
India-Pakistan war पहलगाम घटना के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध की स्थिति बनी हुई है। युद्ध के दौरान बचाव के लिए लोगों को जागरूक किया जा रहा है। 7 मई को पूरे प्रदेश में लोगों को अभ्यास कराया जाएगा। गृह मंत्रालय ने इस संबंध में निर्देश जारी किया है। अभ्यास के दौरान ड्रोन, मिसाइल, हवाई हमला होने पर किस तरह से बचाव किया जाए। इसकी जानकारी दी जाएगी। कैसे अंधेरा रखा इसकी भी जानकारी दी जाएगी। इस दौरान सायरन भी बजाए जाएंगे। जो लोगों को सुरक्षित ठिकाने में पहुंचने का संकेत देगा। 1971 में भारत-पाकिस्तान युद्ध के बाद यह स्थिति आई है। करीब 54 साल पहले युद्ध के दौरान ब्लैक आउट की नीति का पालन किया गया था। ब्लैक आउट का मतलब चारों तरफ अंधेरा है।
भारत और पाकिस्तान के ऊपर युद्ध के बादल मंडरा रहे हैं। पाकिस्तान का मंत्री बात-बात पर परमाणु बम गिराने की धमकी दे रहा है। इधर भारत में पाकिस्तान पर कार्रवाई शुरू कर दी है। जम्मू कश्मीर से जाने वाले वाली नदियों के बहाव को रोक दिया गया है। जिससे पाकिस्तान में त्राहिमाम मचा है। तनाव को देखते हुए भारत अपने नागरिकों को युद्ध के समय क्या करना है और क्या नहीं करना है कि विषय में जागरुक कर रहा है। इस संबंध में गृह मंत्रालय ने एडवाइजरी जारी की है। जिसके अनुसार आम लोगों को हमले से बचने के लिए जागरूक करने को कहा गया है।
क्या होता है ब्लैकआउट?
ब्लैक आउट के दौरान पूरा शहर अंधेरे में डूब जाएगा। इस संबंध में लोगों को प्रशिक्षित किया जा रहा है। ब्लैक आउट के दौरान सरकारी कार्यालय, सार्वजनिक स्थल और घरों में अंधेरा रहेगा। रोशनी का नामोनिशान नहीं होना चाहिए। जिससे कि दुश्मन देश को आबादी के विषय में जानकारी नहीं मिल सके।
इस दौरान सायरन बजा करके भी लोगों को प्रशिक्षित किया जाएगा। इसके बजने के बाद लोगों को किस प्रकार सुरक्षित रहना है। इसका अभ्यास और जानकारी दी जाएगी। अभ्यास में छात्रों और आम नागरिकों को शामिल किया जा रहा है।सिविल डिफेंस के बुनियादी जरूरतों के विषय में जानकारी दी जाएगी। दूसरों की मदद करना, खुद को सुरक्षित रखना, संचार साधनों का इस्तेमाल, शेल्टर का उपयोग, प्राथमिक चिकित्सा, आग पर काबू पाने जैसे विषय पर प्रशिक्षित करने की योजना है।
15 जिलों में सिविल डिफेंस कर रहा है कार्य
उत्तर प्रदेश में नागरिक सुरक्षा विभाग डीजी अभय प्रसाद के अनुसार प्रदेश के 15 जिलों में सिविल डिफेंस विभाग काम कर रहा है। जिसमें लखनऊ, आगरा, कानपुर, प्रयागराज, वाराणसी, गोरखपुर, मेरठ आदि जिले शामिल हैं। इनके माध्यम से 26 जिलों के लोगों को जागरूक किया जाएगा। मॉक ड्रिल में इस बात का भी अभ्यास किया जाएगा कि जल्द से जल्द घायलों को प्राथमिक उपचार दिया जाए। अस्पताल तक पहुंचने की व्यवस्था भी मॉक ड्रिल में शामिल है। जिसका मुख्य उद्देश्य आम लोगों को मानसिक रूप से युद्ध के लिए तैयार करना है।
क्या कहते हैं डीजीपी?
यूपी डीजीपी प्रशांत कुमार ने बताया कि जिलों को ए, बी, सी कैटेगरी में बांटा गया है। 'ए कैटेगरी' में एक जिला, 'बी कैटेगरी' में दो जिले और बाकी जिलों को 'सी कैटेगरी' में रखा गया है. प्रदेश के 19 जिलों में मॉक ड्रिल होगा।
इस प्रकार बनाई गई योजना
कैटिगरी के हिसाब से अलग-अलग तरीके से मॉक ड्रिल किया जाएगा। 'ए श्रेणी' के जिले में होने वाले रिहर्सल में हवाई हमला, विस्फोट, सामूहिक भगदड़ की स्थिति का विकास किया जाएगा। जिसमें एक जिले को शामिल किया गया है। 'बी श्रेणी' में दो जिले शामिल है। बाढ़, आग, ट्रैफिक दुर्घटना आदि शामिल है। जबकि 'सी श्रेणी' में 16 जिलों को शामिल किया गया है। जहां आम नागरिकों को सुरक्षा, फर्स्ट एड और रेस्क्यू के विषय में जागरूक किया जाएगा
Updated on:
06 May 2025 01:58 pm
Published on:
06 May 2025 01:55 pm
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