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कानपुर

चार साल पहले रात के अंधेरे में दौड़ती कार के अंदर खूबसूरत लडक़ी के साथ दरिंदगी की दास्तां में नया मोड़

सुहागरात में जिंदगी के तमाम सपनों को संजोकर पति का इंतजार करती ज्योति को नहीं मालूम था कि उसका पति अय्याश है।

कानपुरAug 03, 2018 / 01:34 pm

आलोक पाण्डेय

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चार साल पहले रात के अंधेरे में दौड़ती कार के अंदर खूबसूरत लडक़ी के साथ दरिंदगी की दास्तां में नया मोड़

कानपुर. तारीख याद है 27 जुलाई 2018…. इसी दिन मध्यप्रदेश के जबलपुर में प्रतिष्ठित कारोबारी शंकरलाल नागदेव की लाड़ली बिटिया के साथ कानपुर की सडक़ पर दौड़ती कार के अंदर दरिंदगी हुई थी। घटना की तारीख चार साल पीछे छूट चुकी है, लेकिन जख्म अभी तक हरे हैं। कोर्ट में तारीख दर तारीख गुजरती गईं, लेकिन न्याय मिलने की आस अब धूमिल होती नजर आती है। कारण है डीएनए रिपोर्ट। जुर्म का इकबाल करने के बाद डीएनए रिपोर्ट ने ज्योति के गुनहगारों को बचने का मौका मुहैया करा दिया है। आइए… पढ़ते हैं अवैध संबंधों और लड़कियों के शौक के कारण हंसते-खेलते परिवार के बर्बाद होने की कहानी।

बच्चों से प्यार करती थी, लेकिन सुहागरात नहीं मना पाई थी

यह कहानी जबलपुर में 1 सितंबर 1988 को नामचीन कारोबारी शंकरलाल नागदेव के घर में दो बेटों के बाद पैदा हुई बिटिया ज्योति की है। शादी से पहले ज्योति जबलपुर के एक इंग्लिश मीडियम स्कूल में टीचर थी और उसे बच्चों से बेहद लगाव था। इसी कारण वह अपना जन्मदिन स्कूल के साथ अनाथालय और वहां बच्चों के साथ जन्मदिन मनाती थी। वर्ष 2012 में पारले-जी बिस्टिक के फ्रेंचाइजी होल्डर और करोड़पति कारोबारी ओमप्रकाश के छोटे बेटे पीयूष की दुल्हन बनकर ज्योति कानपुर पहुंच गई। सुहागरात में जिंदगी के तमाम सपनों को संजोकर पति का इंतजार करती ज्योति को नहीं मालूम था कि उसका पति अय्याश है। ज्योति पूरी रात इंतजार करती रही, लेकिन पीयूष कमरे में नहीं दाखिल हुआ। बाद में मालूम हुआ कि वह अपनी गर्लफ्रेंड के साथ उसके बाथरूम में गुलछर्रे उड़ा रहा था।

नौ लड़कियों से अवैध रिश्ते, नौकरानी को भी नहीं छोड़ा

ज्योति के साथ दरिंदगी की कहानी से पहले उसके पति पीयूष श्यामदासानी की हरकतों से पर्दा हटाना जरूरी है। पुलिस डायरी के अनुसार, पीयूष पर लड़कियों की हवस इस कदर सवार थी कि उसने अपनी कॉलेज दोस्त, पड़ोसी, रिश्तेदार, फैक्ट्री कर्मचारी, बिजनेस पार्टनर्स और घर की नौकरानी को भी नहीं छोड़ा था। पीयूष की फ्रेंड सर्किल में आने वाली अरबपति परिवारों की बेटियों समेत अब तक 9 लड़कियों से अवैध संबंध होने की बात उजागर हुई है। ज्योति के साथ दरिंदगी की जांच से जुड़े पुलिस अधिकारियों का मानना है कि पीयूष की मां के लाड़-प्यार ने उसे बिगाड़ दिया है। ज्योति ने सुहागरात से दूर रहने से लेकर बाथरूम में लड़कियों से बात करने की शिकायत पीयूष की मां को बताई तो वह जानबूझ कर शांत रहीं।

