स्कूलों में घुसने जहां एक तरफ स्कूलों में नौनिहालों को खतरा होने से भगदड़ मचती है, वहीं बच्चों की पढ़ाई घरों के चबूतरों पर हो रही है।
कानपुर देहात-जनपद में आवारा पशुओं से त्रस्त किसानों ने एक नया कदम उठाया है। इन मवेशियों से खेत मे खड़ी फसलों को बचाने के लिए किसान अब इन मवेशियों को परिषदीय स्कूलों में बंद करने पर आमादा है। हालांकि मवेशियों के झुंड स्कूलों में घुसने से जहां एक तरफ स्कूलों में नौनिहालों को खतरा होने से भगदड़ मचती है, वहीं बच्चों की पढ़ाई घरों के चबूतरों पर हो रही है। बीते दिन मवेशियों के स्कूल में बंद होने के बाद मंगलपुर के अनन्तपुर गांव के बाद अब सिकन्दरा क्षेत्र के हाजिरपुर गांव के परिषदीय स्कूल के बच्चों को गांव के एक मकान के चबूतरे पर पढ़ाई कराई गई। मवेशियों की व्यवस्था न होने से किसानों में रोष व्याप्त है। फिलहाल मवेशी किसानों के लिए परेशानी का सबब बने हुए हैं।
तहसील क्षेत्र के हाजिरपुर गांव में किसानों ने एक सैकड़ा आवारा मवेशियों को हाजिरपुर प्राथमिक विद्यालय परिसर में बंद कर दिया था। सूचना पर पहुंचे तहसीलदार संजय कुशवाहा ने पशुओं को संरक्षित करने का किसानों को भरोसा दिया था। उधर दूसरे दिन जब स्कूल पहुंचे बच्चों ने मवेशियों की फौज परिसर में देखी तो चीखने चिल्लाने लगे। स्कूल पहुंचे शिक्षकों से ग्रामीणों ने बताया कि सिकंदरा तहसील के ब्लाक राजपुर के इस स्कूल में करीब आधा दर्जन किसानों ने रात को खेतों से खदेड़ कर इन मवेशियों को यहां लाकर बंद किया है।
प्रधानाचार्य सुरेंद्र प्रताप ने बताया कि जब सुबह आए तो स्कूल के अंदर मवेशी बंद थे। बच्चे बाहर इंतजार कर रहे थे। बाद में गांव के शैलेंद्र सिंह के मकान के बरामदे में बच्चों को बैठाया गया। एमपीआरसी नरेंद्र सिंह पहुंचे और व्यवस्था देखी। बच्चों को दोपहर का भोजन भी नहीं मिल सका। शिक्षक ने उन्हें फल वितरित कराए। सिकंदरा की एसडीएम विजेता सिंह ने कहा कि जिन किसानों या ग्रामीणों ने यह मवेशी स्कूल में बंद किये हैं, उन पर मुकदमा दर्ज होगा। यहां से मवेशी हटाने का इंतजाम किया जा रहा है। इन्हें बुधेड़ा डेरा गांव में अस्थाई बनाये गये गोशाला में रखा जायेगा।