पाल्हेपुर गांव के शास्त्री मनमथ दत्त त्रिवेदी के अनुसार ये सभी को मालुम है कि गणेश महोत्सव की शुरुआत महराष्ट्र से हुई है और प्रदेश में गणेश महोत्सव की जो भी व्यवस्था धूम है वो पांच दस सालों से आई है लेकिन प्रशासन का इस तरह से रोकने का रवैया भावनाओं को आहत करने वाला रहा है।