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कानपुर

तीन कोविड मरीजों के इलाज में सक्रिय हुए 50 डॉक्टर और 58 पैरा मेडिकल स्टाफ

कानपुर के जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज से संबद्ध हैलट कोविड अस्पताल में कोरोना (Covid-19) प्रोटोकॉल फॉलो करने के चक्कर में 50 डॉक्टर और 58 पैरा मेडिकल स्टाफ तीन संक्रमित मरीजों के इलाज में फंसे रहे

कानपुरFeb 03, 2021 / 10:44 am

Karishma Lalwani

तीन कोविड मरीजों के इलाज में सक्रिय हुए 50 डॉक्टर और 58 पैरा मेडिकल स्टाफ

तीन कोविड मरीजों के इलाज में सक्रिय हुए 50 डॉक्टर और 58 पैरा मेडिकल स्टाफ

कानपुर. कानपुर के जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज से संबद्ध हैलट कोविड अस्पताल में कोरोना (Covid-19) प्रोटोकॉल फॉलो करने के चक्कर में 50 डॉक्टर और 58 पैरा मेडिकल स्टाफ तीन संक्रमित मरीजों के इलाज में फंसे रहे। दरअसल, हैलट के न्यूरो कोविड अस्पताल में पिछले 11 दिनों में सिर्फ पांच कोरोना मरीजों का इलाज हुआ। इसमें से तीन मरीजों की कोरोना टेस्ट रिपोर्ट निगेटिव आई, तो उन्हें डिस्जार्ज कर दिया गया। रात में कोई कोविड मरीज अस्पताल में न होने और ऐसे मरीजों की गिरती संख्या को देखते हुए अस्पताल के डॉक्टर्स ने कहना शुरू कर दिया कि अब कोविड हॉस्पिटल का दायरा कम किया जाना चाहिए। हालांकि, अगले ही दिन फिर कोविड मरीजों को भर्ती करने से पूरे स्टाफ को दोबारा से प्रोटोकॉल में सक्रिय होना पड़ा।
बुधवार सुबह एक मरीज न्यूरो कोविड में तो दो संक्रमित प्रसूताओं को जच्चा-बच्चा कोविड विंग में भर्ती कराया गया। इससे फिर से पूरे स्टॉफ को प्रोटोकॉल में सक्रिय होना पड़ा। कोविड हॉस्पिटल में न्यूनतम मरीज हैं लेकिन 50 से ज्यादा डॉक्टरों और कुल सौ से ज्यादा स्टाफ को ड्यूटी करनी पड़ रही है। मैटरनिटी कोविड अस्पताल तो खाली पड़ा है पर डॉक्टर ड्यूटी पर हैं।
20 बेड की अलग कोविड यूनिट

पिछले वर्ष यूपी में कोरोना संक्रमण की आहट के साथ ही जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में 100-100 बेड के न्यूरो कोविड और मैटरनिटी कोविड हॉस्पिटल (लेवल-3) बनाए गए। संक्रमित प्रसूताओं के लिए अपर इंडिया शुगर एक्सचेंज जच्चा-बच्चा अस्पताल में 20 बेड की अलग कोविड यूनिट तैयार की गई। मरीजों की घटती बढ़ती संख्या को देखते हुए अस्पताल में लगे बेड की संख्या भी बढ़ रही है। तीनों कोविड हॉस्पिटल में रोटेशन में हर दिन 108 से 116 डॉक्टरों और पैरा मेडिकल स्टाफ की ड्यटी लगाई जा रही है। वहीं, कोरोना के गिरते ग्राफ को देखते हुए विशेषज्ञों और आईसीयू में एनेस्थीसिया के विशेषज्ञों की संख्या घटा दी गई है।
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