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उदयपुर कन्हैयालाल हत्याकांडः कानपुर से आतंकी कनेक्शन, एनआईए की टीम जल्द जा कर करेगी छानबीन

locationकानपुरPublished: Jun 30, 2022 07:07:53 pm

Submitted by:

Snigdha Singh

Udaipur Murder Case: उदयपुर में हुए हत्याकांड के बाद कई बड़े खुलासे हो रहे हैं। कानपुर में दावते इस्लामी का मुख्यालय है। राजस्थान डीजीपी ने इस पर कई बड़े बयान दिए।

Udaipur Kanhaiyalal murder Terrorist connection Kanpur NIA investigate

Udaipur Kanhaiyalal murder Terrorist connection Kanpur NIA investigate

उत्तर प्रदेश में हिंसा फैला कर बड़ी आतंकी घटना को अंजाम देने की तैयारी में जुटे थे दावते इस्लामी के लोग। इस बात की जानकारी राजस्थान के डीजीपी ने दी है। उदयपुर के कन्हैया लाल मर्डर केस में पकड़े गए।(दोनो अपराधियों के नाम गौस) के पास से बरामद दस्तावेज से राजस्थान पुलिस को पता चला है कि ये आतंकी संगठन दिल्ली, मुंबई और कानपुर में सक्रिय था। खुफिया जानकारी के मुताबिक कानपुर में अपना हेडक्वार्टर बना कर आतंकी संगठन पूर्वोत्तर के इलाकों में हिंसा फैलाने की साज़िश कर रहा था। यही नहीं इसके कार्यकर्ता बाकायदा लोगो को टेरर, सैबोटेज करने की ट्रेनिंग दे थे। राजस्थान के डीजीपी एम एल लाठर के मुताबिक मोहम्मद गौस 2014 में कराची भी गया था।
डीजीपी ने दिया बड़ा बयान

राजस्थान के डीजीपी एमएल लाठर ने बड़ा बयान दिया। कहा कि आतंकी संगठनों के सक्रिय रहने के दस्तावेज मिले हैं। कानपुर, दिल्ली और मुम्बई में ये आतंकी संगठन सक्रिय हैं। उदयपुर हत्याकांड के दोनों आरोपियों का इन संगठनों से ताल्लुक जुड़ता नजर आ रहा है।
एनआईए के पास पता लगाने के ज्यादा बेहदर तरीके हैं पता लगाने के

एनआईए के सूत्रों के मुताबिक जल्दी ही एक टीम कानपुर के लिए भेजी जाएगी। ये टीम सक्रिय आतंकी संगठन के दस्तावेजों के आधार पर छानबीन करेगी। डीजीपी का कहना है कि एनआईए के पास ऐसे आंतकी संगठनों के बारे में पता लगाने के लिए ज्यादा बेहतर तरीके हैं। जल्द से जल्द एनआईए ऐसे संगठनों का खुलासा करेगी।
दावते इस्लामी का कानपुर हेडक्वार्टर

बताते हैं कि दावते इस्लामी की स्थापना 1981 में पाकिस्तान में हुई थी। 1991 में जब हलीम इंटर कॉलेज ग्राउंड पर कांफ्रेंस हुई तो संस्थापक मौलाना इलियास कादरी ने इसमें भाग लिया था। 2000 में नारामऊ में इजतेमा (धार्मिक सम्मेलन) हुआ था, इसमें लाखों लोगों ने शिरकत की थी। 1991 के बाद दावते इस्लामी का दावते इस्लामी ऑफ इंडिया और सुन्नी दावते इस्लामी में विभाजन हो गया था। 2010 के बाद दावते इस्लामी ने फिर अपनी जड़ें मजबूत कीं।

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