
पीएम मोदी का युवाओं को पांच मंत्र, आप भी अपनाएंगे तो आगे बढ़ जाएंगे
कानपुर. प्रधानमंत्री कानपुर आइआइटी के 54वें दीक्षांत समारोह में युवाओं को संबोधित करते हुए कई सारगर्भित बातें कहीं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने युवाओं को पांच संदेश के जरिए यह समझाने की कोशिश की आप सर्वश्रेष्ठ संस्थान से निकले सर्वश्रेष्ठ युवा हैं। आत्मनिर्भर बनने के लिए चुनौतियों को स्वीकारना सीखिए और तकनीक को अपनाइए। पीएम ने कहा कि आने वाले 25 साल में भारत के विकास यात्रा की बागडोर आपको ही संभालनी होगी। जब आप अपने जीवन के 50 साल पूरा कर रहे होंगे उस समय का भारत कैसा होगा उसके लिए आपको अभी से काम करना होगा। कानपुर आइआइटी ने आपको वह ताक़त दी है कि अब आपको अपने सपने पूरा करने से कोई नहीं रोक सकता है। इसलिए आप सभी से आग्रह है कि आप अपने स्वयं के रोबोट वर्जन कभी ना बनें। आप अपनी मानवीय संवेदनाओं, कल्पनाओं और जिज्ञासा को हमेशा जिंदा रखिए। इससे आगे बढऩे का मार्ग प्रशस्त होगा। आइए जानते हैं मोदी के पांच मंत्र-
1. जो चुनौती से भागते हैं वो उनका शिकार बन जाते हैं
जीवन यात्रा में सहूलियत के लिए शॉर्टकट भी बहुत लोग बताते हैं, लेकिन आप कंफर्ट मत चुनना, चुनौती जरूर चुनना। क्योंकि, आप चाहें या न चाहें, जीवन में चुनौतियां आनी ही हैं। जो लोग उनसे भागते हैं वो उनका शिकार बन जाते हैं।
2.खुद में परिवर्तन को महसूस करें, इतिहास पर नजर डालें
जब आपने आइआइटी कानपुर में प्रवेश लिया था और अब जब आप यहां से निकल रहे हैं, तब और अब में आप अपने में बहुत बड़ा परिवर्तन महसूस कर रहे होंगे। इतिहास पर नजर डालें और उसे याद रखें।
3. आपके जीवन का यह अमृतकाल है
1930 के उस दौर में जो 20-25 साल के नौजवान थे, 1947 तक उनकी यात्रा और 1947 में आजादी की सिद्धि, उनके जीवन का गोल्डन फेस थी। आज आप भी एक तरह से उस जैसे ही गोल्डन एरा में कदम रख रहे हैं। जैसे ये राष्ट्र के जीवन का अमृतकाल है, वैसे ही ये आपके जीवन का भी अमृतकाल है।
4. अब पूरी दुनिया में छा जाने का समय
पीएम ने कहा कि आइआइटी कानपुर में आने से पहले एक फियर ऑफ अननोन रहा होगा, एक क्योरी ऑफ अननोन होगी। फियर ऑफ अननोन नहीं है। अब पूरी दुनिया को एक्सप्लोर करने का हौसला है। अब क्योरी ऑफ अननोन नहीं है। अब क्विस्ट ऑफ दि बेस्ट है। पूरी दुनिया पर छा जाने का सपना है।
5. आत्मनिर्भर बनिए, तकनीक को अपनाइए
पीएम मोदी ने कहा- आप सभी आत्मनिर्भर भारत के लिए अधीर बनें। यदि हम आत्मनिर्भर नहीं होंगे, तो हमारा देश अपने लक्ष्य कैसे पूरे करेगा, अपनी गंतव्य तक कैसे पहुंचेगा। उन्होंने कहा कि यह दौर, यह 21वीं सदी, पूरी तरह प्रौद्योगिकी संचालित है। इस दशक में भी तकनीकी अलग-अलग क्षेत्रों में अपना दबदबा और बढ़ाने वाली है। अब बिना तकनीक के जीवन एक तरह से अधूरा ही होगा। यह जीवन और तकनीक की स्पर्धा का युग है और मुझे विश्वास है कि इसमें आप जरूर आगे निकलेंगे।
Updated on:
28 Dec 2021 09:05 pm
Published on:
28 Dec 2021 03:06 pm
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