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विश्व कैंसर दिवस: प्रदूषण, रेडिएशन और कीटनाशक से बढ़ रहा कैंसर, बरतें सावधानी

आज 4 फरवरी विश्व कैंसर दिवस है। इस मौके पर कैंसर मरीजों को हिम्मत बढ़ाने वाला दिन है। जिससे वह कैंसर जैसी घातक बीमारी से लड़ सके। आधुनिक चिकित्सा पद्धति के साथ होम्योपैथिक से उपचार कराया जा सकता है।

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विश्व कैंसर दिवस: प्रदूषण, रेडिएशन और कीटनाशक से बढ़ रहा कैंसर, बरतें सावधानी

विश्व कैंसर दिवस: प्रदूषण, रेडिएशन और कीटनाशक से बढ़ रहा कैंसर, बरतें सावधानी

कैंसर के लक्षण होने पर स्क्रीनिंग ना कराना कैंसर बढ़ने का प्रमुख कारण है। पोषण में कमी, अनियमित जीवनशैली, योगा और व्यायाम ना करने से कैंसर मरीजों की वृद्धि हो रही है। वरिष्ठ होम्योपैथिक चिकित्सक डॉ हेमंत मोहन ने यह जानकारी दी। विश्व कैंसर दिवस के अवसर पर आरोग्यधाम में गोष्ठी आयोजित हुई। जिसमें बड़ी संख्या में कैंसर रोगी पहुंचे। जिनका चेकअप कर जागरूक किया गया।

प्रदूषण रेडिएशन व कीटनाशक कैंसर रोगी बढ़ाने में अहम भूमिका अदा कर रहे हैं। सिगरेट, शराब, पान मसाला भी खतरनाक है। जो फेफड़े लीवर और मुख के कैंसर की तरफ लोगों को धकेल रहा है। उन्होंने बताया कि होम्योपैथिक दवाइयां रेडियोथेरेपी और कीमोथेरेपी के दुष्प्रभाव को दूर करती है। उन्होंने कहा कि कैंसर से घबराने की जरूरत नहीं है।

शुरुआती लक्षण पता चलते ही उपचार कराना चाहिए

डॉ हेमंत मोहन ने बताया कि शुरुआत में कैंसर का पता लगने पर होम्योपैथिक दवाइयां कारगर है। बिना किसी दुष्प्रभाव के ठीक किया जा सकता है। कार्सिनोसिन, हाइड्रेस्टिस, चेलिडोनियम, सोराइनम, यूफॉरबिनम, कोनियम आदि होम्योपैथिक दवाइयां है। जो लक्षणों के आधार पर कैंसर के उपचार में लाभदायक है।

ब्रेस्ट में गांठ दबाने पर ना हिले, दर्द ना हो तो कैंसर का लक्षण

स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ आरती मोहन ने बताया कि महिलाओं में ब्रेस्ट में किसी प्रकार की गांठ को हल्के में ना लें। गांठ दबाने पर ना हिले, दर्द ना हो तो यह कैंसर का लक्षण हो सकता है।

मासिक धर्म लंबे समय से नहीं रुक रहा हो तो इसके लिए जांच जरूरी है। मैमोग्राफी, बायोप्सी एवं एफएनएसी जांच कराना चाहिए। जांच से पता चल जाएगा कि कहीं कैंसर तो नहीं है।

80 वर्ष के आरआर मोहन ने अपनी इच्छाशक्ति से दो बार कैंसर पर पायी विजय

कार्यक्रम में आरोग्यधाम के संस्थापक 80 वर्षीय आरआर मोहन कैंसर पीड़ित है। उन्होंने बताया कि 12 साल पहले दाहिने पायरीफॉर्म फॉसा (वोकल कॉर्ड) का कैंसर हुआ था। टाटा मेमोरियल कैंसर इंस्टीट्यूट मुंबई इलाज हुआ। होम्योपैथिक दवाओं का भी इस्तेमाल किया। एक साल पहले राइट बक्कल कैविटी का कैंसर होने पर इंदिरा गांधी कैंसर इंस्टिट्यूट दिल्ली का उपचार किया। इसके साथ ही होम्योपैथिक दवाओं भी ली। आज वह ठीक है। उन्होंने लोगों को हिम्मत ना हारने की सलाह दी।