
बड़ी उपलब्धि: राष्ट्रपति कोविंद के गांव परौंख के होनहार अजय को इंग्लैंड की हैडर्स फील्ड यूनिवर्सिटी का बुलावा, करेंगे रोबोटिक्स पर रिसर्च
पत्रिका न्यूज नेटवर्क
कानपुर. देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (President Ramnath Kovind) के पैतृक गांव परौंख (Paraukh Village) कानपुर देहात का नाम एक बार फिर सुर्खियों में छाया है। गाजियाबाद में इंजीनियरिंग की पढ़ाई के दौरान परौंख निवासी अजय प्रताप सिंह गौर को इंग्लैंड की हैडर्स फील्ड यूनिवर्सिटी (Hudders Field University) ने रोबोट पर रिसर्च के लिए बुलाया है। बताया जा रहा है कि रिसर्च के बाद उनके डाटा को यूनिवर्सिटी की बुक में प्रकाशित किया जाएगा। अजय की प्राथमिक शिक्षा कानपुर के सेंट थामस स्कूल में पूरी हुई। उनके माता-पिता और भाई-बहन कानपुर में निवास करते हैं। उनके इंग्लैंड में बुलावे की जानकारी पर परिवार सहित गांव व झींझक क्षेत्र में खुशी की लहर दौड़ गई।
कानपुर के सेंट थामस स्कूल से पूर्ण की प्राथमिक शिक्षा
अजय ने अपनी खुशी साझा करते हुए कहा कि यह उनके लिए बड़ी उपलब्धि है कि उन्हें रिसर्च के लिए इंग्लैंड बुलाया गया है। अजय ने इसका श्रेय अपने पिता नरेश सिंह गौर, माता मुन्नी देवी और बड़े भाई पवन प्रताप सिंह को दिया है, जिन्होंने हर कठिन घड़ियों में हौंसला बढाया है। उन्होंने बताया कि रिसर्च के दौरान आने वाले खर्च का वहन यूनिवर्सिटी स्वयं करेगी। दरअसल परौंख गांव के मूल निवासी अजय ने प्राथमिक व माध्यमिक शिक्षा कानपुर नगर के सेंट थामस स्कूल में पूर्ण की है। बाद में वर्ष 2015 में इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए वह गाजियाबाद चले गए। वहां एक कालेज से उन्होंने इंजीनियरिंग की पढ़ाई की।
वर्ष 2017 में इंग्लैंड गए थे अजय प्रताप
उसी दौरान इंग्लैंड की हैडर्स फील्ड यूनिवर्सिटी के अफसर उनके कॉलेज पहुंचे। कॉलेज में अफसर की मुलाकात अजय से हुई। बातचीत के दौरान जानकारी करने पर अफसर अजय से प्रभावित हुए। इस पर उन्होंने अजय प्रताप को इंग्लैंड आने के लिए आमंत्रित किया। और फिर 2017 में अजय इंग्लैंड चले गए। वहां पढ़ाई के दौरान आने वाला करीब एक करोड़ का खर्च यूनिवर्सिटी ने उठाया।
अजय के मुताबिक रिसर्च का खर्च उठाएगी यूनिवर्सिटी
अजय ने बताया कि मंगलवार रात इंग्लैंड की हैडर्स फील्ड यूनिवर्सिर्टी का पत्र उन्हें मिला है। जानकारी के बाद परिवार के लोगों में खुशी है। परिवार के लोगों ने अजय का मुंह मीठा कर उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। अजय के मुताबिक यूनिवर्सिटी के सीपीटी सेंटर ऑफ प्रिसीसियन टैक्नोलॉजी विभाग की देखरेख में रिसर्च किया जाएगा। वह डाटा जुटाकर रोबोट पर रिसर्च करेंगे। इस दौरान आने वाले खर्च को यूनिवर्सिटी की ओर से वहन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि 1 मार्च से 31 अगस्त 2022 तक रिसर्च का विजिट रहेगा।
अजय को स्टूडेंट ऑफ द ईयर 2019 बनाया गया था
अजय के मुताबिक साल 2019 में उन्हें बेस्ट स्टूडेंट ऑफ द ईयर से नवाजा गया था। साथ ही उन्हें यूनिवर्सिटी का ब्रांड एंबेसडर भी बनाया गया था। साथ ही अजय का यूनिवर्सिटी के प्रॉस्पेक्टस में साक्षात्कार भी प्रकाशित हुआ था। पढ़ाई के दौरान अमेरिका की एक्सल मैन्युफैक्चर कंपनी ने अजय को बतौर असिस्टेंट प्रोसेज इंजीनियर नौकरी दी थी। पार्ट टाइम जॉब के लिए कंपनी अजय को 16 लाख रुपये सालाना देती थी। अब इस उपलब्धि को लेकर क्षेत्रीय लोग बधाई देने को उनके घर पहुंच रहे हैं।
Published on:
16 Dec 2021 12:16 pm
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