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IAS – के प्रोजेक्ट को देख सीएम गदगद,  एक रंग-रूप में नजर आएंगे यूपी के कई शहर

कानपुर और उन्नाव के बीच बसेगी सेटेलाइट सिटी, शुक्लागंज में तलाशी जाएगी जमीन

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 कानपुर और उन्नाव के बीच बसेगी सेटेलाइट सिटी, शुक्लागंज में तलाशी जाएगी जमीन

कानपुर। उत्तर प्रदेश के सीएम पद की शपथ लेने के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ ने महानगरों के कायाकल्प का बीणा उठाया और वहां तेज-तर्राक क्षवि के आईएस अफसरों को काम सौंपा। केडीए उपाध्यक्ष की कुर्सी संभालने के बाद के. विजयेंद्र पाण्डियन ने कई अहम फैसले लिए और अमीर और गरीब के बीच आवास देकर दूरियां कम कीं। ऐसे ही एक प्रोजेक्ट सेटेलाइट सिटी को लेकर उन्होंने सीएम की गटित अर्बन अफोर्डेबल हाउसिंग पॉलिसी कमेटी से चर्चा की। टीम ने प्रोजेक्ट कसे सीएम के पास भिजवाया, जिसे देख वह खासे खुश हुए और तत्काल इस पर कार्य करने की रजामंदी दे दी। सीएम की रजामंदी के बाद केडीए वीसी ने जमीन पर काम करना शुरू कर दिया है। कानपुर और उन्नाव के बीच जुड़वां शहर (ट्विन सिटी) की नींव रखने जा रहे हैं। इस प्रोजेक्ट के लिए जमीन शुक्लागंज में चिह्नीत की जा रही है।

आद्यौगिक शहर कानपुर से होगी इसकी शुरूआत
शहरों को आपस में जोड़ने और वहां एक जैसे महौल देने के लिए योगी सरकार सूबे के कई जिलों में सेटेलाइट सिटी का निर्माण करवाएगी। इसकी शुरूआत प्रदेश के सबसे बड़ेआद्यौगिक शहर कानपुर से होगी। यहां उन्नाव और कानपुर के बीच एक सेटेलाइट सिटी बनने की नींव केडीए वीसी ने रख दी है। केडीए की टीमें शुक्लागंज इलाके में इसके लिए जमीन तलाशी जाएगी। केडीए वीसी के. विजयेंद्र पाण्डियन ने बताया कि ऐसा प्रस्ताव राज्य के सभी शहरों के लिए किया गया है। इससे आवास की समस्या दूर होगी। वीसी के मुताबिक अब सेटेलाइट मैप से देखा जाएगा कि अपना शहर किस तरफ बढ़ रहा है। किस दिशा में लगातार निर्माण हो रहे हैं। बसावट जिधर हो रही है उधर कौन सा शहर है और उस शहर से कनेक्टिविटी कैसी है, इसका अध्ययन करने के बाद दोनों शहरों के बीच में सेटेलाइट शहर बसाया जाएगा।
शुक्लागंज में तलाशी जाएगी जमीन
केडीए वीसी के. विजयेंद्र पाण्डियन ने बताया कि कानपुर और उन्नाव के बीच शुक्लागंज को इसके लिए चुना गया है। क्योंकि शुक्लागंज और कानपुर एकदम सटे हैं। आबादी यहां से वहां तक लगातार मिली हुई है। यदि हमें शुक्लागंज में ज्यादा से ज्यादा जमीन मिल जाएगी तो वहां हम सेटेलाइट सिटी बसाएंगे। वीसी ने बताया कि सेटेलाइट सिटी बनने से दोनों शहरों के लोगों को एक समान सुविधा मिलेगी। सेटेलाइट सिटी से दो शहरों के बीच की दूरी भी घटेंगी और आराम से बसावट भी हो सकेगी। केडीए वीसी ने बताया कि इस काम को प्राईवेट कंपनियों को दिया जा सकता है, लेकिन इसके लिए उन्हें हमारे दिए गए नियमों को पालन करना होगा। टेडर से पहले कंपनियों को पहले सस्ते आवास के लिए हस्ताक्षर करने होंगे। जो ंकंपनी कम पैसे में लोगों को आवास उपलब्ध कराएगी उसे ही यह प्रोजेक्ट दिया जाएगा।
फतेहपुर-कानपुर के बीच सेटेलाइट सिटी
केडीए वीसी ने बताया कि पहले कानपुर और उन्नाव के बीच यह काम होगा और इसके बाद हम कानपुर से सटे शहर फतेहपुर में सेटेलाइट सिटी बसाएंगे। केडीए वीसी ने बताया कि फतेहपुर से कानपुर की दुरी बहुत कम है और महराजपुर के आगे उसकी सरहद शुरू हो जाती है। इसलिए रूमा से लेकर महाराजपुर के अलावा रमईपुर और मझावन के आसपास भी जमीन देखी जाएगी। केडीए वीसी ने कहा कि हम एक तरह की सिटी, एक तरह का वातावरण और एक जैसा महौल बनाकर जनता को देंगे। जिससे वह बेहतर और स्वस्थ्य जीनव जी सकें। शासन की तरफ से रजामंदी मिलने के बाद केडीए इस पर काम शुरू कर दिया है और कुछ माह के बाद इसे धरातल पर लेकर आएंगे।
इसके जरिए आवास की समस्या होगी दूर
केडीए वीसी ने सेटेलाइट सिटी के बारे में बताया कि यह प्रोजेक्ट दो शहरों के बीच बसाए जाने वाला ऐसा शहर होगा जिसकी दूरी लगभग एक समान होगी। इसके बसने के बाद दोनों बड़े शहर एक दूसरे से कनेक्ट हो जाएंगे। दोनों की आबादी सेटेलाइट सिटी तक पहुंच जाएगी। वीसी ने बताया कि सिंपिल शब्दों में इसे जुड़वां शहर (ट्विन सिटी) को बिल्कुल पास लाने का बड़ा माध्यम भी कह सकते हैं। इस सिटी की कल्पना सेटेलाइट मैप के जरिए की जाती है। सेटेलाइट मैप से देखा जाता है कि दोनों शहरों के बीच किस तरफ बसावट हो रही है। उसी तरफ बीच में सेटेलाइट सिटी के नाम से टाउनशिप की लांचिंग होती है। यहां लोग आसानी से प्लॉट या आवास ले लेते हैं क्योंकि दोनों शहरों के बीच पहले से ही दूरी कम हो रही होती है। यह भविष्य में आवास की समस्या को दूर करने की प्लानिंग है।