
भाजपा विधायक कुलदीप सेंगर और दुष्कर्म मामले का असली किस्सा
कानपुर. आखिरकार सीबीआई ने भाजपा के दबंग विधायक कुलदीप सिंह सेगर को दुष्कर्म मामले में आरोपी बना लिया। सीबीआई ने माखी के चर्चित हत्याकांड और विधायक निवास पर सामूहिक दुष्कर्म मामले में उन्नाव के बांगरमऊ से विधायक कुलदीप सिंह सेंगर और उनकी सहयोगी शशि सिंह उर्फ सुमन के खिलाफ बुधवार को आरोप पत्र दाखिल करने के साथ ही कुलदीप के राजनीतिक सफर पर पूर्णविराम लगा दिया है। सीबीआई ने कुलदीप और शशि के खिलाफ कई साक्ष्य प्रस्तुत किए गए हैं, मामले में विवेचना अभी जारी है। बावजूद तमाम सवालों के जवाब का इंतजार है। कानपुर की राजनीति में दखल रखने वाले कुलदीप के राजनीतिक पतन से ज्यादातर गुट खुश नजर आए। अधिकांश का कहना है कि बोया पेड़ बबूल का तो आम कहां से होए.... । बहरहाल, अनसुलझे सवालों के जवाब के लिए पहले कुलदीप सेंगर और बलात्कार की कुछ अनसुनी-अनकही कडिय़ों को समझना जरूरी है।
पहले पूरा मामला संक्षेप में समझना जरूरी है
सीबीआई के विशेष जज वत्सल श्रीवास्तव ने आरोप पत्र को प्रकीर्ण वाद के रूप में दर्ज करने का आदेश दिया है। अगली सुनवाई 13 जुलाई को होगी। सीबीआई ने आरोप पत्र में विधायक कुलदीप सिंह सेंगर व शशि सिंह को आईपीसी की धारा 120बी यानी साजिश का दोषी के साथ-साथ धारा 363, 366, 376(1) व 506 के साथ ही पॉक्सो एक्ट की धारा 3/4 के तहत भी आरोपी बनाया है। अब मामले की तह में जाते हैं। बसपा और सपा से विधायक निर्वाचित होने के बाद चौथी मर्तबा भाजपा के सिंबल पर बांगरमऊ से विधायक बने कुलदीप पर उन्नाव के माखी गांव की एक किशोरी ने रेप का आरोप लगाया है। पीडि़ता ने कार्रवाई न होने से नाराज होकर सीएम आवास पर आत्मदाह का प्रयास किया था। इस घटना के दो दिन बाद ही विधायक के भाई की पिटाई से घायल पीडि़ता के पिता की जेल में मौत हो गई थी। इसके बाद मामले ने तूल पकड़ा और सरकार को इस प्रकरण की सीबीआई जांच के आदेश देने पड़े थे।
लडक़ी की कहानी और सच्चाई का प्रतिशत ऐसा है
सीबीआई ने बुधवार को रेप के आरोपी भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर दी। रेप के मामले में विधायक और सहयोगी शशि सिंह को आरोपी बनाया गया है। सीबीआई की ओर से चार्जशीट दाखिल होने के बाद एक बात साफ हो गई कि पीडि़ता और उसके परिवार की तरफ से जो आरोप लगाए गए हैं वह प्रथम दृष्टया सही हैं। पीडि़ता की मां की ओर से आरोप लगाया गया था कि विधायक कुलदीप सिंह सेंगर ने 4 जून 2017 की रात आठ बजे उसकी नाबालिग बेटी के साथ रेप किया। विधायक की सहयोगी शशि सिंह पीडि़ता को उनके घर ले गई थी। इस मामले में पीडि़ता की ओर से माखी थाने में तहरीर दी गई पर पुलिस ने सुनवाई नहीं की। पीडि़ता के पिता ने 156 (3) के तहत विधायक के खिलाफ वाद दायर किया था। 3 अप्रैल को इस मामले में कोर्ट में तारीख थी। पीडि़ता का पिता कोर्ट आया था। शाम को वह घर लौटा तो विधायक के भाई अतुल सिंह उर्फ जयदीप सिंह सेंगर, सोनू सिंह, शैलू, बऊवा और विनीत ने मिलकर उसकी बंदूक के कुंदे और लात घूंसों से पिटाई की थी। पुलिस पर दबाव बनाकर पीडि़ता के पिता पर आम्र्स एक्ट की रिपोर्ट दर्ज करा दी गई। शरीर पर डेढ़ दर्जन चोट होने के बाद भी उसे 4 अप्रैल की शाम को जेल भेज दिया गया। छह अप्रैल को हालत बिगड़ी तो भी सही से उपचार नहीं मिला। 8 अप्रैल को जेल पुलिस ने पीडि़ता के पिता को जिला अस्पताल में भर्ती कराया। जहां 9 अप्रैल की भोर में 3.40 बजे भोर में उसकी मौत हो गई। इस मामले में पीडि़ता के पिता की पिटाई करने वाले आरोपियों के खिलाफ हत्या का रिपोर्ट दर्ज की गई। विधायक के भाई अतुल को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया गया। मामले में एसआईटी जांच बैठाकर मुख्यमंत्री ने 24 घंटे के अंदर रिपोर्ट तलब की थी। एसआईटी रिपोर्ट में पीडि़ता का आरोप सही पाया गया।
तीन दशक का सियासी करियर दांव पर, उबरने की उम्मीद कम
