13 सितंबर को किया था गिरफ्तार
चकेरी थानाक्षेत्र के शिवनगर स्थित किराए के मकान में असम निवासी कमरुद्दीन अपने दो अन्य साथियों के साथ रहता थां सोशल मीडिया में उसकी तस्वीर वायरल होने के बाद खूफिया एजेंसियां सक्रिय हुई और आतंकी को एटीएस ने 13 सितंबर 2018 को शिवनगर इलाके से गिरफ्तार किया था। उसके खिलाफ स्पेशल एनआईए कोर्ट लखनऊ में मुकदमा चल रहा है। उसे दो बार रिमांड पर लेकर एनआईए ने विस्तृत पूछताछ की। इस दौरान उसने कई चौंकाने वाले खुलासे किए। सूत्रों की मानें तो आतंकी ने पूछताछ के दौरान कई राज उगले। उसके निशाने पर धार्मिक स्थलों के अलावा अयोध्या थी। कमरुद्दीन ने शहर के एक गणेश मदिर में विस्फोट की पूरी तैयारी भी कर ली थी, लेकिन समय से गोला-बारूद नहीं मिलने के चलते वो हमले को अंजाम नहीं दे पाया।
कश्मीर में ली ट्रेनिंग
कमरुद्दीन ने घंटाघर स्थित प्रसिद्ध गणेश मंदिर को हमले के लिए चुना था। उसके पीछे कारण था कि यह भीड़भाड़ वाले स्थान पर बना हुआ है। वहां पर एके 47 से कत्लेआम करता तो सैकड़ों लोगों की जान जाती। पूछताछ के दौरान आतंकी ने खुलाशा किया है कि उसने कश्मीर के किश्तवाड़ में काफी दिनों तक छुपकर ट्रेनिंग ली थी, जिसके बाद वहां से बांग्लादेश निकल गया था। वहां पर भी कुछ समय ट्रेनिंग के बाद उसे रफीक इस्लाम नामक शख्स से मिलवाया गया था। कमरुद्दीन और उसकी टीम ने एके 47 खरीदी। वहां से एके 47 खरीदने के बाद कमरुद्दीन वापस कश्मीर आ गया था।
इन संदिग्धों को उठाया
कमरुद्दीन से कड़ी पूछताछ के दौरान अपने साथियों के नाम और पते बताए। 5 अक्तूबर को एनआईए ने मोहम्मद शहनवाज आलम, सईदुल आलम, ओमर फारूकी, सैफुल इस्लाम, मोहम्मद रियाजुद्दीन, जयनालुद्दीन, बहारूल इस्लाम और अभिमन्यु इस्लाम को गिरफ्तार करके बड़ी घटना होने से बचा ली। एनआईए की पूछताछ में कमरुद्दीन ने कुछ और लोगों के नाम बताए, जिनमें ओसामा, जहांगीर, हजारी, ओमर फारूकी, मृदुल उर्फ शहनवाज, रफीकुल इस्लाम, तौफीक इस्लाम आदि लोग शामिल थे। इन सभी को देश के अलग-अलग हिस्सों में एक साथ हमले करने थे। आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन इसे अब तक का सबसे बड़ा हमला बनाने की फिराक में था।
अयोध्या के अलावा नेता भी टारगेट
आतंकियों के निशाने पर अयोध्या भी था। वो वहां भी आतंकी हमला कर महौल बिगाड़ने की कोशिश करना चाहते थे। इसके लिए चकेरी में बैठकर आतंकियों ने प्लॉनिंग बनाई थी। साथ ही हिन्दूवादी बीजेपी नेता भी इनके टारगेट में थे। एनआईए अब आतंकी के अन्य साथियों को दबोचने के लिए ऑपरेशन चला रही है। साथ ही एटीएस की एक टीम कईदिन कानपुर के जाजमऊ, केडीए कॉलोनी, बेकनगंज के अलावा अन्य इलाकों में जाकर कुछ लोगों से पूछताछ भी की है। एनआईए और एटीएस ने आतंकियों के मंसूबों को पूरी तरह से नकाम कर दिया। एजेंसियों की रडार पर कुछ संदिग्ध लोग हैं, जिन्हें कभी भी गिरफ्तार किया जा सकता है।