कानपुर

गुरु हरिहर दास महाराज का निधन: शिष्य शोकमग्न, अंतिम संस्कार आज बिठूर में, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के शामिल होने की संभावना

Rajnath Singh Spiritual Guru Harihar Das Maharaj Passed Away : कानपुर में आध्यात्मिक गुरु हरिहर दास महाराज उर्फ संतोष द्विवेदी का 80 वर्ष की आयु में निधन हो गया। वे रक्षामंत्री राजनाथ सिंह के गुरु थे। उनके निधन की खबर से पूरे क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई। रविवार को उनका अंतिम संस्कार बिठूर में किया जाएगा।

3 min read
Jul 13, 2025
कानपुर में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह के गुरु हरिहर दास महाराज का निधन फोटो सोर्स : Patrika

Rajnath Singh Guru Harihar Das Maharaj: कानपुर शहर में शनिवार रात शोक की लहर दौड़ गई, जब रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के आध्यात्मिक गुरु और संत समाज की प्रतिष्ठित विभूति हरिहर दास महाराज उर्फ संतोष द्विवेदी का निधन हो गया। उनका निधन श्याम नगर स्थित उनके आवास पर हुआ। वे 80 वर्ष के थे। गुरुजी के निधन की खबर से पूरे क्षेत्र में श्रद्धालुओं और शिष्यों में शोक की लहर है। लोग रातभर आश्रम के बाहर जमा होकर भजन-कीर्तन और जप करते रहे। गुरुजी का अंतिम संस्कार रविवार को बिठूर के बैकुंठपुर घाट पर किए जाने की संभावना है।

सहसा बिगड़ी तबीयत, 7 एयर फोर्स हॉस्पिटल में हुआ निधन

पार्षद नीलम उमेश शुक्ला के अनुसार, शनिवार रात लगभग 8 बजे संतोष द्विवेदी की तबीयत अचानक खराब हुई। उन्हें तुरंत 7 एयर फोर्स हॉस्पिटल ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। वह अपनी दो बेटियों अंजू मिश्रा (निवासी श्याम नगर बी ब्लॉक) और संगीता मिश्रा (निवासी बर्रा, विश्व बैंक) के साथ रहते थे। गुरुजी की पत्नी मिथलेश द्विवेदी का निधन पहले ही 22 जून 2021 को हो गया था। पत्नी के जाने के बाद से दोनों बेटियाँ ही उनकी सेवा में लगी रहीं।

आश्रम में उमड़ा भक्तों का सैलाब

उनके निधन की खबर मिलते ही श्याम नगर स्थित हरिहर धाम के बाहर बड़ी संख्या में भक्त और श्रद्धालु इकट्ठा हो गए। आश्रम के बाहर ‘हरे राम, हरे कृष्ण’ और ‘ओम नमः शिवाय’ के जप करते हुए भक्तों की आंखों में आंसू थे। पुरुषों के साथ महिलाएं भी देर रात तक कीर्तन में जुटी रहीं। कारों और बाइकों से आने वालों की भीड़ इतनी बढ़ गई कि सड़क पर जाम की स्थिति बन गई। पुलिस को स्थिति नियंत्रण में लाने के लिए गार्डों को अंदर भेजना पड़ा। एसीपी चकेरी अभिषेक पांडे खुद मौके पर पहुंचे और मदर एंड चाइल्ड स्कूल से वीरेंद्र स्वरूप स्कूल तक बैरिकेडिंग करवाई गई।

रक्षामंत्री राजनाथ सिंह के आने की संभावना

हरिहर दास महाराज रक्षामंत्री राजनाथ सिंह के गुरु माने जाते थे। गुरुजी का राजनीतिक और आध्यात्मिक दोनों ही क्षेत्रों में विशेष प्रभाव रहा है। माना जा रहा है कि रविवार को रक्षा मंत्री कानपुर पहुंच सकते हैं और अपने गुरु को अंतिम विदाई दे सकते हैं।

गुरुजी की भविष्यवाणियों की चर्चा

गुरुजी अपने गूढ़ आध्यात्मिक ज्ञान और दूरदर्शिता के लिए प्रसिद्ध थे। शिष्य बताते हैं कि उन्होंने कई बार सटीक भविष्यवाणी की थीं। एक बार एक दंपति झगड़कर उनके पास आए थे। गुरुजी ने महिला से कहा था कि यह व्यक्ति अब सिर्फ 15 दिन का मेहमान है। और संयोगवश, 15वें दिन उस व्यक्ति की मृत्यु हो गई। गुरु पूर्णिमा के दिन भी उन्होंने संकेत दिया था “यहां कोई परमानेंट नहीं आया है। छाती पर किसी का एग्रीमेंट नहीं है। हरे राम हरे कृष्ण का जप करते रहना चाहिए।”
इस कथन को अब उनके अंतिम संदेश के रूप में याद किया जा रहा है।

पार्क में बैठकर बोले थे ‘‘प्रेम ना हो, तो पास मत भटको’’

गुरु पूर्णिमा के दिन गुरुजी काफी देर तक पार्क में बैठे रहे और अपने शिष्यों से कहा कि"जो भगवान की पूजा में रुचि रखता है, वह मेरे साथ प्रेम में है। जो केवल दिखावे या स्वार्थ से आता है, उससे मेरा कोई वास्ता नहीं।" उन्होंने यह भी कहा था कि "सीता-राम और भगवान के भजन जो सुनता है, वह मेरा निकटवर्ती है।"

श्रद्धांजलि देने पहुंचे कुलपति और अन्य लोग

गुरुजी के निधन की सूचना मिलते ही छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. विनय कुमार पाठक श्याम नगर स्थित आश्रम पहुंचे। उनकी आंखें नम थीं। शिष्य और श्रद्धालु लगातार पहुंच रहे थे।

गुरुजी का जीवन और सेवा

हरिहर दास महाराज उर्फ संतोष द्विवेदी का जीवन पूरी तरह भक्ति और सेवा में समर्पित था। उन्होंने जीवनभर हजारों शिष्यों को आध्यात्मिक मार्ग दिखाया। वे समाजसेवी भी थे और कई बार जरूरतमंदों की चुपचाप मदद करते थे। उनके दामाद डॉक्टर जी.के. मिश्रा उनके स्वास्थ्य की देखभाल वर्षों से कर रहे थे और इलाज के लिए उन्हें लखनऊ समेत कई जगह ले जाया गया।

अंतिम संस्कार की तैयारी

रविवार को उनका अंतिम संस्कार बिठूर के बैकुंठपुर घाट पर होने की संभावना है। देर रात तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया था कि अंतिम संस्कार किस समय होगा। आश्रम में डीप फ्रीजर की व्यवस्था की गई है, जहां गुरुजी का पार्थिव शरीर रखा गया है।

गुरु के जाने से भक्तों में गहरा शोक

गुरु संतोष द्विवेदी के निधन से उनके हजारों शिष्यों और भक्तों में गहरा शोक है। उनका जीवन समाज और अध्यात्म के लिए एक आदर्श था। उनके जाने से जो खालीपन उत्पन्न हुआ है, उसे भर पाना आसान नहीं होगा। हरिहर दास महाराज अमर रहें। उनकी शिक्षाएं और आध्यात्मिक ऊर्जा हमेशा हमारे साथ बनी रहेंगी।

Also Read
View All

अगली खबर