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टीवी पर चल रहे चैनल के साथ देखने वालों की संख्या भी पता चलेगी

नई तकनीक तैयार करने के लिए आईआईटी के साथ छात्रों का हुआ चयन,बार्क इंडिया के लिए आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस आधारित शोध करेंगे छात्र

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टीवी पर चल रहे चैनल के साथ देखने वालों की संख्या भी पता चलेगी

कानपुर। अभी तक टीआरपी कंपनियां यह पता करती हैं कि कितने टीवी सेटों पर कौन-कौन से चैनल चल रहे हैं। आने वाले दिनों में इसके साथ यह भी पता चल जाएगा कि किस टीवी पर चल रहे चैनल को कितने लोग देख रहे हैं। इसके लिए आईआईटी कानपुर के छात्र ऐसी तकनीक तैयार करने जा रहे हैं, जिसके जरिए टीवी सेट के सामने बैठे लोगों की संख्या का भी पता चल जाएगा। आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआई) और मशीन लर्निंग पर आधारित इस तकनीक को तैयार की जाएगी।

क्या है टीआरपी
टेलीविजऩ की दुनिया में टीआरपी का बड़ा महत्व होता है? हम सभी जो टीवी चैनल सबसे ज्यादा देखते हैं उसकी टीआरपी सबसे ज्यादा होती है और जिस चैनल की टीआरपी सबसे ज्यादा होती है उसी को सबसे महंगे विज्ञापन मिलते हैं। विज्ञापन कंपनियां उसी चैनल को विज्ञापन देना पसंद करती हैं जिसकी टीआरपी ज्यादा होती है यानि जिसको ज्यादा लोग देखते हैं।

आईआईटियंस खोजेंगे तकनीक
आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआई) और मशीन लर्निंग पर आधारित इस तकनीक को तैयार करने के लिए ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल (बार्क) इंडिया ने आईआईटी कानपुर के सात छात्रों का चयन किया है। ये छात्र यहां अपनी इंटर्नशिप भी करेंगे और बार्क के लिए इस तकनीक को भी तैयार करने के लिए काम करेंगे। आईआईटी के निदेशक प्रो. अभय करंदीकर ने ट्वीट के जरिए बताया कि बार्क के साथ पहली बार आईआईटी के छात्र मिलकर इस तरह की तकनीक पर काम करेंगे। उन्होंने बताया कि इसके लिए अंकुर गुप्ता, हर्षित गुप्ता, यश वरुण आदि छात्र इस टीम का हिस्सा होंगे।

पीपल मीटर देता चैनल की जानकारी
देशभर के 50 हजार घरों में टीआरपी जानने के लिए पीपल मीटर लगा हुआ है। यह सेटअप बॉक्स से कनेक्ट होता है। इससे आस-पास के घरों में चलने वाले चैनल की जानकारी भी ऊपर बैठे मॉनिटरिंग टीम को भेजती है। इससे यह तो पता चल जाता है कि कितने घरों में कौन सा चैनल चल जा रहा है, लेकिन यह पता नहीं चलता कि इसे वहां कितने लोग देख रहे हैं। अब इस तकनीक पर काम करना शुरू कर दिया गया है। इससे यह भी स्पष्ट हो जाएगा कि कौन सा चैनल कमरे में कितने लोग बैठकर देख रहे हैं। बिना कैमरा के आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के जरिए कमरे में बैठे लोगों को रीड किया जाएगा।