कानपुरPublished: Feb 26, 2019 12:50:37 am
Vinod Nigam
अपने एक दिवसीय दौरे पर कानपुर पहुंचे राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, कई कार्यक्रमों में भाग लेने के बाद अपने टीचरों को किया सम्मानित, गुरू-शिष्य एक-दूसरे का पूछा हालचाल।
कानपुर। गवाह रहा है इतिहास सदा, गुरु के मार्गदर्शन पर जो शिष्य चला, उसे कभी कोई बाधा ना रोक सकी, ना कोई परेशानी टोक सकी। प्रगति पथ पर अग्रसर उसने स्वयं अपना इतिहास रचा, हुआ जब भी नवयुग का निर्माण उसकी नींव था गुरु का ज्ञान। इस कविता का झलक कानपुर के डीएवी कॉलेज में दिखी। जहां देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अपने गुरू किदवई नगर निवासी त्रिलोकी नाथ टंडन के पैर छुए तो बदले में उन्होंने अपने मेधा को गले लगाकर सौ साल उम्र के साथ ही ऐसे ही समाज सेवा का आर्शीवाद दिया। गुरू और शिष्य का जिसने भी ये रिश्ता देखा उसकी आंख भर आई।