पांच दिन तक अस्पताल के बाहर जिन्दगी और मौत की जंग लड़ती रही, लेकिन समाजसेवा के नाम पर एनजीओ चलाने वालों और जनप्रतिनिधियों की नजर वृद्धा पर नहीं पड़ी। वृद्धा ने बताया कि एक विधायक जी आए थे, मैंने उनके पैर पकड़ कर इलाज करवाने के लिए कहा, पर उन्होंने ध्यान न देते हुए अस्पताल के अंदर चले गए। बताया, पांच दिन तक बारिश और भूख ने तोड़ दिया था। अस्पताल में आने वाले लोगों ने मुझे मरा समझ रहे थे। वहीं मामले पर पांच दिन से बीमारी पड़ी मरीज महिला के बारे में पूछने पर निदेशक ने कहां कि उन्हे जानकारी नहीं है अगर ऐसा कोई मामला सामने आया तो जांच करवाई जायेगी।