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पुलिस हिरासत में मौत: अदालत ने पूर्व थाना प्रभारी और दरोगा को दोषी माना, आदेश 24 अक्टूबर को

Kanpur dehat Death in police custody कानपुर देहात में पुलिस हिरासत में हुई मौत के मामले में अदालत में तत्कालीन थाना प्रभारी और चौकी प्रभारी को दोषी माना है। जिन्हें 24 अक्टूबर को सजा सुनाई जाएगी। शेष अन्य को अदालत में दोष मुक्त कर दिया है।‌ मामला दिसंबर 2022 का है।

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अदालत में थाना प्रभारी और चौकी प्रभारी को दोषी माना

Kanpur dehat Death in police custody उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात में पुलिस हिरासत में हुई मौत के मामले में अदालत में थाना प्रभारी और दरोगा को दोषी माना है। जीने न्यायिक रियासत में जेल भेजा गया है। ‌जबकि एसओजी प्रभारी सहित छह लोगों को दोष मुक्त कर दिया है। अब 24 अक्टूबर को अगली सुनवाई होगी। जिसमें सजा के बिंदु पर मामला सुना जाएगा। मामला बलवंत सिंह की मौत से जुड़ा है जिसे पुलिस और एसओजी की टीम पकड़कर रनियां थाने पर लाई थी। जहां इतनी पिटाई हुई कि उसकी मौत हो गई। ‌1 साल 10 महीने और 7 दिन में अदालत ने आईपीसी की धारा 304 भाग 2 का दोषी माना है। जिसके आरोप पत्र 90 दिन में दाखिल किए गए थे।

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Kanpur dehat Death in police custodyउत्तर प्रदेश बलवंत सिंह निवासी सरिया लालपुर को 12 दिसंबर 2022 के दिन पुलिस और एसओजी की टीम ने गिरफ्तार किया था। जिसे चंद्रभान सिंह के साथ हुई चार लाख रुपए की लूट की घटना में गिरफ्तार किया गया था। जिसका मुकदमा शिवली थाना में दर्ज हुआ था। गिरफ्तार करने के बाद पुलिस बलवंत सिंह को लेकर रनियां थाना आए। आरोप है कि पुलिस की पिटाई से बलवंत की मौत हो गई। ‌

11 पुलिस कर्मियों को किया गया था निलंबित

Kanpur dehat Death in police custody पुलिस हिरासत में मौत की गंभीरता को देखते हुए शासन ने तत्कालीन सोग एसओजी प्रभारी थाना प्रभारी सहित सात के खिलाफ नाम जड़ मुकदमा दर्ज किया था जिन में कुछ अज्ञात भी पुलिसकर्मी थे शामिल थे। इनमें शिवली थाना प्रभारी राजेश सिंह, एसओजी प्रभारी प्रशांत गौतम, मैथा चौकी प्रभारी ज्ञान प्रकाश पांडे, सोनू यादव, प्रशांत पांडे, अनूप कुमार, दुर्वेश यादव, विनोद कुमार आदि शामिल थे।

इन्हें किया गया दोष मुक्त

अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश पंचम पूनम सिंह की अदालत में सुनवाई हो रही है। जिसमें सिपाही सोनू यादव और प्रशांत पांडे के बचाव में अधिवक्ता संजय शुक्ला ने बहस की। उन्होंने दोनों को निर्दोष बताया। मैथा चौकी इंचार्ज ज्ञान प्रकाश पांडे के बचाव के लिए अधिवक्ता विश्वनाथ कटियार बहस कर रहे थे। अदालत ने एसओजी प्रभारी प्रशांत गौतम, कांस्टेबल विनोद कुमार, दुर्वेश यादव, अनूप कुमार, सोनू यादव, प्रशांत पांडे को दोष मुक्त करने का आदेश दिया है। जबकि शिवली थाना प्रभारी राजेश सिंह और मैथा चौकी प्रभारी ज्ञान प्रकाश पांडे पर दोषी करार दिया। अब 24 अक्टूबर को सजा सुनाई जाएगी। अभियोजन पक्ष की ओर से डीजीसी राजू पोरवाल ने बहस की।‌