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नाना के लाल ने कर दिया कमाल,अंग्रेजों की धरती में वसूली लगान

इंग्लैंड के खिलाफ पहले एक दिवसीय मैच में कुलदीप ने झटके छह विकेट, जीत के बाद परिजन मनाएंगे जश्न

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Kuldeep Yadav

Kuldeep Yadav

कानपुर। अंग्रेजों ने सैकड़ों साल तक भारत में राज किया और यहां के लोगों का उत्पीड़न सोने की चिडिया के खजाने को लूट ले गए। अंग्रेजों के अत्याचार के खिलाफ गंगा की नगरी कानपुर से 1857 में उठी। नानाराव पेशवा व तात्या टोपे ने हथियार उठा लिया और अंग्रेजों भारत छोड़ों का आगाज कर दिया। इसके बाद सैकड़ों सपूत हिन्दुस्तान की आजादी के लिए हंसते-हंसते अपने प्राण दे दिए। किसानों ने जबरन लगान वसूली की गई, जिसको लेकर महात्मा गांधी ने आंदोलन किया। देश आजाद हुआ और नाना की नगरी के लाल कुलदीप यादव अंग्रेजों की धरती में अपनी फिरकी के जरिए ब्याज सहित लगान वसूल रहे हैं। पहले एक दिवसीय क्रिकेट मैच में कुलदीप ने दस ओवर में 25 रन देकर छह विकेट लेकर इंग्लैंड को तीन सौ के अंदर सीमित कर दिया।
6 विकेट लेकर रचा कीर्तिमान
शहर के लिए आज का दिन और तारीख बहुत मायने रखती है। क्योंकि कनपुरिए छोरे चाइनामैन गेंदबाज (कुलदीप यादव) ने अपनी फिरकी से अंग्रेजों को चारां खाने चित कर अपने नाम छह विकेट किए। कुलदीप कानपुर के ऐसे पहले क्रिक्रटर बने हैं, जिन्हें टेस्ट, एक दिवसीय और टी-20 मैच में टीम इंडिया में जगह मिली है। इसकी जानकारी जब कुलदीप के परिजनो ंको हुई तो सब खुशी से झूम उठे। उनके मोबाइल पर बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ हैं । वही कुलदीप के परिजनों को यकीन है कि वह इस मिले मौके को भुनाने में कोई कसर नही छोडेगा। कुलदीप के पिता ने बताया कि 268 रन पर इंग्लैंड टीम को आउट का टीम इंडिया सौ फीसदी मैच जीत जाएगी। टीवी में हमने पूरा मैच देखा और टीम इंडिया की जीत के बाद मिठाई खाकर जश्न मनाएंगे।
देश का नाम कर रहा रोशन
लालबंगला निवासी रामसिंह के बेटे कुलदीप का पहले भी विदेशी जमीन में खेलने के लिए टीम इन्डिया में चयन हुआ था, लेकिन उनका प्रदर्शन ज्यादा बेहतर नहीं रहा। लेकिन अंग्रेजों की जमीन पर वह हर दिन नए आयाम लिख रहे हैं टी-20 में 5 विकेट लेकर टीम इंडिया को श्रृंखला जितवाई तो वहीं एक दिवसीय श्रृंखला के पहले मैच में दस ओवर में 25 देकर छह विकेट लेकर अंग्रेजों को तीन सौ रनों के अंदर सीमित कर दिया। पिता ने बताया कि कुलदीप यादव का सलेक्शन इससे पहले वेस्टइंडीज के खिलाफ वन डे मैचों के लिए हुआ था, लेकिन खेलने का मौका नही मिला था। बताया कि सुबह जब बेटे को सफेद जर्सी में देखा तो पत्नी और बेटी के साथ धर्मशाला के लिए निकले, पर लखनऊ से फ्लाइट न होने के चलते वहां नही जा सके। कुलदीप के पिता ने कहा कि आज बेटे ने देश और कानपुर का नाम रोशन कर रहा है, यह हमारे गर्व की बात है।
ले चुके हैं हैट्रिक
ऑस्ट्रेलिया और भारत के बीच खेली गई पांच एक दिवसीय श्रृंखला के दूसरे मैच में इलेन गार्डन के मैदान में कुलदीप ने जलवा बिखेरा। कुलदीप की फिरकी के आगे कंगारू चारों खाने चित हो गए, और कानपुरिया छोरे ने अपने एक ओवर में लगातार तीन गेंदों में तीन विकेट लेकर नया इतिहास रच दिया। वे भारत के पहले ऐसे स्पिन गेंदबाज बने हैं, जिन्होंने हैट्रिक बनाई है। इससे पहले सिर्फ कपिल देव और चेतन शर्मा के नाम ये उपलब्धि थी, जबकि दोनों तेज गेंदबाज थे। पिता राम सिंह यादव बेटे के टीम इंडिया के लिए अच्छा कर रहा है, जो बहुत सराहनीय है। कहा कि हमें यकीन था कि एक दिन कुलदीप कुछ बड़ा करेगा। राम सिंह ने बताया कि बेटा बचपन से मेहनती और दृड़ इच्छाशक्ति वाला है और कभी हार नहीं मानता।
पिता का ईटों का व्यापार
क्रिकेटर कुलदीप यादव का जन्म उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले में 14 दिसंबर 1994 को हुआ। कुलदीप यादव के पिता का नाम श्री राम सिंह यादव तथा माता का नाम श्री मती ऊषा यादव है। कुलदीप यादव के क्रिकेटर बनने के सपने को पूरा करने के लिए उनका परिवार कानपुर शहर में बस गया। कुलदीप यादव के पिता ईंट भट्ठे के मालिक थे। कुलदीप का बचपन से ही क्रिकेट के प्रति लगाव था, वे क्रिकेट में ही अपना भविष्य बनाना चाहते थे। कुलदीप ने धर्मशाला टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अपना टेस्ट डेब्यू किया था। उन्होंने पहले ही टेस्ट में 4 विकेट लेकर गहरी छाप छोड़ी थी। कुलदीप के लिए 2017 का साल बहुत अच्छा रहा। चहल के साथ उन्होंने मिलकर कई मैचों में टीम इिंडया को जीत दिलाई है।