
राज्यपाल ने बाबरी मस्जिद पर दिया बड़ा बयान, कोर्ट के निर्णय को सही बता नेताओं को दी नसीहत
कानपुर। चंद्रशेखर आज़ाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के 20 वें दीक्षांत समारोह में शुक्रवार को यूपी के राज्यपाल राम नाईक ने भाग लिया। राज्यपाल ने छात्र छात्राओं को डिग्रियां और मैडल दिए और उनके उज्जवल भविष्य की कामना की। इस मौके पर उन्होंने सुप्रीम कोर्ट द्वारा बाबरी मस्जिद पर दिए फैसले की सराहना की और देश की सर्वोच्च अदालत ने जो फसला दिया है, उसे सभी को मानना चाहिए। राज्यपाल ने राजनेताओं को नसीहत देते हुए कहा कि उन्हें ऐसे मामलों पर सोंच-समझ कर बयान देने चाहिए। बतादें सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या विवाद से जुड़े इस्माइल फारूकी केस में गुरुवार को बड़ा फैसला सुनाया। सुप्रीम कोर्ट ने अपने इस फैसले में कहा था कि ’नमाज मस्जिद का हिस्सा नहीं है। इसी के बाद देश की सियासत गर्म हो गई है और नेताओं की बयानबाजी का दौर जारी है।
माल्या को खाली हाथ किया था वापस
यूपी के राज्यपाल शुक्रवार को सीएसए के 20वें दीक्षान्त समारोह में शिरकत करने के लिए कानपुर पहुंचे। यहां उन्होंने छात्र-छात्राओं को मेडल देने के बाद देश के विकास में अहम योगदान देने को कहा। राज्यपाल ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले की सराहना की और कहा कि सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय पर किसी को शंका नहीं होनी चाहिए। जजों ने पूरे एवीडेंस देख कर ही निर्णय सुनाया होगा। उन्होंने नेताओं से कहा कि देश में एकता बनी रहे इसलिए गलत बचानबाजी करने से बचें और सभी को कोर्ट के निर्णय मानें। विपक्ष के बीच इन दिनों ’हॉटकेक बने विजय माल्या पर राज्यपाल राम नाईक ने जब देश में शीरे से इथेनॉल बनाने की शुरुआत हुई तो माल्या शराब कारोबारियों के साथ विरोध जताने आया था, लेकिन तब हमने पेट्रोलियम मंत्री रहते और तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने उनकी बात न मानते हुए लौटा दिया था।
शराब कारोबारियों को भगा दिया था
राज्यपाल ने बताया कि शीरे से इथेनॉल बनने से गन्ना किसानों को लाभ हुआ। इसकी शुरुआत तब हुई, जब मैं पेट्रोलियम मंत्री था। तब शराब कारोबारियों का प्रतिनिधिमंडल मुझसे और तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी से मिला था, लेकिन हमने किसानों का ही हित देखा। राज्यपाल ने कहा कि देश में सबसे ज्यादा गन्ना उप्र में पैदा होता है। यहां की जमीन महाराष्ट्र से ज्यादा उर्वरा है। इसके बावजूद यहां उतना विकास नहीं हुआ। उन्होंने दो टूक कहा कि कानून और बिजली की व्यवस्था ठीक न होने से यहां उद्योग नहीं आए। हालांकि, अब स्थिति बदल रही है। इनवेस्टर्स समिट में करोड़ों रुपये निवेश प्रस्ताव आए और जल्द ही यूपी भी गुजरात की तरह विकास के पथ पर चलेगा। राज्यपाल ने पूर्व व वर्तमान योगी सरकार की तुलना पर कुछ भी नहीं बोला। उन्होंने इतना जरूर कहा कि अभी भी कानून व्यवस्था को ठीक करनी की जरूरत है और सीएम योगी आदित्यनाथ इस पर काम कर रहे हैं।
इसलिए मैं नहीं बन सका किसान
कुलाधिपति ने छात्रों से कहा कि इस विकास को आप जैसे युवा गति दे सकते हैं। मेरे पास तो जमीन नहीं थी, इसलिए इस क्षेत्र में नहीं आ सका। आप तकनीक का इस्तेमाल करें। कृषि क्षेत्र में सच में गुणात्मक विकास हुआ है। 1952 में देश की नौबत अमेरिका से गेहूं आयात करने की आ गई थी, जबकि आज हम निर्यात करने की स्थिति में हैं। राज्यपाल ने छात्र-छात्राओं को सलाह दी कि असफलता से हताश न हों, बल्कि आत्मचिंतन करें।पीलीभीत के रहने वाले अजमुल हसन ने बीएससी (ऑनर्स) कृषि में सर्वोच्च अंक लाकर दीक्षांत में सबसे अधिक पांच मेडल प्राप्त किया। इस मौके पर राज्यपाल ने कहा कि अजमुल के पिता रियाजुल हसन किसान हैं और वो अपने बेटे को कृषि वैज्ञनिक बना कर किसानों को आने वाली समस्याओं को दूर करना चाहते हैं। देश को आज अजमुल हसन जैसे सैकड़ों युवाओं की आवश्यकता है। डॉक्टर, मास्टर और कलेक्टर तो बहुत युवा बन जाते हैं पर किसानों को विकास के पथ पर ले जाने वालों की संख्या बहुत कम है। इसलिए आपलोग मन लगाकर पढ़ें और कृषि वैज्ञानिक बनकर किसानों की सेवा करें।
Published on:
28 Sept 2018 03:49 pm
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