खासे नाराज हैं और उन्होंने इसकी शिकायत नवाबगंज पुलिस के पास जाकर की, लेकिन सुनवाई नहीं होने के चलते उन्होंने एसएसपी अखिलेश मीणा के ऑफिस जाकर पूरे प्रकरण की जानकारी दी। एसएसपी के निर्देश पर नवाबगंज पुलिस मौके पर गई, लेकिन सत्ताधारी विधायक का फोन आ जाने के चलते उसे बैरंग वापस लौटना पड़ा। दबंगों ने मंदिर परिसर के अंदर आने वाले रास्ते को लोहे की ग्रिल लगाकर ताला लटका दिया है और दलित परिवार को किसी भी कीमत पर पूजा-अर्चना नहीं करने की धमकी दी है।
गौड़ सहित अन्य लोगों ने पूजा करने से रोका
नवाबगंज थानाक्षेत्र के आजाद नगर स्थित चिड़ियाघर के सामने बने प्रभु विला अपार्टमेंट में सोनकर परिवार है। इसी परिसर पर भगवान का मंदिर है, जहां अन्य समाज के लोग पूजा-अर्चना के लिए आते हैं, पर सोनकर के परिजनों को यहां पर आने पर रोक है। किरण सोनकर ने बताया कि मंदिर के चलते हमने दो माह पहले यह फ्लैट खरीदा था। पत्नी और माता-पिता के साथ हम यहां रहने लगे। इसी दौरान पत्नी बच्चे इशू को लेकर मंदिर के अंदर पूजा-अर्चना के लिए कदम बढ़ाए वैसे ही पड़ोस में रहने वाले गौड़ परिवार आ धमका और पत्नी को धक्का देकर मंदिर से नीचे उतार दिया। पीड़ित का आरोप है कि रमेश गौड़ और उनके बेटों के साथ उच्च समाज के कई लोग आ गए और हमें जाति-सूचक गालियां दी और दोबारा मंदिर के अंदर प्रवेश नहीं करने की धमकी दी।
पढ़े लिखे लोगों की करतूत, छलक पड़े आंसू
सोनकर कहते हैं कि हम सब एक ही ईश्वर की संतान है, लेकिन समाज के कुछ ठेकेदारों ने जाति-धर्म के नाम पर लोगों को बांट रखा है। 21वीं सदी के बजाए हम पता नहीं किस युग में रह रहे हैं। बताते हैं हमने कई अर्पाटमेंट देखे, पर वह पसंद नहीं आए। दो माह पहले पत्नी और बेटे के साथ यहां आए और मंदिर देखकर मन खुशी से जूझ उठा। हमने तत्काल इसे खरीद लिया। लेकिन हमें नहीं पता था कि पढ़े-लिखे लोग आज भी दलितों के साथ भेदभाव करते हैं। उन्हें दलित होने के चलते मंदिर की सीढ़ियां चढ़ने नहीं दिया जाता। सोनकर बताते हैं कि दबंगों ने पत्नी को मंदिर से बाहर कर दिया तो वह दो दिन तक भोजन नहीं किया। पत्नी ने ठान लिया था कि हम जातिवाद और भेदभाव को खत्म कर के ही दम लेंगे।
थानेदार ने नहीं सुनी फरियाद
सोनकर दंपत्ति पूरे प्रकरण को लेकर नवाबगंज थाने पहुंची और गौड़ परिवार के साथ ही अन्य लोगों की शिकायत की। सोनकर दंपत्ति ने पुलिस से मांग की उन्हें भी मंदिर में पूजा-अर्चना करने दिया। जो लोग रोड़ा बन रहे हैं उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। लेकिन गौड़ परिवार का सत्ताधारी दल में होने के चलते पुलिस ने उन्हें आश्वासन देकर टरका दिया। कार्रवाई नहीं होने के चलते सोनकर परिवार सीधे एसएसपी अखिलेश मीणा के पास जाकर मंदिर में पूजा से रोकने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। एसएसपी ने पूरे प्रकरण को गंभीरता से सुना और तत्काल एसओ नवाबगंज को तलब कर जांच के आदेश दिए।
थानेदार ने की खानापूर्ति
एसएसपी के निर्देश के बाद नवाबगंज पुलिस हरकत में आई और वह अर्पाटमेंट पहुंची। जहां पर दबंगों ने मंदिर परिसर को लोहे की ग्रिल लगाकर ताला लटका दिया था। थानेदार ने दोनों पक्षों को बुला कर समझौते का प्रयास किया। लेकिन गौड़ परिवार के साथ अन्य लोग सोनकर परिवार को मंदिर में पूजा-अर्चना करने देने को तैयार नहीं हुए। पुलिस ने जब सख्ती दिखाई तो गौड़ ने फोन की घंटी बजा दी। सत्ताधारी दल के एक विधायक का फोन आते ही पुलिस खानापूर्ति कर चली आई। विभा सोनकर ने बताया एसएसपी अखिलेश मीणा ने तत्काल कार्रवाई करने का निर्देश दिया था, नवाबगंज थाने की पुलिस लीपापोती करने में लगी है। विभा ने आरोप लगाया कि एक भाजपा विधायक का संरक्षण गौड़ परिवार को मिला हुआ है और इसी के चलते पुलिस कार्रवाई करने से बच रही है।
अपार्टमेंट मालिक ने भी माना गलत
अपार्टमेंट मालिक रवि सिन्हा को जब इसकी जानकारी हुई तो उन्होंने भी गौड़ परिवार के साथ अन्य लोगों के कार्य की घोर निंदा की। उन्होंने गौड़ परिवार से अनुरोध किया है कि भारत के संविधान में सबको मंदिर, मस्जिद और गुरूद्धारे में पूजा-पाठ करने की अनुमति दी हुई है। आप दलित होने के चलते सोनकर परिवार को मंदिर में पूजा-पाठ करने से नहीं रोक सकते। वहीं मामले की जानकारी जब अन्य लोगों को हुई तो वह भी सोनकर परिवार के साथ खड़े हो गए और मंगलवार को एसएसपी से मिलकर मंदिर का ताला खुलवाए के साथ ही नवाबगंज पुलिस के खिलाफ जांच के बाद कार्रवाई की मांग करेंगे।