संभागीय परिवहन अफसरों ने बताया कि सिटीजन चार्टर के लागू होने की वजह से ऑनलाइन व्यवस्था पर पूरा जोर है। इसमें कोई भी किसी का काम ज्यादा दिनों तक टाल नहीं सकेगा और कार्य की लापरवाही का प्रमाण भी रिकार्ड में रहेगा। अब लोक प्रबंधन विभाग ने प्रमुख कार्य पूरे होने की समयावधि तय कर दी है। समय पर काम न होने पर आम आदमी जिले के आरटीओ और उप परिवहन आयुक्त के यहां परिवाद भी दाखिल कर सकेगा।
लर्निंग डीएल, परमानेंट डीएल, डीएल का रिन्यूअल, डीएल में अंकित पता में संशोधन, डीएल का प्रतिस्थापन, कंडक्टर डीएल, फिटनेस की दूसरी प्रति जारी करना, वाहनों का रीपंजीयन, स्वामित्व हस्तांतरण, वाहन पंजीयन के पता में बदलाव, दूसरे जिले में वाहन ले जाने की एनओसी, लोन अदायगी के बाद उसे कटवाना, विशेष परमिट और नेशनल परमिट। इन सभी कार्यों को सात कार्य दिवस में निस्तारित करने का सर्कुलर जारी किया गया है।
डीएल या अन्य कार्य के लिए तय अवधि में यदि किसी का डीएल से लेकर वाहन संबंधी काम नहीं होता है तो वह आरटीओ के यहां अपील कर सकता है। तीस कार्य दिवस में आरटीओ को इस मामले का निस्तारण करना होगा। इस अवधि में यदि आपका काम नहीं होता है या फिर आरटीओ के फैसले से आप संतुष्ट नहीं है तो आप उप परिवहन आयुक्त के यहां अपील कर सकते हैं। इसकी भी अवधि तीस दिन है। इसके बाद आखिरी और तीसरी अपील परिवहन आयुक्त के होगी। इसमें दोषी कर्मचारियों से लेकर अफसरों तक के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई तक हो सकती है।