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महाकाल मंदिर में ‘फूल-माला चढ़ाने’ के लिए आया नया नियम, 1 जनवरी से लागू

Mahakaleshwar Temple: मंदिर समिति ने निर्णय लिया कि 10 किग्रा से अधिक वजन वाली सभी फूल मालाएं अब महाकालेश्वर को अर्पित नहीं जा सकेंगी....

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Mahakaleshwar Temple, ujjan news

Mahakaleshwar Temple (Photo Source- Mahakaleshwar Temple website)

Mahakaleshwar Temple: भगवान महाकालेश्वर मंदिर में नववर्ष से भक्तों के लिए एक बड़ा बदलाव लागू होने जा रहा है। अब श्रद्धालु 10-15 किग्रा वजनी 'अजगर माला' सहित किसी भी प्रकार की भारी फूल मालाएं गर्भगृह में अर्पित नहीं कर सकेंगे। मंदिर प्रबंधन ने यह निर्णय शिवलिंग के संरक्षण और प्राकृतिक क्षरण को रोकने के लिए लिया है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित विशेषज्ञ समिति और वर्ष 2019 में एएसआई तथा जीएसआइ की रिपोर्ट में स्पष्ट सुझाव दिया था कि शिवलिंग पर हल्की माला और सीमित मात्रा में फूल ही चढ़ाए जाएं।

1 जनवरी से सख्ती लागू

भारी मालाओं का वजन और उनमें उपयोग होने वाले रासायनिक तत्व लगातार शिवलिंग को नुकसान पहुंचा रहे थे। इसके अलावा, बड़ी मालाओं के कारण गर्भगृह में अव्यवस्था और भीड़ प्रबंधन की दिक्कतें भी सामने आ रही थीं। नई व्यवस्था के तहत मंदिर प्रशासन पहले से ही उद्घोषणा कर श्रद्धालुओं को अवगत करा रहा है। प्रवेश द्वारों पर गार्ड्स पूजन सामग्री की जांच करेंगे और भारी मालाओं को वहीं रोक दिया जाएगा। यह व्यवस्था 1 जनवरी से सख्ती से लागू कर दी जाएगी, जिससे शिवलिंग की सुरक्षा और गर्भगृह की सुव्यवस्था सुनिश्चित की जा सके।

10 किग्रा से अधिक वजनी माला प्रतिबंधित

मंदिर समिति ने निर्णय लिया कि 10 किग्रा से अधिक वजन वाली सभी फूल मालाएं अब महाकालेश्वर को अर्पित नहीं जा सकेंगी। गत वर्षों में 3000 रुपए तक बिकने वाली 10-15 किग्रा वजनी विशाल मालाएं भक्तों में लोकप्रिय थीं और विशेष पूजा के दौरान इन्हें पुजारियों के माध्यम से शिवलिंग पर चढ़ाया जाता था। विशेषज्ञों का मत है, अधिक वजन और नमी लंबे समय में शिवलिंग को नुकसान पहुंचा सकते हैं। इसी कारण समिति ने भारी मालाओं पर पूर्ण रोक लगाते हुए 1 जनवरी से नया नियम लागू करने की घोषणा की है। परिसर में लगातार उ‌द्घोष कर भक्तों को बड़ी माला न खरीदने की सलाह दी जा रही है।

प्रवेश द्वारों पर होगी जांच

नए नियम के बाद मंदिर के हर प्रवेश द्वार पर सुरक्षाकर्मी विशेष सतर्कता के साथ तैनात रहेंगे। वे भक्तों द्वारा लाई जा रही पूजन सामग्री की जांच करेंगे और 10 किग्रा से अधिक वजन वाली किसी भी माला को मंदिर परिसर में प्रवेश की अनुमति नहीं देंगे। गेट पर ही माला अलग रखवा दी जाएगी। मंदिर समिति ने दुकानदारों को भी स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि भारी मालाएं न बनाए और न बेचें। नियम का उल्लंघन करने वालों पर निगरानी रखी जा रही है ताकि भक्त अनजाने में भी प्रतिबंधित सामग्री लेकर गर्भगृह न पहुंचें।