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सरकार की इस बड़ी योजना को लग रही वॉट, 10 वर्षों से लोग कर रहे इंतजार, डीएम कमिश्नर ने किया था पूजन

लगभग 10 वर्ष बीतने के बावजूद प्लांट लगाने का काम अब तक शुरू नही हो सका है।

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सरकार की इस बड़ी योजना को लग रही वॉट, 10 वर्षों से लोग कर रहे इंतजार, डीएम कमिश्नर ने किया था पूजन

सरकार की इस बड़ी योजना को लग रही वॉट, 10 वर्षों से लोग कर रहे इंतजार, डीएम कमिश्नर ने किया था पूजन

कानपुर देहात-देश के पीएम भारत को आत्मनिर्भर बनाने की बात करते हैं। यूपी के सीएम भी यूपी में अधिक से अधिक इंडस्ट्री लगाकर युवाओं और बेरोजगारों को रोजगार देने की बात कर रहे हैं। इंडस्ट्री लगाने को लेकर उद्धमियो से बात भी कर रहे हैं, बावजूद इसके यूपी में ऐसा कुछ होता नही दिखाई पड़ रहा है। सरकार के दावे का असर धरातल में कुछ भी होता नही दिखाई दे रहा है। कानपुर देहात में मूसानगर क्षेत्र के बीहड़ इलाके में लैंको और हिमावत कम्पनी ने 2 पॉवर प्लांट लगाये जाने के लिये किसानों की भूमि अधिग्रहण की थी और किसानों को मुआवजा भी दिया जा चुका है। पावर प्लांट लगाने के लिये भूमि पूजन भी हो गया था, लेकिन लगभग 10 वर्ष बीतने के बावजूद प्लांट लगाने का काम अब तक शुरू नही हो सका है। वहीं किसानों को रोजगार के लिये दूसरे राज्यों में नौकरी करने के लिये मजबूर होना पड़ रहा है।

इन तैयारियों के साथ लगने थे दो प्लांट

कानपुर देहात का मूसानगर क्षेत्र ज्यादातर बीहड़ है। यहाँ से यमुना और सेंगुर नदी निकली है। बीहड़ इलाका होने की वजह से पूर्व की सरकार ने यहाँ के किसानों को रोजगार देने के लिये लैंको और हिमावत कम्पनी से 1320x1320 के 2 पावर प्लांट लगाने की मंजूरी दी थी। लैंको कम्पनी ने इसकी पूरी कार्य योजना बनाकर भारत सरकार और यूपी सरकार को भेज दी थी। 2011 में लैंको के सीईओ और कानपुर देहात के तत्कालीन डीएम व कमिश्नर ने आड़न स्कूल में पहुंचकर भूमि पूजन किया था। किसानों की 1080 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहण कर सभी किसानों को मुआवजा राशि भी दे दी गयी और लैंको ने पावर प्लांट को 5 वर्ष में तैयार करके बिजली बनाने की शुरुआत करने की बात कही थी, लेकिन लगभग 10 वर्ष होने को हैं लैंको के द्वारा अभी तक कार्य शुरू नही कराया है, जिससे यहां के किसान मायूस हैं।

किसानों ने बताई समस्याएं

वहीं किसानों ने बताया कि बीहड़ क्षेत्र को देखते हुए यहां के किसानों को रोजगार देने के लिये जनपद में पावर प्लांट लगाकर बिजली बनाने के लिये लैंको और हिमावत कम्पनी के 2 पावर प्लांट लगाये जाने थे। पूर्व की सरकार ने किसानों की समस्याओ को देखते हुए 2 पावर प्लांट बनाने का निर्णय लिया था, लेकिन प्लांट न लगने से किसानों को रोजी रोजगार का संकट खड़ा हो गया है। इस क्षेत्र के किसान दूसरे राज्य जाकर नौकरी करने को मजबूर हो रहे हैं। किसानों का कहना है कि जब सारी तैयारियां हो चुकी थी तो आखिर लैंको ने पावर प्लांट लगाने की शुरुआत क्यों नही की? अगर लैंको पावर प्लांट नही लगा पा रही है तो उसके स्थान पर कोई दूसरा प्लांट लगवा दिया जाये, जिससे क्षेत्र के बीहड़ इलाके में रहने वाले किसानों को रोजी रोजगार के साथ सुविधाएं भी मिल सकें।

तहसीलदार बोले कि...

वहीं भोगनीपुर तहसीलदार रामशंकर ने बताया कि 10 वर्षों पूर्व लैंको और हिमावत द्वारा किसानों की लगभग 1 हजार हेक्टेयर जमीन खरीद ली गयी थी। खतौनी में भी लैंको और हिमावत के नाम दर्ज है। 1320x1320 मेगावाट के 2 पावर प्लांट लगने थे, लेकिन अभी तक कोई काम शुरू नही कराया गया है। वहां की जमीन ऐसे ही पड़ी है।