
कानपुर से दिल्ली तक के लिए लीजिए मिनी हाईस्पीड ट्रेन का मज़ा, बस इंतजार अप्रैल तक का
कानपुर। बताया जा रहा है कि अगर सबकुछ ठीक रहा तो अगले साल अप्रैल के महीने में कानपुर से दिल्ली के बीच मिनी हाईस्पीड ट्रेन दौड़ने लगेगी. गाजियाबाद से लेकर कानपुर के बीच हाईस्पीड ट्रैक 31 मार्च तक 160 किमी की स्पीड लायक हो जाएगा. अभी इस पर ट्रेनों की अधिकतम गति 130 किमी है, लेकिन इतनी स्पीड का सेक्शन 444 किमी की दूरी में केवल 80 किमी का ही है.
ऐसी मिली है जानकारी
भदान से भाऊपुर के बीच डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर का काम पूरा करने की समय सीमा तय कर दी गई है. भदान से खुर्जा तक कॉरीडोर का ट्रैक चालू हो चुका है. इसके बाद मालगाड़ियों का ट्रैक अलग हो जाएगा. इस बारे में रेलवे के अफसरों ने जानकारी दी है कि इसके बाद ट्रेनें चार से सवा चार घंटे के भीतर दिल्ली पहुंच जाएंगी. इसको लेकर फिलहाल तैयारियों को अंतिम रूप ही दिया जा रहा है.
प्रस्तावित हैं ट्रेन
वैसे भी कानपुर से दिल्ली के बीच तीन साल पहले से मिनी हाईस्पीड ट्रेन प्रस्तावित है. उस समय मालगाड़ियों के लिए भी एक अलग रिजर्व ट्रैक हो जाएगा. वर्तमान में कानपुर से दिल्लीतक सवा पांच से साढ़े सात घंटे तक ट्रेन से पहुंचने में लगते हैं. वो भी तब जब ट्रेन बिना रुके चले. वैसे कानपुर से दिल्ली के बीच ट्रेनें सात से दस घंटे में पहुंचती हैं. इस बारे में सेंट्रल स्टेशन के वरिष्ठ स्टेशन अधीक्षक आरएनपी त्रिवेदी कहते हैं कि 160 किमी की गति से कानपुर से दिल्ली के बीच प्रस्तावित है. ऐसा होने के बाद ही रिवर्स ट्रेनों का चलाया जाना संभव हो सकेगा.
भाऊपुर से कानपुर से शुरू हुई तीसरी लाइन
भाऊपुर से सेंट्रल तक तीसरी लाइन पर मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों का संचालन मंगलवार से शुरू कर दिया गया. इसका एक फायदा ये हुआ है कि जो ट्रेनें पनकी से जीएमसी तक फंसती थीं, अब ये समस्या 75 फीसदी कम हो गई है. शताब्दी, राजधानी एक्सप्रेस को भी तीसरी लाइन से निकालने की शुरुआत कर दी गई है. वहीं दिल्ली से कानपुर के बीच पूरा सेक्शन ऑटोमेटिक सिग्नल वाला है. इससे ट्रेनें एकदूसरे के पीछे तय दूरी से चलती रहती हैं. अब ट्रैक को फिट करने का काम चल रहा है.
Published on:
26 Dec 2018 01:11 pm
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