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कानपुर में एक दिन में रिकॉर्ड 476 की अंत्येष्टि, सूर्यास्त के बाद चिता न जलाने की भी टूटी परंपरा

Kanpur records cremation of dead bodies in a day. यहां एक दिन में रिकॉर्ड 476 शवों का अंतिम संस्कार किया गया। सरकारी आंकड़ों के अनुसार गुरुवार को केवल तीन की कोरोना (Coronavirus in up) से मौत हुई। इसके अतिरिक्त छह मौत का अपडेट बाद में पोर्टल पर डाला गया

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chhindwara

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पत्रिका न्यूज नेटवर्क.

कानपुर. Kanpur records cremation of dead bodies in a day इन दिनों कई बड़े जिलों के शवदाह गृहों (Cremation) में जल रही चिताओं की संख्या सरकारी आंकड़ों को झुठला रही हैं, लेकिन कानपुर में तो रिकॉर्ड स्थापित हो रहा है। यहां एक दिन में रिकॉर्ड 476 शवों का अंतिम संस्कार किया गया। सरकारी आंकड़ों के अनुसार गुरुवार को केवल तीन की कोरोना (Coronavirus in up) से मौत हुई। इसके अतिरिक्त छह मौत का अपडेट बाद में पोर्टल पर डाला गया। सामान्य दिनों में इन घाटों पर 90 से 100 शवों का अंतिम संस्कार होता है। लेकिन एकाएक चार गुना तक बढ़ी शवों (dead bodies) की संख्या से स्थिति नियंत्रण में नहीं दिख रही। लगातार आ रहे शवों के कारण सूरज ढलने के बाद अंतिम संस्कार न करने की परंपरा भी टूट गई। चिता जलाने की जगहें कम पड़ गई तो गंगा किनारे रेत में अंतिम संस्कार करने पड़ रहे हैं।

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भगवतदास श्मशान घाट में 90, भगवतदास विद्युत शवदाह गृह में 62, भगवतदास श्मशान घाट में 45, भगवतदास घाट विद्युत शवदाह गृह में 8, स्वर्गाश्रम में 50, सिद्धनाथ घाट में 40, बिठूर में 80, ड्योढ़ी घाट में 70, नजफगढ़ घाट में 16, सफीपुर, नागापुर, ढोमनपुर घाट में 15 शव जलाए गए।

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इन शवदाह गृहों का यह है हाल-

भैरोघाट विद्युत शवदाह गृह की बात करें, तो यहां एक दिन में कोरोना संक्रमित मरीजों समेत 62 शव पहुंचे। यहां दोनों भट्ठियों में शाम 6 बजे तक 16 शवों का अंतिम संस्कार किया गया। 15 दूसरे शव अंतिम संस्कार के लिए इंतजार करते हैं। जबकि कोरोना संक्रमित मरीजों सहित 31 का अंतिम संस्कार लकड़ियों से कराया गया। भैरोघाट श्मशानघाट में दाह संस्कार की पर्चियां बनाने वाले जितेंद्र कुमार ने बताया कि तड़के से रात 8 बजे तक 90 शव आए है। इसी तरह भगवतदास घाट के विद्युत शवदाह गृह में 8 व लकड़ियों से 45 शवों का अंतिम संस्कार किया गया। स्वर्गाश्रम के प्रधान बल्देव राज मेहरोत्रा ने बताया कि 50 शवों का अंतिम संस्कार किया गया। यह अब तक का इस घाट का सर्वाधिक शवों का रिकॉर्ड है।