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किसानों को अब फसल में नहीं होगा नुकसान, फसलों की ग्रोथ रुकी तो ये डिवाइस करेगी अलर्ट

IIT Kanpur: आईआईटी ने एक ऐसी डिवाइस तैयार की है जो फसलों को खराब होने से पहले अलर्ट कर देगी। इससे फसलों से बचाया जा सकेगा।

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 Farmers will no longer suffer crop loss if the growth of crops stops IIT device will alert

Farmers will no longer suffer crop loss if the growth of crops stops IIT device will alert

अब खेत में फसलों की ग्रोथ रुकी तो सेटेलाइट से अलर्ट मिल जाएगा। इससे समय रहते कम पैदावार और विभिन्न रोगों से बचाया जा सकेगा। आईआईटी कानपुर के स्टार्टअप सटस्योर ने ऐसी तकनीक विकसित की है, जो सेटेलाइट के माध्यम से पिक्चर लेकर आकलन करती है। तेलंगाना सरकार ने स्टार्टअप के साथ समझौता कर किसानों को नुकसान से बचाने की तैयारी शुरू कर दी है। यूपी में भी जल्द इसे शुरू किया जाएगा। स्टार्टअप के लिए प्रदेश सरकार की वार्ता चल रही है।

आईआईटी में वर्ष 2017 में प्रतीक वासु, अभिषेक राजू और रश्मित सुखमणि ने मिलकर स्टार्टअप शुरू किया। कंपनी से जुड़े सर्वेश कुमार ने बताया कि प्रतीक व रश्मित ने केरल के स्पेस एंड साइंस टेक्नोलॉजी से इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है। दोनों इसरो में वैज्ञानिक भी रह चुके हैं। प्रतीक ने बताया कि किसान अक्सर फसल की बर्बादी से परेशान रहता है। कई बार आत्महत्या तक करनी पड़ती है। सरकार किसान की मदद करती है पर नुकसान के बाद। अगर यह मदद नुकसान से पहले हो जाए तो बेहतर रहेगा। इसी सोच के साथ स्टार्टअप विकसित किया है। सर्वेश के मुताबिक यह स्टार्टअप विभिन्न सेटेलाइट के माध्यम से इमेज एकत्रित करता है फिर उसका एनालिसिस कर डाटा तैयार करता है। फसलों को लेकर स्टार्टअप के पास सेटेलाइट की मदद से पिछले 10 वर्षों का डाटा है जिसे टीम ने अलग-अलग सुरक्षित रखा है। जैसे कम बारिश, अधिक तापमान, दिन, जलवायु परिवर्तन आदि के अनुसार फसलों की ग्रोथ का डाटा है, इसी आधार पर स्टार्टअप वर्तमान इमेज के हिसाब से कंट्रोल रूम को अलर्ट करता है। जैसे तेलंगाना में समझौते के बाद कृषि विभाग में कंट्रोल रूम बनाया जा रहा है।

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खेत, प्लॉट या घर की डिजिटल बाउंड्री कर रहे तैयार

सर्वेश ने बताया कि आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस की मदद से स्टार्टअप खेत-प्लॉट नहीं बल्कि घरों की भी डिजिटल बाउंड्री तैयार कर रहा है, इससे अधिकारियों को कार्यालय में बैठे-बैठे अवैध कब्जे की जानकारी हो सकेगी। अभी तक हर बार भौतिक रूप से जाकर बाउंड्री का निर्धारण किया जाता है।

पीएम फसल बीमा योजना पर किया काम

सर्वेश ने बताया कि सटस्योर ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के लिए भी तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र और नेशनल क्रॉप फॉर कास्टिंग के साथ काम किया है। सेटेलाइट के माध्यम से किसानों के नुकसान का आकलन किया गया।

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