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कानपुर यूनिवर्सिटी से इन 400 कालेजों की संबद्धता खत्म

-नए सत्र में इन जिलों के छात्रों को डिग्री कालेज में प्रवेश लेने के लिए पंजीकरण को लखनऊ विश्वविद्यालय की शरण में जाना पड़ेगा, -चार जिलों से पहले 2015 में सीएसजेएम विश्वविद्यालय से इलाहाबाद, फतेहपुर एवं कौशांबी जनपद के अलग किए गए थे करीब चार सौ पचास डिग्री कालेज, -सीएसजेएम से जुड़े 950 कालेजों में अभी हैं करीब 8 लाख छात्र छात्राएं अध्ययनरत,

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कानपुर यूनिवर्सिटी से इन 400 कालेजों की संबद्धता खत्म

कानपुर यूनिवर्सिटी से इन 400 कालेजों की संबद्धता खत्म

पत्रिका न्यूज नेटवर्क
कानपुर-यूपी सरकार ने कानपुर के छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय से संबद्ध करीब 400 से अधिक महाविद्यालयों को अलग करके बोझ हल्का कर दिया है। इसके लिए सरकार ने गजट जारी कर मुहर लगा दी है। हरदोई, सीतापुर, रायबरेली और लखीमपुर के डिग्री कालेजों को अब कानपुर विश्वविद्यालय से हटाकर लखनऊ विश्वविद्यालय से संबद्ध किया गया है। अब नए सत्र में इन जिलों के छात्रों को डिग्री कालेज में प्रवेश लेने के लिए पंजीकरण के लिए लखनऊ विश्वविद्यालय की शरण में जाना पड़ेगा। हालांकि दूरी कम होने से छात्रों को जाने आने में भी सुविधा मिलेगी। हालांकि इन चार जिलों से पहले 2015 में सीएसजेएम विश्वविद्यालय से इलाहाबाद, फतेहपुर एवं कौशांबी जनपद के करीब चार सौ पचास डिग्री कालेज अलग किए गए थे, जो कि इलाहाबाद विश्वविद्यालय से संबद्ध किए गए हैं।

देशभर में सीएसजेएमयू से हैं सबसे अधिक कालेज संबद्ध

दरअसल देश भर में देखा जाए तो सबसे अधिक 950 डिग्री कालेज सीएसजेएम विश्वविद्यालय से संबद्ध हैं। संबद्ध कालेज दूर दराज तक स्थित हैं। इसलिए कालेजों की संख्या घटाई गई है। इन चार जिलों के डिग्री कालेजों को अलग करने के बाद सीएसजेएम यूनिवर्सिटी से सिर्फ कानपुर नगर, कानपुर देहात, औरैया, फर्रुखाबाद, कन्नौज, उन्नाव एवं इटावा के करीब 500 डिग्री कालेज ही संबद्ध रहेंगे। जबकि सीएसजेएम से जुड़े 950 कालेजों में अभी करीब 8 लाख छात्र छात्राएं अध्ययनरत हैं।

नई शिक्षा नीति से अब एक विश्वविद्यालय से 300 कालेज ही रहेंगे संबद्ध

दरअसल नई शिक्षा नीति के मुताबिक शिक्षा को और भी बेहतर बनाना है। इसलिए किसी भी यूनिवर्सिटी में अधिक से अधिक 300 कालेज ही जोड़ने का फैसला लिया गया है। सभी विश्वविद्यालयों में इस नियम के अनुसार तैयारी की जा रही है। छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ अनिल कुमार यादव ने बताया कि कॉलेजों की संबद्धता खत्म किए जाने से संबंधित प्रदेश सरकार का गजट अभी मिला नहीं है। शासन के आदेशानुसार आगे की प्रक्रिया होगी।


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