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यूपी में सुखोई के लिए बनाया जाएगा पैराशूट, दक्षिण कोरिया तक कंपनी का जलवा

UP News: कानपुर के ग्लाइडर्स इंडिया लिमिटेड कंपनी में निर्मित पैराशूटों की मांग कई देशों में लगातार बढ़ती जा रही है।

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यूपी में सुखोई के लिए बनाया जाएगा पैराशूट, दक्षिण कोरिया तक कंपनी का जलवा

UP News: अब प्रदेश में निर्मित पैराशूट यूरोप में छाने वाले हैं। प्रधानमंत्री मोदी के आत्मनिर्भर भारत की मुहीम में यह एक बड़ी कामयाबी होने जा रही है। कानपुर के ग्लाइडर्स इंडिया लिमिटेड कंपनी में निर्मित पैराशूटों की मांग कई देशों में लगातार बढ़ती जा रही है। ऐसे में कंपनी भारत सरकार के मेक इन इंडिया अभियान से जुड़कर 30 सुखोई एसयू के पायलट पैराशूट और हाफ विमान के ब्रेक पैराशूट का निर्माण भी करेगी। कंपनी के प्रबंध निदेशक विजय कुमार तिवारी ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि उनकी कंपनी ने 200 करोड़ का रिकॉर्ड उत्पादन किया है। बीते 2 साल में कंपनी ने करीब 11 करोड़ का मुनाफा बनाया है। फिलहाल, 20 करोड़ से अधिक के निर्यात ऑर्डर उनके पास हैं।

कंपनी के प्रबंधक निदेशक ने आगे बताया कि पैराशूट को पूर्णतः स्वदेशी तकनीकी से तैयार किया गया है। कुछ वर्षों पहले तक ये पैराशूट ब्रिटेन और रूस जैसे देशों से आयात किये जाते थे। और अब हमारे लिए बड़ी खुशी की बात है कि यूरोपीय देश बुल्गारिया ने पहली बार हमें पैराशूट का ऑर्डर दिया है। कंपनी छठवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान के लिए पैराशूटों के निर्माण के दिशा में भी कम कर रही है। उन्होंने बताया कि जल्द ही सीडीएस को पैराशूट दिए जाएंगे। उज़्बेकिस्तान और कजाकिस्तान को पैराशूट निर्यात किए जा चुके हैं। इससे पहले 10 साल में केवल इंडोनेशिया को पैराशूट निर्यात किए गए हैं। हाल में कंपनी ने P7 हैवी ड्रॉप सिस्टम के 200 करोड़ के ऑर्डर सेना से प्राप्त किए हैं जिस पर काम भी शुरू हो गया है।

दक्षिण कोरिया में 17 अक्टूबर को आयोजित होगा अंतरराष्ट्रीय एक्सपो
विजय कुमार तिवारी ने बताया कि दक्षिण कोरिया में 17 अक्टूबर से अंतरराष्ट्रीय एक्सपो होने जा रही है। इसकी ब्रांडिंग के लिए उनकी कंपनी तैयार है। दक्षिण कोरिया में आयोजित होने वाले अंतरराष्ट्रीय एक्सपो में दुनिया के 50 से ज्यादा देश के रक्षा प्रतिरक्षा उत्पाद बनाने वाली कंपनियां भाग ले रही हैं। इसकी मेजबानी उनकी कंपनी ग्लाइडर्स इंडिया लिमिटेड कर रही है। उन्होंने बताया कि कंपनी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के जरिए पैराशूट बनाने में प्रयोग में ले जाने वाले कपड़े की पहचान करने वाली एक तकनीकी लाई है। अभी तक कपड़े की क्वालिटी कंपनी का व्यक्ति तय करता था। एआई के जरिए कपड़े की उच्च गुणवत्ता की जांच कर उत्पाद बनाने में मदद मिलेगी।