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आईआईटी कानपुर ने तैयार किया ऐसा मास्क, वायरस ही नहीं दुर्गंध से भी करेगा सुरक्षा

locationकानपुरPublished: Sep 08, 2020 09:09:08 am

Submitted by:

Karishma Lalwani

कोरोना वायरस (Corona Virus) के संक्रमण से बचाव के लिए आईआईटी कानपुर के पूर्व छात्रों ने ऐसा सुपर एक्वीवेटेड कार्बन एन-95 मास्क तैयार किया है, जो व्यक्ति की वायरस के साथ-साथ प्रदूषण से भी बचाव करेगा।

आईआईटी कानपुर ने तैयार किया ऐसा मास्क, वायरस ही नहीं दुर्गंध से भी करेगा सुरक्षा

आईआईटी कानपुर ने तैयार किया ऐसा मास्क, वायरस ही नहीं दुर्गंध से भी करेगा सुरक्षा

कानपुर. कोरोना वायरस (Corona Virus) के संक्रमण से बचाव के लिए आईआईटी कानपुर के पूर्व छात्रों ने ऐसा सुपर एक्वीवेटेड कार्बन एन-95 मास्क तैयार किया है, जो व्यक्ति की वायरस के साथ-साथ प्रदूषण से भी बचाव करेगा। दावा है कि ऑडरलेस (दुर्गंध रहित) टेक्नोलॉजी पर आधारित यह मास्क भारत में अपनी तरह का पहला मास्क है। इसे तैयार किया है डॉ. संदीप पाटिल, नितिन चराते, अंकित शुक्ला और महेश कुमार की टीम ने। टीम लीडर डॉ. पाटिल ने बताया कि सामान्यत: कोई भी मास्क पहनने पर उसके अंदर दुर्गंध की समस्या बनी रहती है। अपनी ही सांसों से आने वाली दुर्गंध और बैक्टीरिया इसका प्रमुख कारण होते हैं। इस बात को ध्यान में रखकर हमने यह तकनीक विकसित की है। मास्क के इसी माह बाजार में आने की संभावना है।
मास्क की खासियत

सुपर एक्टिवेटेड पांच लेयर का मास्क है जो कार्बन लेयर दुर्गंध को अवशोषित कर लेती है, जिससे मास्क के अंदर ताजगी बनी रहेगी। इसी प्रकार बाह्य वातावरण की दुर्गंध भी इसे भेद नहीं पाती है। एक मास्क 15 दिन तक काम करेगा और इसे धोने की भी जरूरत नहीं होगी।
डॉ. पाटिल ने बताया कि कार्बन को मॉडीफाई करके उसके अंदर नैनो आकार के छिद्र करने की प्रक्रिया एक्टिवेटेड कार्बन टेक्नोलॉजी कहलाती है। सुपर एक्टिवेटेड कार्बन में यह प्रक्रिया और अधिक बारीक छिद्रों वाली होती है। मास्क में इन्हीं सुपर एक्टिवेटेड कार्बन कणों की परत चढ़ाई गई है। यह कार्बन कण दुर्गंध उत्पन्न करने वाले सूक्ष्ण कणों को जकड़ लेते हैं और रासायनिक प्रक्रिया के तहत उन्हें अवशोषित कर लेते हैं। कार्बन को चार्ज करके तैयार करने पर उसकी प्रॉपर्टी बदल जाती है, लिहाजा वह शरीर के लिए नुकसानदेह नहीं होता है। वहीं, मास्क की बाहरी परत इलेक्ट्रोचार्जड नैनो पार्टिकल्स की कोटिंग से युक्त है, जिसके संपर्क में आने पर वायरस निष्प्रभावी हो जाता है।
कैसे काम करता है मास्क

मास्क में केमिकल बॉंड और एक्विवेटेड कार्बन के कण होते हैं। कार्बन को चार्ज करते तैयार कर उसकी प्रॉपर्टी को बदला जाता है। इससे शरीर को पहुंचने वाले किसी भी नुकसान से व्यक्ति का बचाव होता है। इसमें केमिकल बांड और एक्टिवेटेड कार्बन दुर्गंध को जकड़ लेते हैं। कोई भी दुर्गंध अलग-अलग तरह के ऑर्गेनिक पदार्थों की होती है। यह केमिकल बांड इन पदार्थों के कणों के साथ क्रिया करके उन्हें अवशोषित कर लेता है। मास्क दुर्गंध रोकने के साथ कोरोना वायरस से बचाव में भी प्रभावी है।
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