कानपुर। लखनऊ से लेकर कानपुर सेंट्रल स्टेशन पहुंती हाईस्पीड तेजस ट्रेन की आगवाई बड़े धूम-धाम के साथ की गई। यहां से कुछ दूरी तक चली तेजस अचानक रूक गई, जिससे यात्री खौफजदा हो गए। आरपीएफ ने मामले की पड़ताल की तो पता कि किसी ने चेन पुलिंग के जरिए उसे रोका है। चेन पुलिंग करने वाले वेंडर को आरपीएफ ने हिरासत में लेकर जीआरपी के हवाले कर दिए। जीआरपी ने जांच पड़ताल के बाद बेंडर को छोड़ दिया।
दो बार चेन पुलिंग
लखनऊ से कानपुर सेंट्रल पहुंची तेजस एक्सप्रेस को देखने के लिए सैकड़ों की संख्या में यात्री प्लेटफार्म में मौजूद थे। रेलवे विभाग के अधिकारियो ने ट्रेन के ड्राइवर व गार्ड को फूल देकर उनका स्वागत किया। गार्ड ने जब हरी झंडी दिखाकर ट्रेन चलने का सिग्नल दिया, ड्राइवर ने जैसे ही ट्रेन को चलाया वैसे ही चेन पुलिंग कर दी गई । रेलवे टेक्नीशियन द्धारा हाउज पाइप जोड़ने के बाद दोबारा जैसे ही ट्रेन आगे बढ़ी वैसे ही फिर से चेन पुलिंग हो गई। तेजस एक्सप्रेस ट्रेन की चेन पुलिंग के आरोप में आरपीएफ ने वृंदावन कैटर्स के कर्मचारी रामू यादव को हिरासत में ले लिया।
यात्री ने की चेन पुलिंग
मामले पर आरपीएफ इन्स्पेक्टर प्रदुम्न कुमार ओझा का कहना है कि कोई यात्री ट्रेन में चढ़ नहीं पाया था। तेजस के अंदर बैठे उनके परिजनों ने चेन पुलिंग की, जिससे कारण ट्रेन को रोकना पड़ा। इंस्पेक्टर के मुताबिक ट्रेन महज चार से पांच मिनट तक रूकी और फिर अपने सफर के लिए रवाना हो गई। बतादें 160 किमी की रफ्तार वाली पहली निजी ट्रेन तेजस एक्सप्रेस शुक्रवार को लखनऊ से सुबह 9.55 पर अपने सफर पर निकली। लखनऊ से उन्नाव, कानपुर होते हुए दिल्ली रूट पर दौडने वाली ट्रेन की रफ्तार कुसुंभी से सोनिक स्टेशन के बीच 100 किमी प्रति घंटा रही।