
अखिलेश, राहुल और मायावती पीछे रहे, रक्षाबंधन पर्व पर पीएम नरेंद्र मोदी बिके
कानपुर। रक्षाबंधन पर्व भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक है। रक्षाबंधन के दिन बहनें अपने भाई की कलाई पर राखी बांधकर उनकी लंबी उम्र, संपन्नता और खुशहाली की कामना करती हैं तो वहीं भाई अपनी बहन को कपड़े, गहने, पैसे और तोहफे भेंट देकर उनकी रक्षा का वचन देते। हैं। ये परंपरा सैकड़ों साल से चली आ रही है और इसकी झलख कानपुर के अधिकांश बाजारों में शनिवार को दिखी। इस बार दुकानों में अनेक प्रकार की राखियां बाजार में मौजूद थी, लेकिन अधिकांश बहनें अपने भाईयों की कलाईयों पर बंधने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी के नाम की राखी की खूब खरीदारी की। जबकि बजार में अखिलेश यादव, राहुल गांधी और मायावती के नाम की भी राखियां मौजूद थीं, लेकिन उनके खरीदार नहीं मिले।
तोड़ दिए पिछले साल के रिकार्ड
रक्षाबंधन पर्व के एकदिन पहले शहर की तमाम बाजारों में जमकर भीड़ उमड़ी। बहनें अपने भाईयों के लिए राखियों की खरीदारी कर रही थी तो भाई बहनों को गिफ्ट देने के लिए महंगे से महंगा सामान खरीद रहे थे। पर इस साल बाजार में आयी मोदी व स्वच्छ भारत मिशन की राखियों का क्रेज दिखा। मोदी राखी बहनों की पहली पसंद बनी हुयी है। वह अपने भाइयो को राखी बांधने के लिए मोदी राखी व स्वच्छ भारत मिशन की राखिया खरीद रही हैं। इन राखियों की सबसे ख़ास बात यह है की इनमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्धारा देश में लागू किये गए एजेंडे और अभियानों की झलक दिखाई पड़ रही है। राखियों पर कई प्रकार के संदेश लिखे हैं और अधिकांश बहनें उन्हें ही खरीद रही हैं। अपने भाई के लिए राखी की खरीदारी करने के लिए आई कीर्ति ने बताया कि हमने पीएम मोदी के चित्र व स्वच्छता मिशन की राखी खरीदी है और इसी के जरिए वो कानपुर के लोगों को स्वच्छता का संदेश देंगी।
स्वच्छता का संदेश वाली राखियां भी बिकीं
रक्षाबंधन के पर्व पर नवाबगंज स्थित राखी बाजार में पीएम मोदी के साथ-साथ उनके द्धारा चलाई गई योजनाओं की राखियां बहनों के लिए आकर्षण का केंद्र बनी हुई हैं। विकास गुप्ता बताते हैं कि पहली बार थोक मार्केट में पीएम मोदी की राखियां आई। पहले हमलोग इन्हें खरीदने से डर रहे थे। आशंका थी कि कहीं राखियां नहीं बिकी तो पैसे फंस जाएंगे। लेकिन गुरूवार व शुक्रवार को सारी राखियां बिक गई। वहीं राखी के थोक कारोबारी केके श्रीवास्तव ने बताया कि रक्षाबंधन पर पीएम मोदी के अलावा उनके स्वच्छता मिशन की राखियां भी आई हैं। उनमें कई तरह के स्लोगन लिखे हैं और बहनें मुंहमांगी कीमत पर उनकी खरीदारी कर रही हैं। श्रीवास्तव कहते हैं कि पिछले कई सालों से पीएम मोदी की राखियां बाजार में आती रहीं और उनकी ख्ूब बिक्री हुई।
राहुल-अखिलेश-मायावती की राखी फींकी
लोकसभा चुनाव से पहले जिस तरह से पीएम मोदी के विजयी रथ को रोकने के लिए महागठंधन की तैयारी कर रहे हैं। पर बाजार व आमजन की बात की जाए तो साढ़े चार के बाद भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का क्रेज आज भी पहले की तरह बरकरार है। किदवई नगर राखी बाजार में अखिलेश यादव, राहुल गांधी और मायावती की राखियां भी थीं, लेकिन उकनी बिक्री बहुत कम हुई। राखी कारोबारी जुनैद कहते हैं कि मायावती और अखिलेश यादव के एक साथ आने के बाद लगा था कि लोगों का झुकाव दोनों के प्रति बढ़ा है और इसी के कारण हम इनके नाम व चेहरों की राखी लेकर आए, पर इस बार भी लगता है इन्हें अपने घरों पर रखकर अगले साल तक इंतजार करना पड़ेगा।
कुछ महान काम करे
राखी खरीदने दुकान में पहुंची कीर्ति सिंह ने कहा कि ’अपने भाई को ’मोदी राखी’ बांधकर वह कामना करेंगी कि उनका भाई भी पीएम मोदी की तरह ही कुछ महान काम करे। राखी बेच रहे केके श्रीवास्तव गोगिया कहते हैं, ’कार्टून और लाइट वाली राखियां बच्चों में बहुत पसंद की जाती है लेकिन इस बार मोदी राखी काफी पसंद की जा रही है जिसमें पीएम मोदी की तस्वीर बनी हुई है। एक राखी 50 से लेकर पांच सौ रुपये की है। इसके अलावा कुछ महिलाएं भी राखी की खरीदारी करती हुई पाई गई। उनमें से कईयों ने पीएम मोदी के नाम की राखी खरीदी। पूछने पर एक महिला ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी महिलाओं के लिए बहुत कुछ किया है। उनके चलते त्रिपत तलाक पीड़िताओं को न्याय मिला है।
Published on:
25 Aug 2018 08:12 pm
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