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कानपुर

विदेशियों को भाए इंडिया के जीव-जन्तु, 20 करोड़ देकर खरीद रहे एक छिपकली

सेक्सवर्धक दवा बनाने में होती है इस्तेमाल, फल-फूल रहा बेजुबानों का करोबार, पुलिस ने दो तस्करों को पकड़ा तो हुआ खुलासा

कानपुरJul 14, 2018 / 10:53 am

Vinod Nigam

lizard gecho whose market value is crores two smugllers in kanpur news

विदेशियों को भाए इंडिया के जीव-जन्तु, 20 करोड़ देकर खरीद रहे एक छिपकली

कानपुर। आमतौर पर घरों में छिपकली को देखकर लोग और बच्चे दोनों डर जाते हैं. लोग छिपकली को भगाते हैं कि कहीं उनके ऊपर गिर न पड़े। अगर आपसे पूछा जाए कि छिपकली की कीमत होती है तो आप कहेंगे कि भला छिपकली की क्या कीमत हो सकती है। आपको ऐसी ही एक गीको छिपकली के बारे में बताते हैं जिसकी कीमत लाखों में नही करोड़ों में है। इसे तस्कर बड़े पैमाने पर पकड़ कर विदेशों में तस्करी कर रहे हैं। एग गीको छिपकली की कीमत चीन और अरब देशों में दस लेकर बीस करोड़ रूपए है। यह छिपकली ‘टॉक के’ जैसी शब्द की आवाज निकालती है। इस वजह से इसे टॉके के नाम से भी जाना जाता है। जानकार बताते हैं कि इसकी कीमत के पीछे इसके भीतर छिपे गुणों की भरमार है। पिछले दिनों चकेरी पुलिस ने दो तस्करों को अरेस्ट कर दो मुंहवाले चार सांप बरामद किए थे, जिनकी कीमत दो करोड़ रूपए थी। आरोपियों ने पुलिस की पूछताछ में बताया था कि इस वक्त इस सांप के अलावा गीगो छिपकली की डिमांड बजार में ज्यादा है। चीन में एक छिपकली की कीमत जहां पांस से दस तो अरब देशों में यहीं प्रंद्रह से बीस करोड़ में बिकती है।
गीको का दवाइयों में होता है इस्तेमाल
गीको छिपकली का मांस दवाइयां बनाने में इस्तेमाल होता है. दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों में डायबिटीज, एड्स और कैंसर की परंपरागत दवाई बनाने में इसका इस्तेमाल होता है. साथ ही साथ मर्दानगी को बढ़ाने के लिए भी इस छिपकली का इस्तेमाल किया जाता है। चीन में इसे ट्रेडिशनल मेडिसिन के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है. इन्हीं वजहों से इंटरनेशनल ब्लैक मार्केट में इनकी खासी मांग है। यहां इन्हें दस लेकर 20 करोड़ की कीमत तक खरीदा-बेचा जाता है। यह छिपकली दक्षिण-पूर्व एशिया, बिहार, इंडोनेशिया, बांग्लादेश, पूर्वोत्तर भारत, फिलीपींस तथा नेपाल में पाई जाती है. जंगलों की लगातार कटाई की वजह से गीको नामक यह छिपकली अब खत्म होने की कगार पर है।
नेपाल,चीन व अन्य देशों में सप्लाई
दो मुंहवाले सांप के अलावा सफेद रंग की छिपकली को तस्कर पकड़ते हैं और उन्हें देश ही नहीं विदेश में सप्लाई कर रहे हैं। इस कारोबार को बड़े-बड़े माफिया संचालित कर रहे हैं। पिछले दिनों कानपुर में पकड़े गए बिहार के दो तस्करों ने इसके बारे में पुलिस को अहम जानकारी दी थी। पुलिस भी इस पूरे नेटवर्क के खात्में के लिए लगी हुई है। पुलिस की पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि दो माह पहले हमारे साथ का एक बंदा मेघालय से मेघालय से छिपकली ला रहा था। इसे नेपाल के रास्ते चीन भेजना था। वहां मर्दानगी बढ़ाने वाली दवाएं बनती हैं। पर वो छिपकलियों के साथ पुलिस के हत्थे लग गया। वहीं जानकारों की मानें तो दो मुंहवाले सांप के साथ ही छिपकली से बड़े पैमाने पर सेक्सवर्धक दवाईयां बनाई जा रही हैं। कानपुर में ऐसे कई दुकानें चल रही हैं, जहां बेरोक-टोक के बेजुबानों का कत्ल कर सेक्स की दवा तैयार की जा रही है।
कछुए भी कईबार पकड़े गए
इससे पहले कानपुर पुलिस ने 2018 में आधा दर्जन से ज्यादा कछुआ तस्करों को पकड़ा और उनके पास कछुए बरामद किए। इन कछुओं को तस्कर विदेश ले जाना चाहते थे। जबकि पुलिस के अलावा वन विभाग की टीमों ने इसी साल चार तस्करों को कुछओं के अलावा, छिपकली च दो मुंहवाले सापों के साथ अरेस्ट किया है। बताया जाता है कि दो मुंह वाला सांप (रेड सेंड बोआ) की कीमत भी करोड़ों रुपयों में है। जानकारों के अनुसार, रेड सेंड बोआ, कछुओं और कई प्रजाति की छिपकलियों को दक्षिण पूर्वी देशों में ऊंची कीमतों में खरीदा जाता है। इन जीवों से निकलने वाले रसायनिक पदार्थों से सेक्स पावर बढ़ाने की दवाएं तैयार की जाती हैं।
अरब देशों में भी बड़ा मांग
दो मंहवाले सांप के अलावा जंगली के बजाए घर में रहने वाली छिपकली की डिमांड दरब देशों में बड़ गई है। तस्कर इन्हें पानी के जहाज य अन्य तरीकों के जरिए अगर देशों में बिक्री कर रहे हैं कानपुर पुलिस के हत्थे लगे दो तस्कर जो बिहार के छपरा जिले के रहने वाहे हैं, ने पूछताछ के दौरान कई राज उगले। उन्होंने पुलिस को बताया कि यह सांप आगरा से खरीद कर लाए थे और उन्हें कानपुर में एक माफिया को देना था। माफिया इन्हें विदेश में तस्करी करता। आरोपियों ने पुलिस को बताया कि इन सांपों को जिंदा या फिर इनके शरीर के अलग-अलग हिस्से अरब देशों को भेजे जाते हैं। इन सांपों की बिक्री वजन के हिसाब से होती है। यदि यह दो किलो से अधिक का होता है, तो इसकी कीमत दो से तीन लाख रुपए तक बाजार में मिल जाती है। सबसे ज्यादा डिमांड गुजरात, राजस्थान के दो मुंहवाले सांप और यूपी व मेघायल के छिपकली की बाजार में है।

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