
इस महिला नेता ने कहा मठ में दिखेंगे महंत, 2019 में गुजरात रवाना हों जाएंगे पीएम
कानपुर। गोरखपुर, फूलपुर के बाद कैराना लोकसभा और नूरपुर विधानसभा सीट में मिली जीत से जहां भाजपा के नेता खासे निराश हैं तो वहीं सपा, बसपा और रालोद खासे गदगद। उपचुनाव में मिली जीत के बाद पार्टी प्रवक्ता वंदना सिंह ने पत्रिका से खास बातचीत के दौरान कहा कि 2019 से पहले जनता ने सीएम योगी आदित्यनाथ को बुरिया-विस्तर बांध कर मठ जाने की तारीख मुकर्रर कर दी है। लोकसभा चुनाव के बाद पीएम मोदी को देश की जनता हरा कर गुजरात के लिए रवाना कर देगी। केंद्र व राज्य सरकार पूरी तरह बिफल रही है और अंग्रेजों के जमाने से भी बड़े कानून लगा उनका खुन चूस रही है। नाराज जनता वोट की चोट कर जुमलवालों को हरा रही है।
अपने गढ़ में हारी भाजपा
उत्तर प्रदेश की कैराना लोकसभा और नूरपुर विधानसभा सीट पर विपक्षी एकता के आगे बीजेपी पस्त हो गई। प्रदेश की ये दोनों सीटें बीजेपी के पास थीं, लेकिन केंद्र में मोदी और प्रदेश में योगी की अभूतपूर्व जोड़ी के बावजूद ये सीटें पार्टी के हाथ से निकल गई। 2017 के विधानसभा चुनाव के बाद ये पार्टी को लगा दूसरा बड़ा झटका है, क्योंकि इससे पहले बीजेपी फूलपुर और गोरखपुर जैसी अहम सीट भी सपा-बसपा के संयुक्त उम्मीदवार के हाथों हारकर गंवा चुकी है। जीत से उत्साहित सपा की राष्ट्रीय प्रवक्ता वंदना सिंह ने कहा कि 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जूमले और लोकलुभावन वादे कर सत्ता में आ गए। नोटबंदी, जीएसटी सहित किसानों, मजदूरों, दलितों के साथ ही अल्पसंख्यकों का उत्पीड़न किया। जनता को बैंक के बाहर खड़ा करवाया, अब वही जनता इनका बेरिया बिस्तर पहले देश से फिर प्रदेश से बांध कर बाहर कर देगी।
वोट की चोट कर दिखाया आईना
वंदना सिंह ने कहा कि 2014 लोकसभा चुनाव में पीएम मोदी को जनता ने वोट देकर दिल्ली की सत्ता सौंपी। चार साल के कार्यकाल के दौरान वह देश में कम विदेश में ज्यादा दिखे। जब भी किसी राज्य का चुनाव आता तो दूसरे देश में जाकर घर-घर मोदी के नारे लगवाते। जबकि देश की जनता ने तय कर लिया कि अब घर-घर मोदी नहीं, गो-गो मोदी के नारे लगेंगे और इसका नजारा, यूपी और कर्नाटक चुनावों में दिख गया है। मोदी सरकार अपने चार सालों के कार्यकाल का ढिंढोरा पीठ रही है, जबकि जमीन पर आज भी लोग खुले में शौंच कर रहे, गंगा देश की सबसे प्रदूषित नदियों में शुमार है।
अपराध और ब्यूरोकेट्स का बोलबाला
सपा प्रवक्ता ने बताया कि एक साल की योगी सरकार ने कई वादे शपथ ग्रहण के दौरान किए, लेकिन जमीन पर नहीं दिखे। रोमियो सेल का गठन किया, लेकिन शोदहों के खौफ से आज भी बेटियां घर से निकलने में डरती हैं। कानपुर की ही एक बीसीए की छात्रा ने शोहदे के चलते फांसी गलाकर जान दे दी। मामला बड़ता देख सीएम योगी ने बड़े अफसरों पर कार्रवाई करने के बजाए एक दरोगा को निलंबित कर जेल भेज दिया। बनारस में पुल हादस हुआ पर डीएम सहित अन्य अलाधिकारियों से सवाल-जवाब नहीं किए गए। कानपुर में 18 लोग जहरीली शराब का शिकार हो गए, पर यहां पर बाबू स्तर के कर्मचारी पर गाज गिरा, बड़े अफसरों को बचा लिया गया।
हार के यह रहे मुख्य कारण
बीजेपी ने सहानुभूति के नाम पर वोट हासिल करने के लिए हुकुम सिंह की बेटी मृगांका सिंह को मैदान में उतारा, जबकि आरएलडी ने तबस्सुम हसन को प्रत्याशी बनाया, जिन्हें सपा, बसपा और कांग्रेस समर्थन कर रहे थे। कैराना में एक बार फिर जाट-मुस्लिम एकजुट दिखे हैं। मुजफ्फरनगर दंगे के बाद दोनों के बीच गहरी खाई पैदा हो गई थी। इसी का नतीजा था कि आरएलडी प्रमुख चौधरी अजीत सिंह को लोकसभा और विधानसभा चुनाव में करारी मात खानी पड़ी थी। लेकिन उपचुनाव में एक बार फिर अजीत सिंह महागठबंधन में शामिल होकर अपना खोया हुआ जनाधार वापस पाने में सफल होते दिख रहे हैं। वहीं बीजेपी का मजबूत गढ़ नूरपुर ढह गया। सपा ने इस सीट पर जीत दर्ज की। सपा उम्मीदवार नईमुल हसन बीजेपी उम्मीदवार अवनि सिंह को हरा दिया।
Published on:
31 May 2018 04:18 pm
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