
Kanpur Violence Exposed Hayat and all want to Identity in Politics
कानपुर हिंसा मामले में एसआईटी समेत अन्य एजेंसियों की पूछताछ में हयात जफर हाशमी ने आधा दर्जन संगठनों के नाम बताए हैं, जिनके जरिए 3 जून को बंदी की योजना बनाई गई थी। एसआईटी इन सभी संगठनों की जांच करेगी। साथ ही आरोपितों ने कबूला की राजनीतिक पहचान बनाने के लिए 3 जून को चुना गया था। राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री शहर में थे मौजूद, राष्ट्रीय मीडिया कवरेज के लिए आया था
एसआईटी सूत्रों के मुताबिक हयात ने बताया कि उसे मालूम था कि राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री शहर में रहेंगे और नेशनल इंटरनेशल मीडिया उन्हें कवर करने के लिए मौजूद रहेगा। ऐसे में वह बंदी कराकर राजनीतिक बढ़त हासिल करना चाहता था। उसने अधिकारियों को बताया कि तीन जून की बंदी को उसके और उसके संगठन ने दिखाने के लिए वापस लिया था। इसके अलावा, हयात जफर और जावेद अहमद ने पांच और संगठनों के नाम बताए हैं, जो एक पक्ष से ताल्लुक रखते हैं। फंडिंग को लेकर हयात जफर व उसके साथियों ने इतना ही बताया कि बिल्डरों से पैसा आता था। उसने एक ठेकेदार से मिलकर जमीन खरीद-फरोख्त का काम किया था, जिससे उसे कुछ पैसा मिला था। उसने संगठन में ही सारा पैसा लगा दिया।
शुक्रवार को ही वापस भेजा जेल
पुलिस को दो दिन की रिमांड मिली थी। आरोपितों को शनिवार की सुबह जेल में दाखिल करना था। अधिकारिक सूत्रों के मुताबिक हयात जफर और उसके साथियों से जितनी जानकारी चाहिए, वह मिल चुकी है। इस कारण उन्हें शुक्रवार शाम लगभग सात बजे जेल में दाखिल कर दिया गया।
मीडिया कवरेज से मिली पहचान
पूछताछ में हयात एंड कंपनी का कहना है कि राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री की कवरेज के राष्ट्रीय मीडिया मौजूद थी। पत्थरबाजी करने पर इसका बड़ा फायदा मिलता। इसीलिए वीवीआई की एंट्री में हंगामा करने की साजिश रच डाली।
Updated on:
18 Jun 2022 12:30 pm
Published on:
18 Jun 2022 12:18 pm
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