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राशन घोटाले के शक की सुई घूमी सप्लासई इंस्पेंक्टर के ‘लॉगिन’ पर

सरकारी राशन वितरण प्रणाली में फर्जीवाड़े को रोकने के लिए प्रदेश सरकार ने ऑनलाइन व्यवस्था शुरू की. गरीबों के राशन पर कोई डाका न डाल सके, इसके लिए लाभार्थियों के आधार लिंक कराए गए लेकिन, व्यवस्था को चलाने वाले सरकारी अफसरों ने ही कोटेदारों के साथ मिलकर व्यवस्था में छेद कर दिया और करोड़ों का घोटाला कर डाला.

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Kanpur

राशन घोटाले के शक की सुई घूमी सप्लासई इंस्पेंक्टर के ‘लॉगिन’ पर

कानपुर। सरकारी राशन वितरण प्रणाली में फर्जीवाड़े को रोकने के लिए प्रदेश सरकार ने ऑनलाइन व्यवस्था शुरू की. गरीबों के राशन पर कोई डाका न डाल सके, इसके लिए लाभार्थियों के आधार लिंक कराए गए लेकिन, व्यवस्था को चलाने वाले सरकारी अफसरों ने ही कोटेदारों के साथ मिलकर व्यवस्था में छेद कर दिया और करोड़ों का घोटाला कर डाला. राशन घोटाले की तह तक जाने के लिए जब पड़ताल की गई तो घोटालेबाज चेहरों से नकाब उठ गया.

बताया गया है ऐसा
बताया गया है कि इस पूरे के पूरे घोटाले को खाद्य आपूर्ति विभाग के सप्लाई इंस्पेक्टर्स ने ही अंजाम दिया है. इस साजिश में कोटेदारों और विभाग के अन्य कर्मचारियों ने भी अपने हाथ सेंक लिए हैं. बता दें कि विभाग में 18 राशनिंग इंस्पेक्टर और 9 एआरओ हैं. कोटेदार इन्हीं के अंडर में होते हैं.

ये भी हैं संदिग्ध
एनआईसी के विश्वस्त सूत्रों से प्राप्त जानकारी के मुताबिक कानपुर के अलावा अन्य जिलों में भी कंपनी के ऑपरेटर, कोटेदार और सप्लाई इंस्पेक्टर इस घोटाले में शामिल पाए गए हैं. किसी प्राइवेट संस्था को विभागीय लॉगिन आईडी के राइट नहीं दिए जा सकते हैं. ऐसे में बिना विभागीय कर्मचारी के यह घोटाला करना संभव नहीं है. विभागीय वेबसाइट और कर्मचारी की आईडी सिर्फ एनआईसी सर्वर ही चल सकती है. वहीं प्राप्त जानकारी के मुताबिक घोटाले में संलिप्त सप्लाई इंस्पेक्टर छुट्टी पर जाने की तैयारी में लग गए हैं.

ऐसे हुआ गलत इस्‍तेमाल
सप्लाई इंस्पेक्टर की लॉगिन आईडी से राशन कार्ड से लिंक आधार आईडी को संशोधित कर कोटेदार आराम से दूसरे की आधार आईडी के जरिए राशन निकाल लेता था. वहीं ई-पीओएस मशीन भी बदले गए संबंधित व्यक्ति के थंब इप्रेशन के जरिए आधार कार्ड को वेरिफाई कर देती थी. राशन निकाले जाने के बाद फिर से उसी लॉगिन के जरिए राशन कार्ड में आधार आईडी को चेंज कर दिया जाता था.

ये भी हैं शामिल
पुलिस ने मामले में अपनी जांच तेज कर दी है. राशन घोटाले में शामिल 42 कोटेदारों का मोबाइल नंबर और एड्रेस पुलिस ने विभाग से मांगे हैं. पुलिस ने मामले में सप्लाई इंस्पेक्टर्स को शामिल करते हुए संबंधित एरिया के सप्लाई इंस्पेक्टर्स से जांच में सहयोग के लिए कहा है. डीएम के निर्देश पर कोतवाली, अनवरगंज, जूही, कैंट, कर्नलगंज, किदवई नगर थाने में एफआईआर लिखाई जा चुकी है. इसके साथ ही पुलिस ने उन 17 लोगों की तलाश तेज कर दी है, जिनका आधार आईडी यूज किया गया.