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# ऐसे ही सवरेगा उत्तर प्रदेश को सबसे ज्यादा राजस्व देने वाला यह शहर 

दादा नगर और पनकी क्षेत्र में सरकार को कुल एक्साइज, वैट, इनकमटैक्स, नगर निगम के हाउस टैक्स के नाम पर कुल 5200 करोड़ रुपए व्यपारी सरकार को अदा करते है

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vikas vajpayee

Sep 06, 2016

kanpur dadanagar and panki in shamble condition

kanpur dadanagar and panki in shamble condition

विकास वाजपेयी
कानपुर - उत्तर प्रदेश की औद्धोगिक राजधानी कानपुर को किसकी नजर लग गयी है कि सरकार बनाने से लेकर राज्य और केन्द्र सरकार को प्रदेश में सबसे ज्यादा राजस्व देने के बावजूद सरकार की तरफ से सुविधा का कोई इशारा तक इस शहर को मयस्शर नहीं हो पा रहा है।
अब तो कानपुर के व्यापारी सरकार की बे-रुखी से इस कदर ऊब चुके है कि उनका कहना है कि सरकार के आगे रोये आपना दीदा खोए। पिछले 2015 और 16 के फाइनेन्शियल साल में कानपुर ने सरकार को इनकम टैक्स, सेलटैक्स एक्साइज टैक्स के नाम पर 4800 करोड़ रुपये अदा किये थे।
हालंकि सरकार को इतनी मदद करने के बाद भी कानपुर में विकास के नाम पर टूटी सड़के और खस्ताहाल सुविधाए ही दी जा रही है। कानपुर के उधोग के लिए जाने जाने वाले दादा नगर और पनकी क्षेत्र में सरकार को कुल एक्साइज, वैट, इनकमटैक्स, नगर निगम के हाउस टैक्स के नाम पर कुल 5200 करोड़ रुपए व्यपारी सरकार को अदा करते है।
सरकार को अदा किये जाने वाले टैक्स के बदले में इस क्षेत्र की सड़के ऐसी है कि रात में व्यापारी यदि सम्हाल के न चले तो दूसरे दिन अस्पताल पहुंच सकता है।
व्यापारियों का मानना है कि इस सरकार में कानपुर के हिस्से का धन दूसरे जिलों में लग जाता है और व्यापारी खुद को ठगा सा महसूस करता है।
पनकी दादा नगर में कुल 6000 से अधिक औध्योगिक इकाई काम करती है जिसमें एक अनुमान के मुताबिक सालाना उत्पादन 30 हजार करोड़ से अधिक का रहा है और ऐसे में यदि हिस्सेदारी की बात की जाए तो इस क्षेत्र में सुविधा प्रदेश के किसी भी हिस्से से अधिक होनी चाहिए।
यही नहीं टैक्स के नाम पर प्रदेश की नाक ऊचा रखने वाले इस क्षेत्र में लगभग ढ़ाई लाख लोगो का घर चलता है और सिर्फ हाउस टैक्स में पनकी और दादा नगर का यह क्षेत्र 5 करोड़ से ज्यादा का धन अदा करता है।
गोल्डी ग्रुप के निदेशक आकाश गोयनका का कहना है कि इतना सब करने के बाद भी शहर के इस क्षेत्र में पीने का साफ पानी भी नसीब नहीं हो पा रहा है। लोगो को इस कारण हड्डी की समस्या से गुजरना पड़ रहा है।
वहीं दादा नगर इन्डस्ट्रियल क्षेत्र के चेयरमैन विजय कपूर का कहना है कि लाख कोशिशो के बावजूद इस क्षेत्र के अतिक्रमण की समस्या को किसी अधिकारी ने साफ नहीं कराया जिससे क्षेत्र की व्यापारिक गतिविधियों की रफ्तार कम हो रही है।
हलांकि इस सब समस्याओं पर नजर दौड़ाते हुए व्यापारी दबी जुबान में कहता है कि क्षेत्र का सारा धन सैफई जैसे क्षेत्रों में लगने के कारण यहां का विकास नहीं हो पा रहा है। व्यापारी यह भी मानता है कि कानपुर में पिछले पांच सालों में कोई भी बड़ी योजना की शुरुआत नहीं की गयी।