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आखिर कैसे कलेक्टर साहब की आंखों के सामने से गायब हो गईं हजारों असलहा लाइसेंस की फाइलें

Kanpur Arm licence: कानपुर में करीब 41 हजार असलहों के लाइसेंस की जांच एसआईटी द्वारा की जा रही थी। इस दौरान एक दो नहीं बल्कि डीएम साहब के नाक के नीचे से 10 हजार से ज्यादा असलहों की फाइलें गायब हो गई। एसआईटी अब यह जांच रिपोर्ट शासन को सौंपेगा।

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जिलाधिकारी का रजिस्ट्री कक्ष, जहां सिवाय अधिकारियों और कर्मचारियों के अंदर कोई नहीं जाता है। लेकिन फिर भी कलेक्ट्रेट के रिकार्ड रूम से शस्त्र लाइसेंस की चार हजार नहीं बल्कि दस हजार से ज्यादा फाइलें गायब हैं। इसका खुलासा एसआईटी ने कानपुर में चल रही जांच के दौरान किया है। लगभग एक साल से शहर के 60 हजार से ज्यादा असलहों की जांच को एसआईटी ने पूरा कर लिया है। एसआईटी द्वारा मई के प्रथम सप्ताह में रिपोर्ट शासन को सौंपी जाएंगी। एसआईटी की जांच असलहों के लाइसेंस में हो रहे खेल सामने आया है।

प्रदेश के कानपुर जिले के कलेक्ट्रेट के असलहा विभाग में लगातार गड़बड़ी की शिकायतें मिल रहीं थीं। इस पर पूर्व डीएम आलोक तिवारी ने पिछले साल मार्च में एसआईटी जांच की संस्तुति की थी। पुलिस अधीक्षक देव रंजन वर्मा के नेतृत्व में एसआईटी ने जांच शुरू की थी। एसआईटी से पहले प्रशासन की जांच में भी 40 हजार में करीब चार हजार फाइलें गायब होने की पुष्टि हुई थी। लेकिन अब एसआईटी जांच में यह संख्या 10 हजार के ऊपर निकल गई। जांच के दौरान असलहा लाइसेंस में हो रहे खेल की तमाम कमियां भी पकड़ी गई हैं। कई फाइलें काफी खस्ताहाल स्थिति में पाई गईं। एसआईटी के पुलिस अधीक्षक ने कलेक्ट्रेट आकर डीएम नेहा शर्मा से मुलाकात की। करीब 10 हजार फाइलों के गायब होने पर चर्चा हुई। शाशन के मंशा के अनुरुप कार्यवाही की जाएगी।

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एक बार फिर रुक सकती हैं जांच

एसआईटी के आदेश पर जिलाधिकारी फिर से करीब 41 हजार असलहों की जांच कराने जा रही थी। इसके लिए चार मजिस्ट्रेट भी तैनात किए जा चुके हैं। विकास भवन व केडीए से बाबुओं को मांगा गया है, जिससे जांच को शुरू कराया जा सके। अब एसआईटी की जांच पूरी होने पर कलेक्ट्रेट की जांच रोकी जा सकती है।

मनमाने बना लिया लाइसेंस

जांच के दौरान एसआईटी अधिकारियों के मुताबिक जिले में स्वीकृत लगभग 41 हजार असलहों की फाइलों को स्वीकृत करते समय कानूनी प्रक्रिया को नहीं अपनाया गया। नियमों की धज्जियां उड़ाकर मनमाने तरीके से असलहा लाइसेंस बनाये गये। एसआईटी जांच के बाद अब रिपोर्ट जल्द ही शासन को सौंपी जाएगी। मनमानी करने पर कई अफसरों के खिलाफ कार्रवाई हो सकती है। शस्त्र अनुभाग भी कार्रवाई की जद में आ सकता है।

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विकास दुबे समेत कई फाइलें भी गायब मिली

कलेक्ट्रेट के रिकार्ड रूम में विकास दुबे समेत कानपुर देहात से आई 173 असलहा लाइसेंस की फाइलें गायब है। इसमे पूर्व सांसद कमल रानी वरुण के असलहों की भी फाइलें है। डुप्लीकेट फाइलें भी नहीं बन सकी हैं। एसआईटी के पुलिस अधीक्षक शुक्रवार को कलेक्ट्रेट में एक बार फिर शस्त्र अनुभाग के लिपिकों से पूछताछ और सवाल जवाब करेंगे। इसके बाद नतीजों पर पहुंचेंगे।