जिसका सपा खुलकर विरोध करती है और गैर सरकारी आयोजनों में अगर ऐसे ही केसरिया रंग फहराया जाता रहा तो हमलोग सड़क से लेकर संसद तक आंदोलन करने को बाध्य होंगे। शुक्रवार को पार्टी के सैकड़ों कार्यकर्ता लैंडमार्क होटल के बाहर धरना-प्रदर्शन कर यूपीसीए के साथ ही बीसीसीआई के अफसरों से ऐस आयोजनों पर रोक लगाए जाने की मांग करेंगे।
आज सपा करेगी विरोध-प्रदर्शन भारत बनाम न्यूजीलैंड के बीच तीसरा एक दिवसीय मैच कानपुर के ग्रीनपार्क स्टेडियम में 29 अक्टूबर को खेला जाना है। जिसक चलते दोनों टीमें गुरुवार को शहर पहुंची। हैंडमार्क होटल में खिलाड़ियों को स्वगात सत्कार इसबार अनोखा था। सभी को सीएम योगी के नाम लिखे गमछे ओढ़ाए और शंख के साथ ही जयश्रीराम के नारे लगाए गए। आयोजन के बाद जैसे ही ये खबर मीडिया के जरिए राजनेताओं तक पहुंची तो सबने इस पर विरोध दर्ज कराया।
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राजराम पाल ने कहा कि संघ के इशारे पर पीएम मोदी देश को हिंदूराष्ट्र बनाने की तरफ बढ़ रहे हैं। प्रदेश उपाध्यक्ष ने कहा कि साढ़े तीन साल में पीएम मोदी और सात माह में सीएम योगी ने जनता से किए वादे पूरे नहीं किए। सत्ता हाथ से निकल न जाए, इसी के चलते अब भगवा और रामराज के पुराने फार्मूले पर भाजपाई काम रहे हैं। वहीं सपा विधायक ने भगवा स्वागत को लेकर आज लैंडमार्क के बाहर धरना-प्रदर्शन करेंगे।
क्रिकेट को राजनीति से दूर रखें सीएम
क्रिकेट को राजनीति से दूर रखें सीएम
विधायक इरफान ने कहा कि पहले भी ग्रीनपार्क में कई मैच हुए। 500 वें टेस्ट मैच के दौरान भारत के पूर्व कप्तानों को पुरुस्कार भी ग्रीनपार्क स्टेडियम में दिए गए, लेकिन उस वक्त की सपा सरकार ने इस गैर सरकारी आयोजन से अपने को दूर रखा। पर योगी सरकार अब क्रिकेट और क्रिकेटरों के जरिए अपनी राजनीति चमका रही है। हमारी यूपीसीए और बीसीसीआई से मांग है कि क्रिकेट को राजनीति से दूर रखें।
ऐसे आयोजन व स्वागत सत्कार नहीं कराएं, जिससे कि किसी राजनीतिक दल को फायदा पहुंचे। सीएम अखिलेश यादव के कार्यकाल के दौरान कानपुर में कई मैच भी हुए, पर उन्होंने पार्टी के प्रचार के लिए ऐसे आयोजन कभी नहीं करवाए।
भगवा के जरिए जीतना चाहते हैं चुनाव
भगवा के जरिए जीतना चाहते हैं चुनाव
इरफान सोलंकी ने कहा कि यूपी में सात माह से योगी सरकार है, लेकिन स्वास्थ्य, सुरक्षा, करप्शन, और बेरोजगारी चरम पर है। शिक्षामित्र से लेकर आंगनबाड़ी की नौकरी कर रहीं महिलाओं को पुलिस के जरिए पिटवाया जा रहा है। शाम ढलते महिलाएं, युवतियां अपने-अपने घरों में कैद रहने को विवश हैं। किसानों बदहाल है तो युवा रोजगार के लिए सूबे से पलायन कर रहा है, लेकिन यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ अपनी असफलता को छिपाने के लिए भगवान राम की शरण में जाकर रामराज की बात कर रहे हैं।
जबकि यहां भगवान राम का नहीं अपराधियों का राज है। जिसे यहा की 22 करोड़ की जनता समझ चुकी है और निकाय चुनाव के दौरान इन्हें सूत समेत वापस करने को बेताब है। भाजपा विकास का झूठा ढिंढोरा पीट रही है, जबकि भगवा के जरिए निकाय चुनाव जीतना चाहती है।