वरांडा में भोजन किया और कार के अंदर मारे 17 चाकू

अय्याश पीयूष का कानपुर के गुटखा किंग की बेटी मनीषा मखीजा से इश्क था। दोनों ने ज्योति को रास्ते से हटाने का फैसला कर लिया। पीयूष ने अंग्रेजी फिल्म देखकर मर्डर का प्लान रचा। इसके बाद 27 जुलाई 2014 को अपनी पत्नी ज्योति को सुधरने का वादा करने के बाद वरांडा रेस्त्रां लेकर पहुंचा। यहां रात ग्यारह बजे तक साथ रहने के बाद पीयूष ने कार को घर के रास्ते पर दौड़ाने के बजाय पनकी के सुनसान रास्ते पर पहुंचा दिया। ज्योति को अनहोनी की आशंका हुई तो उसने विरोध किया। इसी दौरान पीयूष ने कार को रोक दिया। अचानक चार लोग कार में घुस आए और ज्योति को तब तक चाकुओं से गोदते रहे, जब तक उसकी सांस चलती रही। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में ज्योति के शरीर पर 17 बार चाकू से घाव की पुष्टि हुई थी। 4 पेट में, 4 गर्दन पर, 2 सिर के पिछले हिस्से में, 4 पैर और 2 पीछे हिप में और चेहरे पर एक घाव मिले थे।

अब डीएनए रिपोर्ट ने न्याय की उम्मीद पर पानी फेरा

हाईप्रोफाइल हत्याकांड में तत्कालीन आई आशुतोष पाण्डेय की सख्त विवेचना के चलते पीयूष और उसके साथियों ने जुर्म कबूल कर लिया था। पीयूष ने बताया था कि मनीषा से शादी करने के लिए उसने ज्योति को रास्ते से हटाने का प्लान बनाया था। इसी वास्ते ड्राइवर अवधेश चतुर्वेदी को सुपारी देकर प्लान समझाया था। अवधेश ने हत्या के लिए अपने साथियों रेनू, सोनू और आशीष को तैयार किया, जबकि पीयूष की गर्ल फ्रेंड मनीषा मखीजा पडय़ंत्र बनाने में शामिल थी। पीयूष के इकबालिया बयान के बाद शंकरलाल नागदेव को यकीन था कि बेटी को न्याय मिलेगा, लेकिन दो दिन पहले घटना से जुड़ी डीएनए रिपोर्ट ने कई सवाल खड़े कर दिए। पुलिस द्वारा भेजे गए नमूनों ने फारेंसिक जांच में केस को कमजोर कर दिया है।

आरोपियों के खून से मेल नहीं हुए ज्योति के नाखूनों से मिले बाल और मांस के टुकड़े

शहर के चर्चित ज्योति हत्याकांड मामले की पुलिस ने कई टीमें बनाकर जांच की थी। सीसीटीवी, कॉल डिटेल, लोकेशन का गूगल मैप जैसे मजबूत साक्ष्य भी जुटाए। पुलिस ने ज्योति के नाखूनों में फंसे बाल और मांस के टुकड़ों को डीएनए जांच के लिए फारेंसिक लैब भेजा। इनका मिलान करने को आरोपितों के बाल और रक्त के नमूने भी लिये गए थे। शासकीय अधिवक्ता धर्मेद्र पाल सिंह ने बताया कि दो दिन पूर्व डीएनए रिपोर्ट आ गई। ज्योति व आरोपितों के बाल व रक्त नमूनों का डीएनए रिपोर्ट में मिलान नहीं हो सका। आरोपित सोनू व रेनू से बरामद रक्तरंजित जींस व टी-शर्ट का परीक्षण किया गया लेकिन मृतका के कपड़ों और खून से इनका मिलान नहीं हो सका। हालांकि पुलिस द्वारा आरोपितों से बरामद चाकू पर ज्योति का खून पाया गया है। मामले में वरिष्ठ लोक अभियोजक दामोदर मिश्र ने माना कि रिपोर्ट जरूर हमारे पक्ष में नहीं है, लेकिन एक बिंदु पर आई इस रिपोर्ट से मुकदमे पर कोई असर नहीं पड़ेगा। अन्य साक्ष्य कहीं अधिक पुख्ता हैं और साबित भी हैं।
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