
अब नहीं हाफेंगे रिक्शा चालक, मेहनत होगी कम
कानपुर। रिक्शे पर बैठने वाले को रिक्शा चलाने वाले की तकलीफ का अंदाजा नहीं होता। तेज गति में चल रहे रिक्शे को जाम में बार-बार ब्रेक लगाकर फिर पूरी ताकत से रिक्शा खींचना पड़ता है। पर नोएडा के संजीव अर्जुन गौड़ ने यह तकलीफ महसूस की और इसका हल खोज निकाला। उन्होंने एक संयंत्र तैयार किया, जिसे धक्का बे्रक नाम दिया है। यह संयंत्र रिक्शा चालकों के लिए काफी मददगार साबित होगा।
बुजुर्ग की तकलीफ देख आया आइडिया
संजीव बताते हैं कि वह एक दिन कार से घर जा रहे थे। रास्ते में गाड़ी खराब हो गई तो उन्होंने रिक्शा लिया। रिक्शा चालक का जाम में बार-बार ब्रेक लगानी पड़ रही थी, जिससे उसे दोगुनी मेहनत करनी पड़ी। संजीव यह सब देख रहे थे, उन्होंने इस तकलीफ को समझा और उसे दूर करने की ठानी। करीब साढ़े सात साल बाद वे अपनी मेहनत में सफल रहे।
कैसे करता है काम
संजीव का बनाया गया संयंत्र धक्का ब्रेक रिक्शे के एक्सेल में लगाया जाता है और उससे जुड़ा हथ्था पैडल के पास होता है। इससे रफ्तार में दौड़ रहे रिक्शे को ब्रेक लगाकर छोडऩे के बाद फिर उसी रफ्तार में लाया जा सकता है। इसकी कीमत केवल ३००० रुपए है। यह उनका आठवां मॉडल है जिसे कई विशेषज्ञों ने पास भी किया है। उन्होंने इसका पेटेंट भी करा लिया है।
रिक्शा नहीं पलटेगा
तेज रफ्तार होने पर रिक्शे को अचानक मोडऩे के दौरान ब्रेक लेने पर रिक्शा पलट जाता है, लेकिन धक्का ब्रेक लगा होने से रिक्शा पलटेगा नहीं। धक्का ब्रेक लगाने के बाद ब्रेक का हथ्था पैडल के पास लगाया जाता है। इससे ब्रेक पिछले पहिए में समान रूप से लगता है और रिक्शा पलटने की गुंजाइश नहीं रहती।
पीएम मोदी ने दिया था अवार्ड
संजीव के इस धक्का ब्रेक को नीति आयोग ने टॉप २० इनोवेशन में शामिल किया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संजीव की इस उपलब्धि को जमकर सराहा और अवार्ड भी दिया था। आईआईटी में चल रहे स्टार्टअप मास्टर क्लास में प्रजेंटेशन के लिए टॉप-१२ स्टार्टअप को मौका दिया गया। इसमें एक संजीव का धक्का ब्रेक भी है।
Published on:
04 Feb 2019 01:09 pm
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