सीबीआई की ओर से चार्जशीट दाखिल होने के बाद विधायक कुलदीप सिंह सेंगर का सियासी करियर दांव पर लग गया है। करीब तीन दशक से राजनीति में गहरी पैठ रखने वाले विधायक कुलदीप सिंह सेंगर का हो सकता है अब सियासी करियर ही खत्म हो जाए। कोर्ट से दो साल से ऊपर की सजा तय की गई तो वह भविष्य में फिर कोई चुनाव नहीं लड़ पाएंगे। विधायक का करीब तीन दशक का सियासी तिलिस्म एक झटके में टूटकर बिखर गया। 3 अप्रैल से लेकर 11 जुलाई 2018 तक का घटनाक्रम ऐसा रहा कि रेप प्रकरण पूरे देश में छाया रहा। कठुआ के साथ उन्नाव मामले को लेकर खूब किरकिरी हुई। गौरतलब है कि कुलदीप सिंह सेंगर 1987/88 में गांव के निर्विरोध प्रधान चुने गए तो उनकी उम्र 21 साल से कम बताकर विरोधियों ने चैलेंज कर दिया था। उस समय भी इसको लेकर खूब हंगामा हुआ था। हालांकि वह कुलदीप सिंह का कुछ नहीं कर सके। कुलदीप सिंह सेंगर सदर विधान सभा से 2002 में पहली बार विधायक चुने गए। 2007 में बसपा ने उनको पार्टी से निकाला तो उन्होंने सपा का दामन थाम लिया। सपा ने बांगरमऊ से टिकट दिया और वह चुनाव जीतकर फिर विधायक बने। सपा ने 2012 में भगवंत नगर सीट से टिकट दिया और यहां से भी कुलदीप ने जीत हासिल की। जिला पंचायत अध्यक्ष के टिकट को लेकर कुलदीप की अखिलेश से मनमुटाव हो गया। फिर क्या था उन्होंने ने पाला बदलना ही सही समझा और भाजपा में शामिल हो गए। भाजपा ने बांगरमऊ इलाके से टिकट दिया और एक बार वह फिर विधायक चुने गए। अब कुलदीप का सियासी सफर थमता दिखता है। कानपुर में सपा के पूर्व जिलाध्यक्ष चंद्रेश सिंह बोले कि लडक़ी को इंसाफ मिलने की उम्मीद है। जैसा किया है वैसा काटेंगे। कांग्रेस के पूर्व विधायक अजय कपूर बोले कि भगवान के घर देर है अंधेर नहीं। पूर्व विधायक गणेश दीक्षित बोले कि तेजी से आगे बढऩे वाले रपट पर ही गिरता है।
पीडि़त लडक़ी ने लड़ाई जारी रखने का ऐलान किया
सीबीआई की चार्जशीट के बाद पीडि़ता ने कहा कि लड़ाई अभी खत्म नहीं हुई है। विधायक और उनके गुर्गो को कोर्ट से सजा दिलाकर ही दम लूंगी। पीडि़ता ने कहा कि विधायक और उनके गुर्गो ने सबकुछ बर्बाद करके रख दिया। एक तो विधायक ने उसके साथ रेप किया और उसके भाई ने पिता को मार डाला। पीडि़ता के परिवार ने सीबीआई की चार्जशीट पर खुशी जाहिर करे हुए कहाकि पहली लड़ाई में जीत हो चुकी है। अभी और भी लड़ाई बाकी है। पीडि़ता ने कहा कि उसके साथ रेप हुआ और माखी थाने की पुलिस ने रिपोर्ट नहीं लिखी। अफसरों ने विधायक के दबाव में मामले को दबा दिया। उलटे उसके चाचा और पापा पर कई मुकदमे दर्ज कर दिए गए। पीडि़ता को पिता की मौत का दुख है। उसका कहना था कि पिता की कमी कौन पूरी करेगा। अतुल सिंह ने साथियों के साथ मिलकर पिता को मार डाला। अगर पहले ही पुलिस की ओर से कार्रवाई कर ली गई होती तो शायद पिता की मौत नहीं होती। वह पांच बहनों के साथ कैसे गुजारा करेगी। सीबीआई जांच पर पूरा भरोसा है।
कुलदीप की चाल के आगे विरोधियों के हौसले पस्त
कुलदीप की सियासी चाल के आगे तमाम विरोधियों के हौसले पस्त हो गए। विरोधियों को पटखनी देने के लिए कुलदीप ने तमाम मोहरे तैयार किए थे। पीडि़त परिवार के लोग भी कभी उनके ही मोहरे थे। गांव के साथ ही जिले में चर्चा है कि कभी उनके करीबी रहे लोगों ने ही उन्हीं के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। विधायक पर पड़ोसी की बेटी के साथ रेप का आरोप लगाया तो सारा दांव ही उलट गया। शह मात के खेल में माहिर कुलदीप सिंह सेंगर को अपने ही मोहरे ने ऐसा घेरा कि वह तीन महीने से जेल में हैं। अब सीबीआई की ओर से मामले में चार्जशीट भी दाखिल कर दी गई है। कुलदीप अबकी खुद दांव खा गए। सीबीआई की पहली चार्जशीट में विधायक के छोटे भाई अतुल सिंह उर्फ जयदीप सिंह सेंगर, विनीत मिश्रा उर्फ विनय मिश्रा, विरेंद्र सिंह उर्फ बउवा, रामशरण सिंह उर्फ सोनू सिंह, शशि प्रताप सिंह उर्फ सुमन सिंह को आरोपी बनाया गया है। पीडि़ता के पिता की हत्या के मामले में अभी विधायक के संलिप्तता की पुष्टि नहीं हुई है। सीबीआई इस प्रकरण में अभी जांच पड़ताल कर रही है।
Published on:
12 Jul 2018 11:49 am
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