
इस उलझन में भवन निर्माण अधर में लटक जाए। आपको विश्वास नहीं होगा, किंतु ऐसा हकीकत में हुआ है।
सुसनेर. क्या आप मान सकते हैं कि किसी शासकीय भवन के निर्माण के लिए 1 करोड़ 75 लाख की राशि शासन स्वीकृत करे और निर्माण के लिए भवन बनाने वाली संस्था पीआइयू एक करोड़ का टेंडर जारी करे। उसके बाद संबंधित संस्था के जिम्मेदार बात करें तो टेंडर निरस्त करके पुन: नए सिरे से 1 करोड़ 75 लाख का टेंडर आमंत्रित करे। इस उलझन में भवन निर्माण अधर में लटक जाए। आपको विश्वास नहीं होगा, किंतु ऐसा हकीकत में हुआ है।
नगरीय क्षेत्र में 50 से भी अधिक सालों से शासकीय प्राथमिक विद्यालय के भवन में संचालित हो रहे उत्कृष्ट विद्यालय के साथ ऐसा हो गया है। पुराना बस स्टैंड क्षेत्र में चल रहे शासकीय हास भवन निर्माण की मांग पिछले वर्षों से हो रही है। विधायक मुरलीधर पाटीदार के प्रयासों से 2017 के अंत में शासन ने भवन निर्माण के लिए 1 करोड़ 75 लाख की राशि स्वीकृत की। निर्माण जिम्मेदारी लोनिवि की पीआइयू शाखा को सौंपी। पीआइयू ने वर्ष मार्च के बाद इसके निर्माण के लिए टेंडर भी जारी किए किंतु 1 करोड़ की राशि के, जबकि शासन ने 1 करोड़ 75 लाख की राशि स्वीकृति की थी।
इसलिए अधर में लटका निर्माण-निर्माण के लिए 1 करोड़ 75 लाख की राशि स्वीकृत किए जाने तथा पीआइयू के द्वारा निर्माण के लिए 1 करोड़ की राशि का टेंडर जारी किए जाने की जानकारी जब उत्कृष्ट स्कूल के जिम्मेदारों को लगी तो उन्होंने अधिकारियों को गड़बड़ी से अवगत कराया। इसके बाद पीआइयू ने टेंडर निरस्त करके नए सिरे से 1 करोड़ 75 लाख की राशि का टेंडर आमंत्रित किया। इसके चलते भवन निर्माण का मामला अधर में लटका हुआ है।
आरक्षित है 10 बीघा जमीन-भवन के लिए उपजेल भवन के पीछे तथा कॉलेज की बाउंड्रीवॉल के समीप 10 बीघा जमीन आरक्षित की है। जमीन का सीमांकन करके कब्जा भी हासे प्रबंधन को दिया जा चुका है। किंतु इसके बाद भी निर्माण शुरू नहीं होने तथा जमीन पर फेंसिंग नहीं किए जाने से अतिक्रमण की आशंका बनी हुई है।
सुधार करवाया है
उत्कृष्ट स्कूल भवन के लिए शासन ने 1 करोड़ 75 लाख की स्वीकृति दी थी। उपजेल भवन के पीछे 10 बीघा क्षेत्र में भवन निर्माण होना था। किंतु पीआइयू ने 1 करोड़ का ही टेंडर जारी किया। गड़बड़ी जानकारी देने के बाद टेंडर निरस्त करके पुन: 1 करोड़ 75 लाख का टेंडर पीआइयू ने बुलाया है।
आरसी भाबोर, प्राचार्य, शा. उत्कृष्ट स्कूल सुसनेर
मुझे नहीं मालूम है
आप जिस गड़बड़ी की बात कर रहे हैं। उसकी मुझे जानकारी नहीं है। मैं पूरे मामले की छानबीन करवाता हूं, कि आखिर चूक कहां हुई।
राजीव शर्मा, एसडीओ पीआईयू आगर
Published on:
30 Aug 2018 06:03 am
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